The Lallantop

'विश्वात्मा' के किस्से: जब सनी देओल को चलते प्लेन से लटका दिया गया

Chunky Panday फ्लाइट में फ्री की बियर गटक रहे थे, फिर Sunny Deol ने उन्हेंं सबक सिखाने का फैसला किया.

post-main-image
'विश्वात्मा' को राजीव राय ने डायरेक्ट किया था.

“इस ब्रह्मांड का एक अंश है ये संसार, ये धरती, ये धरा, ये पृथ्वी. इसमें जीवनदाता, पालनकर्ता और संहारकर्ता को भगवान, ईश्वर, परमात्मा या विश्वात्मा कहते हैं. पर हमारी ये कहानी उस ईश्वर या भगवान की नहीं. इस विश्व में आई हुई उन आत्माओं की है जो परमात्मा का एक अंश हैं, और वो अंश जीवात्मा का रूप लेकर धरती पर आता है तो मनुष्य कहलाता है. जो मनुष्य अपने जीवन के उद्देशय को, अपने लक्ष्य को नहीं जानता और उस तक नहीं पहुंच पाता, वो साधारण इंसान बनकर रह जाता है. लेकिन जिस इंसान को अपने लक्ष्य और उद्देशय का ज्ञान हो जाता है और उसे पाने के लिए वो जीवन और मृत्यु को कोई महत्व नहीं देता, वो आत्मा एक साधारण मनुष्य से ऊंचा उठकर बन जाती है विश्वात्मा... विश्वात्मा... विश्वात्मा.”

नसीरुद्दीन शाह के वॉयस-ओवर में ये शब्द फूटते हैं. अगर आप लैजेंड टाइप इंसान हैं तो इतनी बात सुनकर आपकी आंखों के सामने अजगर जुर्राट, बांसुरी बजाने वाला तपस्वी गुंजाल, नागदंश और राजनाथ जैसे खतरनाक विलेन्स के चेहरे घूमने लगे होंगे. हिन्दी सिनेमा का वो दौर याद आ रहा होगा जब फिल्में भारी-भरकम डायलॉग्स से लबरेज़ होती थी. जैसे – “अजगर नाम है मेरा और अजगर अपनी ज़हरीली फुंकार से उस इंस्पेक्टर की ज़िंदगी में ऐसी तबाही लाएगा कि वो उम्र भर तड़प-तड़प कर मरता रहेगा”.

राजीव राय की फिल्म ‘विश्वात्मा’ ने सिनेमा को सिर्फ ऐसे अनोखे विलेन ही नहीं दिए. बल्कि टाइमलेस गाने भी दिए. सबसे पॉपुलर था ‘सात समुंदर पार’. दिव्या भारती पर फिल्माया गया ये गाना आज भी उतना ही पॉपुलर है जितना रिलीज़ के वक्त था. बीते कुछ समय में इसके दो उदाहरण भी मिलते हैं. पहला है कैडबरी का एक ऐड. यहां एक घर के सामने से बारात गुज़र रही है और ‘सात समंदर’ बज रहा है. बाल्कनी में सास और बहु खड़ी हैं. दोनों इस गाने पर वाइब करती हैं और अपनी धुन में नाचने लगती हैं.

दूसरा उदाहरण आता है सलमान खान की हिट फिल्म ‘किक’ में. बतौर डायरेक्टर ये साजिद नाडियाडवाला की पहली फिल्म थी. उन्होंने अपनी दिवंगत पत्नी दिव्या भारती को ट्रिब्यूट देने के लिए ‘किक’ मैंस’सात समुंदर पार’ गाने का इस्तेमाल किया. फिल्म के सीक्वेंस में सलमान का किरदार इस गाने पर नाचकर रणदीप हुड्डा को चिढ़ा रहा होता है. उनकी टी-शर्ट के पीछे वाली साइड Loser लिखा होता है. बेसिकली उनका किरदार इस बात का मखौल उड़ा रहा होता है कि कोई भी उसे पकड़ नहीं पाया. वो बात अलग है कि राजीव राव ‘किक’ में इस गाने के इस्तेमाल पर खुश नहीं थे. बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,

दुर्भाग्यवश किसी ने भी मेरी परमिशन नहीं ली. लेकिन ठीक है क्योंकि सभी मेरे दोस्त हैं और मुझे इस पर आपत्ति नहीं है. लेकिन मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि आप मेरे किसी भी गाने को दूसरी फिल्म में इस्तेमाल करने से पहले मेरी परमिशन ज़रूर लें.

