उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अगस्त महीने में आगरा में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था - “बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे”. समय बीतने के साथ ये नारे का रूप लेने लगा. चुनावी रैलियों में नेता इस लाइन का खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. खुद सीएम योगी ने महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव प्रचार के दौरान इसी लाइन को दोहराया. इस नारे की विपक्ष ने आलोचना करते हुए योगी आदित्यनाथ पर समाज में दरार पैदा करने का आरोप लगाया. इस बीच अब योगी आदित्यनाथ के नाम पर एक सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल है. इसमें लिखा है, “बटोगे तो कश्मीर की तरह कटोगे! एक रहोगे तो गुजरात की तरह काटोगे! अब तय कर लो कटना है! या फिर काटना है!”
"बटोगे तो कश्मीर की तरह कटोगे!" योगी आदित्यनाथ के नाम पर वायरल हो रहे पोस्ट की सच्चाई ये है
यूपी CM Yogi Adityanath के नाम पर एक सोशल मीडिया पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल है. इसमें लिखा है, “बटोगे तो कश्मीर की तरह कटोगे! एक रहोगे तो कश्मीर की तरह काटोगे! अब तय कर लो कटना है! या फिर काटना है!”
इस स्क्रीनशॉट को शेयर करके दावा किया जा रहा कि ये बातें सीएम योगी आदित्यनाथ ने कही हैं और अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट की है. फेसबुक पर रंजन कुमार नाम के एक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “बाबा तो हर एक बॉल पर छक्का मार के भारतद्रोहियों का लंका दहन कर रहे है.”
लेकिन रंजन कुमार अकेले नहीं हैं, जिन्होंने इस पोस्ट को शेयर किया है. ऐसा करने वालों की लंबी फेहरिस्त है, जिसे आप इस लिंक को क्लिक करके देख सकते हैं.
क्या योगी आदित्यनाथ ने वाकई इस तरह की बात कही या पोस्ट की है? क्या है सीएम योगी के नाम पर शेयर हो रहे स्क्रीनशॉट की सच्चाई? इसकी जांच पड़ताल के लिए हमने गूगल पर जितनी तरह से हो सकता था, सब तरीका लगाकर खोज डाला. योगी के आधिकारिक undefinedऔर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट. एडवांस सर्च, रिवर्स सर्च. सब करके देख लिया लेकिन इस तरह का कुछ नहीं मिला. इसके बाद हमने पोस्ट और आर्टिकल को आर्काइव करने वाली वेबसाइट ‘Wayback Machine’ जैसे प्लेटफॉर्म पर भी खंगाला. लेकिन वहां भी ऐसा कुछ नहीं मिला.
फिर हमने वायरल पोस्ट को ध्यान से देखा. तो दाईं तरफ नीचे ‘pikaso.com’ लिखा नज़र आया. उसके आगे लिखा था कि ये पोस्ट इसकी मदद से बनाया गया है. फिर हमने यह साइट खोली तो मालूम पड़ा कि इससे किसी भी यूजर के पोस्ट को अपने हिसाब से बनाया जा सकता है. इसमें योगी के 12 नवंबर की एक पोस्ट का इस्तेमाल करके टेक्स्ट को अपने हिसाब से एडिट कर दिया गया है.
इसके अलावा, एक और बात गौर करने वाली है कि योगी आदित्यनाथ के एक्स पर किए गए पोस्ट के फॉर्मेट और वायरल पोस्ट के फॉर्मेट में काफी अंतर है. फॉर्मेट यानी शब्दों का फॉन्ट और लिखे जाने का तरीका.
यानी सीएम योगी आदित्यनाथ ने न ऐसा कुछ कहा है और न ही पोस्ट किया है. अगर वे ऐसा करते तो जाहिर सी बात है खबरें छपतीं.
नतीजाहमारी पड़ताल में साफ है कि सीएम योगी के पोस्ट को एडिट करके भ्रामक दावा किया गया है. उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं बोला है या कहा है, जैसा कि वायरल पोस्ट में दावा किया गया है.
पड़ताल की वॉट्सऐप हेल्पलाइन से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.
ट्विटर और फेसबुक पर फॉलो करने के लिए ट्विटर लिंक और फेसबुक लिंक पर क्लिक करें.
वीडियो: 'बटेंगे तो कटेंगे' बयान पर भाजपा में अलग-अलग सुर