
निशांत के पास ये जानकारी सोशल मीडिया से पहुंची है. निशांत, उदयपुर में हमारी वर्कशॉप का हिस्सा बने थे.
निशांत चाहते हैं कि 'दी लल्लनटॉप' इसकी ख़बर की पड़ताल करे और उन तक सच पहुंचाए. वैसे ये खबर पहले भी आ चुकी है. 20 हज़ार करोड़ ज़ब्त करने के दावे को सही साबित करने के लिए कई तरह की फोटोज़ दिखाई जा रही हैं, जिसमें 2000 के नोटों के बंडल दिख रहे हैं. हमने पहले भी इस ख़बर की तफ्तीश की थी. चूंकि, निशांत को इस ख़बर पर शक है और ये दोबारा शेयर की जा रही है, इसलिए हम आप तक फिर सच्चाई पहुंचा रहे हैं.
दावा
देखिए चौकीदार के चौकीदारी में देश कैसे लुटा जा रहा है. बीजेपी विधायक सुधीर गाडगिल की कार से 20 हजार करोड़ की नई करंसी पकड़ी गई है. ये खबर आग की तरह फैला दो क्योंकि अपने भारत की मीडिया में ये दिखाने की औकात नहीं।इससे पहले जब नोटबंदी के दौरान ये पोस्ट वायरल की जा रही थी तब लिखा जा रहा था
भाजपा विधायक सुधीर गड़गिल की बोलेरो कार से 20 हजार करोड़ के नए नोट बरामद हुए है ।। भाजपा विधायक सुधीर गड़गिल के बेलोरो कार से बरामद बीस हज़ार करोड़ के नये नोटों का बंडल साफ़ दर्शाता है की इसको नोटबंदी के पहले रुपया भेज दिया !

2018 में ये ख़बर काफी फैली, अब 2019 में चुनाव हो रहे हैं, तो अफवाहबाज़ भी अपने काम पर लगे हैं.
यानी मोटा-मोटी 2 दावे किए जा रहे हैं. 1. ज़ब्त किया गया पैसा भाजपा विधायक का है. 2. 20 हज़ार करोड़ रुपये की वैल्यू के नोट पकड़े गए हैं.

2018 में भी ये फोटो वायरल हुई थी.
हमने इस दावे की पड़ताल की
पड़ताल 1. ये मामला साल 2016 का है. नोटबंदी के कुछ दिन बाद 14 नवंबर, 2016 को पुलिस ने ये कार्रवाई की थी. फोटो में दिख रही गाड़ी सांगली अरबन बैंक की है. ओस्मानाबाद-तुलजापुर बायपास रोड के पास एक चुनावी दस्ते ने इस गाड़ी का पीछा किया था. उस समय महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं. चुनावी दस्ते को गाड़ी में करीब 6 करोड़ रुपये मिले थे. और पकड़े गए नोट पुराने थे. 500 और 1,000 रुपये के नोट थे.

दी लल्लनटॉप की ऐसे ही मैसेज पर की गई स्टोरी.
2. अब बात करते हैं सुधीर गाडगिल की. सुधीर का पूरा नाम है धनंजय उर्फ सुधीर दादा हरि गाडगिल. 64 साल के हैं. महाराष्ट्र में सांगली नाम की एक जगह है. वहां से 2014 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. सुधीर गाडगिल का नाम आने के पीछे भी एक कारण है. दरअसल, सुधीर गाडगिल के भाई गणेश गाडगिल. वो सांगली अरबन बैंक के चेयरमैन हैं. क्योंकि ये घटना नोटबंदी होने के कुछ ही दिनों बाद की है. इसलिए गणेश से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने कहा था कि सारा रुपया बैंक का है. सांगली अरबन बैंक की मराठवाड़ा में कुल नौ शाखाएं हैं. नोटबंदी के बाद पुराने नोट अमान्य हो गए थे. तब इन रुपयों को दूसरी शाखा भेजा जा रहा था. बैंक की ओर से इस घटना पर प्रेस रिलीज़ भी जारी किया गया था.
3. इस दावे में जो नोटों की कुछ अलग-अलग फोटोज़ शेयर की जा रही हैं, जिसमें ढेर सारे 2000 के नए नोट दिख रहे हैं. ये फोटो दिल्ली में मारे गए एक छापे की हैं, जहां ED ने 11 करोड़ रुपये ज़ब्त किए थे.
नतीजा 'दी लल्लनटॉप' की पड़ताल में ये वायरल मैसेज झूठ निकला. 1.ज़ब्त किया गया पैसा भाजपा विधायक सुधीर गाडगिल का नहीं है, सांगली अरबन बैंक का है. जिसके चेयरमैन इस मामले के वक्त सुधीर के भाई गणेश गाडगिल थे. पैसा निजी नहीं था. बैंक का पैसा था. 2.ज़ब्त किए गए नोटों में एक भी 2000 का नोट नहीं था. सब पुराने नोट थे. 500-1000 के, जो नोटबंदी के बाद अमान्य थे.
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