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'मोहब्बतें' वाले जुगल हंसराज आज कल कहां हैं?

जानिए जुगल हंसराज के फिल्मी करियर से जुड़े किस्से.

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जुगल की करीब 30 फिल्में कभी सिनेमाघरों की शक्लें नहीं देख पाई. फोटो - इंस्टाग्राम/ यूट्यूब स्क्रीनशॉट

किसी जमाने में बॉलीवुड के चॉकलेट बॉय माने जाते थे. फिल्मी करियर की शुरुआत की शेखर कपूर जैसे डायरेक्टर के साथ. उदित नारायण के मशहूर गीत 'घर से निकलते ही' से रातों-रात लाखों दिलों की धड़कन बन गए. शाहरुख खान, अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय स्टारर फिल्म में काम किया. फिल्म बड़ी हिट साबित हुई. लेकिन दुर्भाग्यवश, इनका करियर आगे उड़ान नहीं भर पाया. बात हो रही है जुगल हंसराज की. जानेंगे कि उनके करियर में ऐसा क्या हुआ कि वो आज भी सिर्फ चंद फिल्मों से पहचाने जाते हैं.


Kaha Gaye Ye Log


# ‘मिस्टर इंडिया’ में काम करने वाले थे लेकिन....

1983 में एक फिल्म आई थी. बनाया था फर्स्ट टाइम डायरेक्टर शेखर कपूर ने. पोस्टर पर लिखा था, ‘क्या ये बच्चा आपका घर तोड़ सकता है?’ कहानी थी एक पति-पत्नी की. जिनके रिश्ते में दरार आने लगती है, जब पता चलता है कि पति का किसी पुराने अफेयर की वजह से एक बच्चा है. फिल्म में उस नादान से बच्चे का रोल निभाया था जुगल हंसराज ने. ये फिल्म थी ‘मासूम’. इसी के जरिए जुगल को पहली बार बड़े परदे पर आने का मौका भी मिला. हालांकि, ये पहला मौका नहीं था जब उन्होंने कैमरा फेस किया हो. ‘मासूम’ से पहले भी वो बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कई टेलिविज़न ऐड्स में काम कर चुके थे. खुद शेखर ने उन्हें एक ऐड में देखकर ही ‘मासूम’ के लिए फाइनल किया था. खैर, फिल्म रिलीज़ हुई. सफल साबित हुई. जुगल का काम सराहा गया. उन्हें और भी फिल्मों के ऑफर आने लगे. 1986 में आई ‘कर्मा’ और ‘सल्तनत’ में भी उन्होंने काम किया.

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'मासूम' से पहले भी जुगल ने टीवी ऐड्स में काम किया था. फोटो - यूट्यूब स्क्रीनशॉट

उन दिनों जुगल एक्टिंग को सिर्फ एक हॉबी की तरह ट्रीट करते थे. पेशे की तरह नहीं. इसलिए ज्यादा फिल्में साइन करने की जगह उन्होंने अपनी पढ़ाई पर फोकस करना बेहतर समझा. 1987 की बात है. शेखर कपूर अपनी अगली फिल्म बना रहे थे. अनिल कपूर और श्रीदेवी स्टारर ‘मिस्टर इंडिया’. फिल्म में बच्चों की एक पलटन थी. जिनका रोल बड़ा अहम था. शेखर उन बच्चों के लीडर के तौर पर जुगल को साइन करना चाहते थे. उस वक्त जुगल की उम्र थी 14 साल. जबकि जो किरदार उन्हें निभाना था, वो 10 साल का था. शेखर ने ये भी ऐडजस्ट कर लिया. जुगल को लुक टेस्ट के लिए बुलाया. बस यहीं बात बिगड़ गई. शेखर ने पाया कि जुगल के चेहरे पर हल्के-हल्के बाल आने लगे हैं. कहा कि अब ये किरदार तुम नहीं कर सकते. ये किरदार जुगल को नहीं मिला. फिल्म में ये वही बच्चा था जिसे सबसे पहले पता चलता है कि अरुण ही मिस्टर इंडिया है. फिल्म में इसका नाम था ‘जुगल’.


