आज ऐसा ही कुछ सुनने को मिला था ना ? . . . . . . . सबटाईटल की प्रमाणिकता के बारे मे नहीं पता है, जर्मन भाषा के जानकर बताए। Posted by Himanshu Pandit on Sunday, 22 December 2019
आज कुछ ऐसा ही सुनने को मिला था ना?....सबटाइटल की प्रमाणिकता के बारे मे नहीं पता है, जर्मन भाषा के जानकर बताए।यानी हिटलर के भाषण की ट्रांसलेशन (सब टाइटल) के बारे में यूज़र खुद पुख्ता नहीं है. इस वीडियो को क़रीब 2 हज़ार बार शेयर किया जा चुका है. वहीं इसे अबतक 40 हज़ार बार देखा जा चुका है. इस कैप्शन के साथ वीडियो में दिख रहे ट्रांसलेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान से जोड़ा जा रहा है. मोदी ने 22 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई रैली में कहा था,
'मोदी का जितना विरोध करना है, ज़रूर करो. मोदी का पुतला जितना जलाना है जलाओ. लेकिन देश की संपत्ति मत जलाओ'पड़ताल हमने दावे की पड़ताल की. हमारी पड़ताल में ये दावा ग़लत निकला. जर्मनी के शासक रहे एडॉल्फ हिटलर ने वीडियो में ऐसी लाइन नहीं कही है कि मुझसे नफ़रत करिए, ये आपकी इच्छा है. लेकिन जर्मनी से नफ़रत मत करिए. इस वीडियो में लिखे गए सब टाइटल ग़लत हैं. हिटलर के वायरल वीडियो में ब्रिटिश पैथे का लोगो दिख रहा है. हमने यूट्यूब पर nazi rally british pathe
'ये एक गजब एहसास होता है जनता के बीच जाना, किसी यूनियन में जाकर लोगों के सामने खड़े होकर बोलना नहीं, बल्कि जनता के बीच जाना. जनता को एकजुट रखना हमारा सबसे बड़ा उद्देशय है. हमें अमीरों से लेकर ग़रीबों को नहीं देना है, बल्कि हमें कहना है कि जर्मनी की जनता अपनी मदद खुद करेगी. भले ही वो अमीर हो या ग़रीब.'ब्रिटिश पैथे के पास पुराने वीडियो का आर्काइव है. रॉयटर्स एजेंसी के पुराने वीडियो की कलेक्शन भी ब्रिटिश पैथे के पास है. इसके अलावा ब्रिटिश पैथे ने 1936 के नूरेमबर्ग में हुई रैली के भी वीडियो पोस्ट किए हैं. इसकी ग़लत ट्रांसलेशन (सब-टाइटल) करके सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है. नतीजा हमारी पड़ताल में हिटलर और मोदी की कही गई बातों को जोड़ता हुआ वीडियो भ्रामक निकला. हिटलर ने उसे पसंद करने या जर्मनी से नफ़रत करने की बात इस वायरल वीडियो में कहीं भी नहीं कही है. वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने ज़रूर कहा है कि उनसे नफ़रत करनी हो तो करे, उनका पुतला जलाएं, लेकिन देश को न जलाएं. इसलिए दोनों की बातों को जोड़ता दावा भ्रामक है.
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