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अजय देवगन ने क्यों छोड़ दी विशाल भारद्वाज के करियर की सबसे लेफ्टिस्ट फिल्म?

विशाल भारद्वाज ने ये भी बताया कि लोग इमरान खान को इतना कमज़ोर एक्टर क्यों मानते हैं और इस पर उनकी राय क्या है.

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लल्लनटॉप के न्यूज़रूम में विशाल भारद्वाज. दूसरी तरफ एक मौके पर अजय देवगन के साथ विशाल.

लल्लनटॉप के न्यूज़रूम में आए थे देश के सबसे ज़हीन फिल्मकार. जिनका ज़मीन से जुड़ाव उतना ही मजबूत है, जितना सिनेमा माध्यम से. कहानियों के साथ संगीत भी रचते हैं. विशाल भारद्वाज नाम है इनका. ग्राउंडब्रेकिंग सिनेमा आपने सुना होगा, इन्होंने दीवार तोड़ वेब सीरीज़ बनाई है. सीरीज़ का नाम है Charlie Chopra & The Mystery of Solang Valley. ये अगाथा क्रिस्टी के नॉवल  The Sittaford Mystery पर आधारित वेब सीरीज़ है. गेस्ट इन द न्यूज़रूम के इस एपिसोड में विशाल ने बताया कि वो अपनी किस फिल्म को सबसे लेफ्टिस्ट फिल्म मानते हैं. और वो फिल्म अजय देवगन ने क्यों छोड़ दी.

विशाल भारद्वाज ने बहुत सारी फिल्में बनाई हैं. इसमें से कुछ फिल्में ऐसी रहीं, जिन्हें न तो क्रिटिकल अक्लेम हासिल हुआ, न बॉक्स ऑफिस से कमाई. वैसी ही एक फिल्म है 'मटरू की बिजली का मंडोला'. वैसे तो विशाल अपनी विचारधारा लेफ्ट-राइट के खांचे में फिट नहीं करना चाहते. मगर वो ये खुद मानते हैं कि 'मटरू की बिजली का मंडोला' उनके करियर की सबसे लेफ्टिस्ट फिल्म थी. ये फिल्म उन्होंने क्यों बनाई, इस बाबत वो कहते हैं-

“मुझे लैंड ग्रैबिंग का जो धंधा चल रहा था. या शायद चल रहा हो. विकास के नाम पर किसान की हज़ारों एकड़ ज़मीन ले लेना. उन्हें ज़मीन से बेदखल कर देना. शहरीकरण के नाम पर जो हो रहा था, उससे मुझे बहुत तक़लीफ थी. मुझे लगता है कि वो मेरी पूरी तरह से लेफ्ट फिल्म थी.”

विशाल बताते हैं कि इस फिल्म को बनाने का आइडिया उन्हें जर्मन नाटककार और थिएटर पर्सनैलिटी बर्तोल ब्रेख्त (Bertolt Brecht) के नाटक मिस्टर पुंतिला एंड हिज़ मैन मट्टी (Mr Puntila and His Man Matti) से आया था. ये एक नौकर और उसके मालिक की कहानी थी. उसमें जो मालिक यानी मास्टर वाला किरदार था, वो उन्हें बहुत पसंद था. ये एक शराबी किरदार था, जो तीन पेग पीने के बाद बिल्कुल बदल जाता था. शराब पीने से पहले वो जितना ज़मींदार होता था. तीन पेग पीने के बाद वो दबे-कुचलों और पिछड़ों का झंडाबरदार हो जाता था. उसकी इस आदत का उसका नौकर बहुत फायदा उठाता था. वहां से 'मटरू की बिजली का मंडोला' की कहानी का बीज पड़ा.

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‘मटरू की बिजली का मंडोला’ के एक सीन में इमरान खान और पंकज कपूर. फिल्म में इन्होंने नौकर और मालिक वाले रोल्स किए थे.

