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चंद्रयान-3 ने चांद पर अशोक चिह्न बनाया? तस्वीर भयानक वायरल, लेकिन ISRO का वीडियो भी देख लें

चांद की सतह पर हमारे देश का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न का निशान नज़र आ रहा है.

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अशोक स्तंभ की फोटो रोवर ने चांद से भेज दी है क्या? (तस्वीर: इंस्टाग्राम/Krishanshu garg, तस्वीर: इसरो)

चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की बुधवार शाम चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हो गई. इस अभूतपूर्व घटना के होने से भारत का मान दुनिया में बढ़ गया. लैंडिंग के 14 घंटे बाद ISRO (भारतीय अनुसंधान संगठन) ने रोवर प्रज्ञान के बाहर आने की पुष्टि कर दी. इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. इसमें चांद की सतह पर हमारे देश का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न (Ashok Emblem) का निशान नज़र आ रहा है.

क्या है दावा?  

वायरल तस्वीर को शेयर करके लोग इसे रोवर द्वारा भेजी गई चांद की तस्वीर बता रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि रोवर ने चांद की सतह पर अशोक चिह्न का निशान इम्प्रिंट किया है, मतलब छापा या अंकित किया है. X (ट्विटर) यूजर मंजूला ने वायरल तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, 

“चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान 3 के रोवर से उकरता अमिट भारतीय अशोक चिह्न. चूंकि चंद्रमा में कोई वातावरण नहीं है इसलिए ये मिटेगा नहीं.”

इसके अलावा कई अन्य ट्विटर (X) यूजर ने वायरल तस्वीर शेयर करके दावा किया कि रोवर ने चांद की सतह पर अशोक चिह्न का निशान छोड़ा है.

पड़ताल

लेकिन हमारी पड़ताल में यह दावा भ्रामक निकला. वायरल तस्वीर एनिमेटेड है. हमने दावे की सच्चाई जानने के लिए ISRO के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और वेबसाइट को खंगाला. लेकिन हमें ऐसी प्रमाणिक रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे दावे की पुष्टि होती हो. हमें वायरल तस्वीर पर लेफ्ट साइड एक कॉपीराइट मार्क नज़र आया, जहां ‘Krishanshu Garg’ लिखा हुआ है.

वायरल तस्वीर में नज़र आ रहा उसे बनाने वाले का नाम.

हमने इस नाम को गूगल के अलावा फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सर्च किया. इस प्रक्रिया में हमें Krishanshu Garg की इंस्टाग्राम प्रोफाइल के हाइलाइट सेक्शन में यह तस्वीर मिली. उन्होंने इसे अपनी इंस्टाग्राम पर एक दिन पहले यानी बुधवार को टाइमर के साथ अपलोड किया था. मामले की अधिक जानकारी के लिए ‘द लल्लनटॉप’ ने कृषांशु गर्ग से संपर्क किया. लखनऊ में एमबीए की पढ़ाई कर रहे कृषांशु ने हमें बताया कि यह तस्वीर उन्होंने सॉफ्टवेयर की मदद से बनाई थी.

Krishanshu Garg की इंस्टाग्राम स्टोरी

मामले की अधिक जानकारी के लिए ‘द लल्लनटॉप’ ने कृषांशु गर्ग से संपर्क किया. लखनऊ में एमबीए की पढ़ाई कर रहे कृषांशु ने हमें बताया कि यह तस्वीर उन्होंने सॉफ्टवेयर की मदद से बनाई थी. उन्होंने कहा,

“मुझे स्पेस और उससे जुड़े मामलों में रुचि है. सब लोग विक्रम लैंडर की फोटो लगा रहे थे और ISRO को बधाई दे रहे थे. तो मैंने थोड़ा ऑउट ऑफ द बॉक्स सोचा और चांद की सतह पर अशोक चिह्न के साथ वाली फोटो को काउंटडाउन के साथ कल सुबह अपलोड कर दिया. इस तस्वीर को मैंने फोटोशॉप सॉफ्टवेयर की मदद से बनाई थी.”

बता दें, ISRO ने चंद्रयान-2 के लॉन्च के समय सितंबर 2019 में अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था. इसमें ISRO ने एनिमेशन के जरिए चांद की सतह पर रोवर के आगमन को दिखाया है. इस वीडियो में 2 मिनट 47 सेकेंड पर चांद की सतह पर अशोक चिह्न की एक प्रतीकात्मक तस्वीर को भी दर्शाया गया है.

ISRO के आधिकारिक चैनल पर चार साल पहले अपलोड किए गए वीडियो का स्क्रीनग्रैब. 
 नतीजा

कुलमिलाकर, हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला. चांद की सतह पर अशोक चिह्न वाली तस्वीर एडिटिंग सॉफ्टवेयर से बनाई गई है. 

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