# गाना सुना और महेश भट्ट से बोले, ‘प्लीज़ इसे फिल्म से पहले शूट कीजिए’

1994 में फिल्म आई, ‘आ गले लग जा’. बतौर लीड, ये जुगल की पहली फिल्म थी. यहां उनके साथ थी उर्मिला मातोंड़कर. कम ही लोग जानते हैं कि उर्मिला ‘मासूम’ का भी हिस्सा थीं. वहां उन्होंने जुगल की बहन का किरदार निभाया था. खैर, ‘आ गले लग जा’ बड़ी फ्लॉप साबित हुई. उसके बाद जुगल की अगली फिल्म आई. महेश भट्ट के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘पापा कहते हैं’. इसी 17 मई को फिल्म ने अपने 25 साल पूरे किए. फिल्म ने या यूं कहिए कि इसके एक गाने ने जुगल को हिंदी सिनेमा का ‘बॉय नेक्स्ट डोर’ बना दिया. गाना था, ‘घर से निकलते ही’. आज भी इस गाने को लेकर लोगों में बना उत्साह कम नहीं हुआ है.

यही उत्साह जुगल में भी था. उन्होंने इंडियन एक्स्प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में बताया,

शूटिंग शुरू होने से पहले मैं गाने की रिकॉर्डिंग के लिए गया. जब उदित जी ने गाना शुरू किया तो सुनकर मैं उत्साहित हो गया. मैं महेश भट्ट को तंग करने लगा. कि फिल्म से पहले इस गाने की शूटिंग कीजिए.

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आज भी इस गाने को भरपूर प्यार मिलता है. फोटो - यूट्यूब स्क्रीनशॉट

महेश भट्ट ने प्यार से समझाया कि डफर, पहले हमें बॉम्बे का शूट पूरा करना है. उसके बाद सेचल्स जाएंगे. दरअसल, सेचल्स पूर्व अफ्रीका में स्थित देश है जहां इस गाने की शूटिंग हुई थी. आखिरकार गाने की शूटिंग वाला दिन आया. जुगल का चाव ऐसा था कि पिछली रात सोये तक नहीं. सुबह जल्दी तैयार हो गए. पूरे क्रू को सेट पर बुलाने में जुट गए. डायरेक्टर महेश भट्ट और कोरियोग्राफर राजू खान को बुला लाए. आखिरकार गाने की शूटिंग शुरू हो गई. तंग आए क्रू ने जुगल से मज़ाक में कहा कि तुम्हें जो चाहिए था वो मिल गया, अब तो हमारी जान बख्श दो.


# अमिताभ बच्चन की कमबैक फिल्म, जुगल के करियर की सबसे बड़ी हिट बनी

‘दिलवाने दुल्हनिया ले जाएंगे’ की बम्पर सक्सेस के बाद आदित्य चोपड़ा अपनी दूसरी फिल्म प्लान कर रहे थे. जो थी ‘मोहब्बतें’. इसकी कहानी उन्होंने DDLJ से भी पहले लिखी थी. फिल्म के लिए उन्हें नए चेहरे चाहिए थे. जिन्हें जनता हर शुक्रवार देखकर ऊब न गई हो. इसलिए मुख्य भूमिकाओं में जिमी शेरगिल, जुगल हंसराज, उदय चोपड़ा, शमिता शेट्टी, किम शर्मा और प्रीति झंगियानी को लिया गया. इनके अलावा अमिताभ बच्चन और शाहरुख खान भी फिल्म का हिस्सा थे. बताया जाता है कि उन दिनों अमिताभ बच्चन अपने करियर के बुरे दौर से गुजर रहे थे. ‘मोहब्बतें’ ने उनके करियर को रिवाइव करने का काम किया.

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फिल्म के एक स्टिल में जुगल, जिमी और उदय.

रिलीज़ के बाद फिल्म बड़ी सक्सेस साबित हुई. करीब 10 करोड़ रुपए की लागत में बनी फिल्म ने नौ गुना ज्यादा कमाई कर डाली. उम्मीद थी कि फिल्म के लीड एक्टर्स का करियर अब उड़ान भरेगा. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कम-से-कम जुगल के केस में तो नहीं. इसके बाद उन्होंने राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म ‘हम प्यार तुम्ही से कर बैठे’ में काम किया. लेकिन फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई. बतौर लीड, उन दिनों जुगल ने कई फिल्में साइन की. लेकिन किसी की आधी शूटिंग ही हो पाई. तो किसी की शूटिंग कभी शुरू ही नहीं हुई. नतीजतन, उनकी 30 के करीब फिल्में कभी सिनेमाघरों की शक्ल नहीं देख पाईं. हालांकि, आगे जाकर उन्होंने कुछ फिल्मों में कैमियो भी किया. ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘सलाम नमस्ते’, ‘आज नचले’ और 2016 में आई ‘कहानी 2’ उनकी इसी लिस्ट में शामिल हैं.


