
वर्कशॉप अटेंड करने वाली मेघा को ये मैसेज वॉट्सऐप पर मिला है. वर्कशॉप अटेंड करने के बाद वो इस ख़बर की सच्चाई जानना चाहती हैं.
दावा
पहले दावा जान लेते हैं. हम दावे को बिना किसी छेड़छाड़ या भाषा में बदलाव किए लिख रहे हैं. दावा है-प्लीज सभी मित्रो फोर्वर्ड करे. Hyderabad पुलिस की तरफ़ से पुरे भारत मे सूचना दि गयी है. क्रुपया आने वाले कुछ दिनो तक आप कोई भी कोल्ड ड्रिंक जैसे माज़ा, फैन्टा,7 अप, कोका कोला, mauntain डीओ, पेप्सी, इत्यादि न पिये क्यूकी इसमेसे एक कम्पनी के कामगार ने इसमे इबोला नामक खतरनाक वायरस का दूषित खून इसमे मिला दिया है . ये खबर कल NDTV चैनल मे बतायी थी. आप जल्द से जल्द इस मेसेज को फोर्वर्ड करके मदद करे . ये मेसेज आपके परिवार मे फोर्वर्ड करे . आप जितना हो सके इसे शेअर करे..धन्यवाद.# मैसेज में दावा किया जा रहा है कि पेप्सी-कोका-कोला के किसी कर्मचारी ने ड्रिंक्स में संक्रमित खून मिलाया है. लेकिन पेप्सी और कोका-कोला दो अलग-अलग कंपनियां हैं. और दोनों को एक ही बार में लपेटा जा रहा है.

फेसबुक और ट्विटर पर भी इस तरह के दावे किए जा रहे हैं.

पड़ताल
हमने खबर की पड़ताल की. गूगल पर 'Ebola Virus in Cold drink' सर्च किया. यानी कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस. इससे संबंधित कई खबरें मिलीं.# check4spam वेबसाइट ने 2017 में ही इस मैसेज के सच्चाई की तफ्तीश की थी. इसके मुताबिक इस मैसेज में कोई सच्चाई नहीं है. NDTV चैनल ने इस तरह की कोई खबर कभी नहीं दी थी. यानी एनडीटीवी के हवाले से जो दावा किया जा रहा है उसमें कोई सच्चाई नहीं है.
# इबोला वायरस फूड के माध्यम से नहीं फैलता. इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि व्यावसायिक रूप से उत्पादित खाद्य पदार्थ दुनिया में कभी और कहीं भी इबोला वायरस फैलाते हों.
# 'कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस' दरअसल पहले फैलाए गए झूठ का नया वर्जन है. पहले दावा किया गया था कि कोल्ड ड्रिंक में एचआईवी वायरस मिला दिया गया है. उस दावे में भी कोई सच्चाई नहीं थी.
# वायरल मैसेज के साथ शेयर की जा रही तस्वीरें भारत की नहीं हैं. ये साल 2016 में पाकिस्तान की एक फैक्ट्री में नकली कोल्ड ड्रिंक बनाए जाने के दौरान मारे गए छापे की हैं.
# इसके अलावा आपको बता दें, इबोला, वायरस से होने वाली बीमारी भारत में ज्यादा नहीं पाई जाती. ये जानलेवा बीमारी ज्यादातर सब-सहारा अफ्रीका में मौजूद है. इंफेक्टेड जानवर या इबोला वायरस से संक्रमित किसी बीमार या मरे व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने से इबोला इंफेक्शन हो सकता है. भारत में इस बीमारी के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं.
नतीजा
‘दी लल्लनटॉप’ की पड़ताल में नतीजा निकला कि सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे इस तरह के पोस्ट झूठे हैं, भ्रामक हैं. इसका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है. कोल्ड ड्रिंक में इबोला वायरस मिलाने वाली बात झूठ है.अगर आपको किसी ख़बर पर शक हो तो हमें लिखें. हमारा पता है
PADTAALMAIL@GMAIL.COM
पड़ताल: क्या कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय ने ईवीएम के पास खड़े होकर वोट डलवाए?