"इमामदस्ता" एक ऐसी फ़िल्म है मानो रोहित शेट्टी की "गोलमाल", कुंदन शाह की "जाने भी दो यारों" से भेंट कर रही हो. पहली बार के फिल्ममेकर रिज़वान सिद्दीकी ने इसकी कहानी, स्क्रीनप्ले और चुटीले डायलॉग लिखे हैं. वे ही इसके डायरेक्टर भी हैं. ये दो लड़कों की कहानी है. मनोज (राकेश शर्मा) और फिरोज़-उल्ला (सहर्ष कुमार शुक्ला). पहला वाला निंफोमेनियाक (कामुक क्रीड़ाओं का प्रेमी) बेरोज़गार है. दूसरा पत्रकार है और उसूलों के चलते बेरोजगार है. उनके साथ आगे क्या क्या होता है, ये हम देखते हैं. कहानी से हंसी के एक और लहर आ टकराती है जब दो संदिग्ध से लगने वाले लोग उनके यहां मेहमान बनकर आ जाते हैं. फिल्म में और क्या-क्या मिलेगा जानने के लिए देखें वीडियो-