# कुत्तों को देखकर आइडिया आया और नैशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म बना डाली

जुगल को शुरू से एनिमेशन से लगाव रहा है. बचपन में ‘द जंगल बुक’ के फैन रहे जुगल लगातार जापान, फ़्रांस और अमेरिका से आई एनिमेशन फिल्मों को फॉलो करते रहे हैं. यहां तक कि 2007 में आई एनिमेशन फिल्म ‘रेटाटुई’ उनकी पसंदीदा फिल्मों में से एक है. उनके करियर में भी एक मौका आया. अपने पैशन को हकीकत में तब्दील करने का. यानी अपनी एनिमेशन फिल्म बनाने का. ये मौका दिया आदित्य चोपड़ा ने. यश राज फिल्म्स और वॉल्ट डिज़्नी स्टूडियोज़ मिलकर एक एनिमेशन फिल्म बना रहे थे. इंडियन ऑडियंस को टारगेट करने के लिए. इसकी बागडोर सौंपी गई जुगल हंसराज को.

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'रोडसाइड रोमियो' ने बेस्ट एनिमेशन फिल्म का नैशनल अवॉर्ड जीता था. फोटो - इंस्टाग्राम

जुगल ने फिल्म लिखी और डायरेक्ट की. फिल्म थी ‘रोडसाइड रोमियो’. करीब 150 CGI एक्स्पर्ट्स के साथ दो साल तक काम करने के बाद आखिरकार फिल्म रिलीज़ हुई. जनता ने फिल्म को नहीं अपनाया. क्रिटिक्स से बुरे रिव्यूज़ मिले. बावजूद इसके, ‘रोडसाइड रोमियो’ बेस्ट ऐनिमेटिड फिल्म का नैशनल अवॉर्ड जीतने में कामयाब रही. एक इंटरव्यू में जुगल से पूछा गया कि फिल्म का आइडिया आपको कहां से आया. उन्होंने बताया कि ट्राफिक लाइट पर कुछ कुत्तों को आपस में खेलते देखा. बस तभी सोचा कि इनके नजारिए से इनकी दुनिया दिखानी चाहिए. जुगल हंसराज ने इसके बाद एक और फिल्म डायरेक्ट की. वो थी 2010 में आई ‘प्यार इम्पॉसिबल’. प्रियंका चोपड़ा और उदय चोपड़ा स्टारर ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह पिटी. 


# आज कल कहां हैं Jugal Hansraj?

ये सच है कि जुगल अब लगातार फिल्मों में दिखाई नहीं देते. लेकिन ये भी सच है कि वो हमेशा बिज़ी रहते हैं. एक्टिंग के अलावा वो और भी चीज़ें ट्राइ करते रहते हैं. उनकी ऐसी आदत शुरू से रही है. जैसे 1998 में करण जौहर की फिल्म आई थी, ‘कुछ कुछ होता है’. उसका टाइटल म्यूज़िक जुगल हंसराज ने कम्पोज़ किया था. ये बात खुद करण जौहर ने अपनी बुक ‘एन अनसूटेबल बॉय’ में बताई है. बाकी बतौर राइटर, 2017 में उन्होंने अपनी पहली बुक ‘क्रॉस कनेक्शन’ भी पब्लिश की थी. 2021 में उनकी दूसरी बुक भी पब्लिश हुई. 

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एक्टिंग के अलावा खुद को बाकी चीज़ों में बिज़ी रखते हैं. फोटो - इंस्टाग्राम

पर्सनल लाइफ की बात करें तो जुगल ने 2014 में इंवेस्टमेंट बैंकर जैस्मिन ढिल्लों से शादी की थी. उसके बाद से ही वो अपनी पत्नी और बेटे के साथ न्यूयॉर्क में सेटल हो चुके हैं.