'आज़ाद' की कहानी 1920 के दशक में सेंट्रल प्रोविंस में घटती है. एक किसान का बेटा है गोविंद. जो अपनी नानी से महाराणा प्रताप और उनके धोड़े चेतक का किस्सा सुनता हुआ बड़ा हुआ है. उसकी दिली तमन्ना है कि उसके पास भी चेतक जैसा घोड़ा होता. भारी स्ट्रगल के बाद गोविंद को एक ऐसा घोड़ा मिलता है, जो उसके किरदार की परतों को खोलता है. इस घोड़े पर बैठकर गोविंदा बाहर नहीं, अपने भीतर की यात्रा करता है. इसमें उसकी मदद करती है गांव के जमींदार की लड़की जानकी.