इस फिल्म की कास्टिंग को लेकर बड़े सवाल उठते हैं. लोग कहते हैं कि एक तरफ पंकज कपूर थे, तो दूसरी तरफ इमरान खान. बड़ी बेमेल सी कास्टिंग थी. इस कास्टिंग के पीछे की कहानी बताते हुए विशाल ने कहा-

“पहले ये रोल अजय देवगन करने वाले थे. मगर अजय देवगन ने 'सन ऑफ सरदार' के लिए ये फिल्म छोड़ दी. मुझे इस बात का बहुत गुस्सा था. आज तक जितनी फिल्मी मैंने बनाई हैं, उससे दुगनी फिल्में मेरी बंद हुई हैं. इसमें 'मिडनाइट्स चिल्ड्रेन' भी शामिल है. सलमान रश्दी का नॉवल मेरे दिल के बहुत करीब था. उस पर मैं नेटफ्लिक्स के लिए सीरीज़ बना रहा था. वो बंद हो गया. मैंने 11 फिल्में डायरेक्ट की हैं, तो मेरी 22 फिल्में बंद हुई हैं. इसलिए मुझे बड़ा रोष था कि मैं किसी के साथ ये फिल्म बनाऊंगा. क्योंकि मुझे ये कहानी कहनी है. उस वक्त जो मुझे उपलब्ध मिला, उसके साथ मैंने ये फिल्म बनाई.”

इमरान खान की कास्टिंग पर विशाल कहते हैं-

“हम लोग थोड़े बायस्ड हैं. हमारी कंडिशनिंग हो गई है इमरान के लिए. मैं ये नहीं कह रहा कि वो उत्तम कुमार हैं या दिलीप कुमार हैं. जब भी (इंडिया से) बाहर किसी ने ये फिल्म देखी है, जिसे ये नहीं पता कि इमरान खान कौन हैं, उन्होंने कभी नहीं कहा कि इमरान कमज़ोर एक्टर हैं. मैंने इतने सालों से वो फिल्म नहीं देखी. पलटकर देखूंगा तो शायद मुझे भी वही लगे जैसी पूरे हिंदुस्तान की कंडिशनिंग है कि उन्हें एक्टिंग नहीं आती.”

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2001 में आई ‘बूंद’ फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान विशाल भारद्वाज और अजय देवगन.

विशाल भारद्वाज की ये पहली फिल्म नहीं थी, जिससे अजय देवगन ने ऐन वक्त पर अलग होने का फैसला किया. साल 2000-2001 में विशाल 'बर्फ' नाम की एक फिल्म से अपना डायरेक्शन करियर शुरू करने जा रहे थे. इसमें मनोज बाजपेयी और सुष्मिता सेन लीड रोल करने वाले थे. अजय देवगन इस फिल्म से बतौर प्रोड्यूसर जुड़े हुए थे. मगर उन्हीं दिनों अजय की फिल्म 'राजू चाचा' बुरी तरह पिट गई. इस फिल्म को अजय ने प्रोड्यूस किया था. और डायरेक्ट किया था उनके कज़िन भाई अनिल देवगन ने. बताया जाता है कि इस फिल्म की असफलता के बाद अजय ने सोचा कि उन्हें प्रोडक्शन छोड़कर अपने एक्टिंग करियर पर फोकस करना चाहिए. इसलिए उन्होंने विशाल की डेब्यू फिल्म पर पैसा लगाने से इन्कार कर दिया. इसके बाद 2002 में विशाल ने अपनी पहली फिल्म 'मकड़ी' डायरेक्ट की.  

इसके अलावा विशाल भारद्वाज की फिल्म 'रंगून' में भी अजय देवगन और संजय दत्त काम करने वाले थे. मगर संजय दत्त के जेल जाने की वजह से वो फिल्म बंद करनी पड़ी. इस फिल्म को विशाल ने 2017 में सैफ अली खान, शाहिद कपूर और कंगना रनौत के साथ बनाई.

ख़ैर, विशाल के अगले प्रोजेक्ट का नाम है ‘चार्ली चोपड़ा’. ये एक वेब सीरीज़ है, जो कि अगाथा क्रिस्टी के नॉवल  The Sittaford Mystery पर आधारित है. इस सीरीज़ में वामिका गाबी, प्रियांशु पेंयुली, नसीरुद्दीन शाह, नीना गुप्ता, रत्ना पाठक शाह और गुलशन ग्रोवर जैसे एक्टर्स काम कर रहे हैं. ‘चार्ली चोपड़ा’ को 27 सितंबर से सोनी लिव पर स्ट्रीम किया जा सकता है.
 

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