दावा
सोशल मीडिया पर दावाकिया जा रहा है कि शिरड़ी साईं बाबा ट्रस्ट ने धर्म के आधार पर भेद करते हुए राम मंदिर के निर्माण में सहयोग देने से मना कर दिया है. ये दावा फेसबुक के कई ग्रुप्स में किया जा रहा है.(आर्काइव लिंक
)
वायरल दावा.
'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कट्टर हिन्दू सेना' नाम के ग्रुप में शेयर
किए गए इस दावे को कई बार शेयर किया जा चुका है. इसके अलावा ये दावा हिंदू राष्ट्र भारत
जैसे कई ग्रुप्स
पर शेयर किया गया है.
पड़ताल
हमने वायरल दावा की पड़ताल की. 'दी लल्लनटॉप' की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला.इंटरनेट पर कई की-वर्ड्स डालने पर भी हमें कोई ऐसी ख़बर नहीं मिली.
दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरड़ी से संपर्क किया. ट्रस्ट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी(CEO) अरुण किशोर डोंगरे ने ऐसे दावों को खारिज किया है. उन्होंने बताया-
शिरड़ी साईं बाबा के दरबार में सभी धर्मों के लोग आस्था के साथ आते हैं. यहां की व्यवस्था के संचालन के लिए ट्रस्ट बना है जो एक एक्ट के तहत काम करता है. कोई भी बड़ा डोनेशन या खर्च करने के लिए (50 लाख या ज़्यादा) हाई कोर्ट की इजाज़त लेनी होती है.डोंगरे ने बताया कि राम मंदिर से जुड़ा कोई भी प्रपोज़ल उनके पास नहीं आया है.
किसी भी तरह के दान/खर्च के लिए एक प्रपोज़ल कमिटी के सामने रखा जाता है. राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए कोई भी प्रपोज़ल कभी रखा ही नहीं गया. तो फिर इस पर कोई फैसला होने जैसी कोई बात नहीं है. दूसरे धर्म का काम बताने जैसे दावे फर्ज़ी हैं, ऐसी कोई भी बात श्री साईं बाबा संस्थान ट्रस्ट, शिरड़ी की ओर नहीं हुई है.ये दावा दिसंबर 2019 में भी वायरल हुआ था. उस वक्त शिरड़ी साईं ट्रस्ट के CEO रहे दीपक मुगळीकर ने भी इस वायरल दावे को झूठा बताया था.
नतीजा
सोशल मीडिया पर साईं बाबा ट्रस्ट के बारे में झूठा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने दूसरे धर्म का मामला बताते हुए राम मंदिर में सहयोग करने से इनकार कर दिया है. ट्रस्ट के CEO ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है.
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