‘विश्वात्मा’ को रिलीज़ हुए 30 साल से ज़्यादा हो चुके हैं. फिर भी फिल्म में वो मसाला वैल्यू बरकरार है. वो बात अलग है कि बहुत लोग इसे ‘त्रिदेव’ से प्रेरित फिल्म की देखते हैं. दोनों फिल्मों की अधिकांश कास्ट सेम थी. नसीरुद्दीन शाह, सनी देओल, सोनम और अमरीश पुरी जैसे एक्टर्स दोनों फिल्मों में थे. जैकी श्रॉफ ने ‘त्रिदेव’ में काम किया था. मगर वो टाइगर श्रॉफ की वजह से ‘विश्वात्मा’ में काम नहीं कर पाए. सनी देओल को कौन-सा जानलेवा स्टंट करना पड़ गया. सनी ने चंकी पांडे के साथ कैसा प्रैंक कर दिया था. क्या हुआ जब एक्टर्स के सामने शेर आ गया. ‘विश्वात्मा’ की मेकिंग से जुड़े सुने, अनसुने और कमसुने किस्से बताएंगे. यहां उस तरह के घिसे हुए किस्से नहीं मिलेंगे कि कैसे ‘सात समुंदर पार’ की धुन ब्रिटिश ग्रुप Pet Shop Boys के गाने ‘हार्ट’ से उठाई गई है.

# सनी देओल को चलते प्लेन से लटका दिया गया

80 और 90 के दशक में फिल्म सेट पर सावधानी का इतना ज़्यादा ध्यान नहीं रखा जाता था. ऊपर से तकनीक इतनी विकसित नहीं हुई थी कि स्टंट के समय स्टंटमैन की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा सके. या स्पेशल इफेक्ट्स से खाना-पूर्ति कर दी जाए. वीरू देवगन ‘विश्वात्मा’ के एक्शन डायरेक्टर थे. ये कहा जाता है कि फिल्म के स्टंट असली में किए गए थे. राजीव राव ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी. फिल्म में गाड़ियां उड़ाई गईं. उनकी टक्कर हुई, चिथड़े उड़े. आलम ऐसा था कि रोहित शेट्टी इमोशनल हो उठते. खैर ‘विश्वात्मा’ के क्लाइमैक्स में अजगर जुर्राट भागने की कोशिश कर रहा है. वो अपने प्लेन में सवार होता है. उसके पीछे सनी देओल का किरदार प्रभात सिंह दौड़ रहा है. सनी देओल प्लेन के दरवाज़े पर लटक जाते हैं. उसका इंजन चलने लगता है. सनी के पांव के नीचे से लिटरली ज़मीन गायब होने लगती है. आगे वो प्लेन क्रैश हो जाता है. लेकिन उससे पहले सभी लोग बाहर कूद चुके होते हैं.

vishwatma sunny deol
‘विश्वात्मा’ के क्लाइमैक्स में सनी देओल, अमरीश पुरी, नसीरुद्दीन शाह, चंकी पांडे और महेश आनंद.  

राजीव राव बताते हैं कि ये स्टंट सनी ने खुद किया था. उन्होंने कहा कि फिल्म के दौरान उन लोगों ने केबल या स्पेशल इफेक्ट का इस्तेमाल नहीं किया. इसलिए सभी को असली स्टंट करने पड़े थे.

# टाइगर की वजह से जैकी ने फिल्म छोड़ी

राजीव राय चाहते थे कि ‘त्रिदेव’ वाली कास्ट को ‘विश्वात्मा’ में भी दोहराया जाए. सनी देओल और नसीरुद्दीन शाह अपनी हामी भर चुके थे. लेकिन जैकी श्रॉफ ने अपने हाथ खींच लिए. फिर उनकी जगह चंकी पांडे को लाया गया. कुछ जगह पढ़ने को मिलता है कि ज्योतिषी की वजह से जैकी ने ‘विश्वात्मा’ छोड़ दी थी. दरअसल 1990 में उनके बेटे टाइगर का जन्म हुआ. जैकी के ज्योतिष ने उन्हें देश से बाहर सफर करने से मना किया था. ज्योतिष का कहना था कि बेटे के पैदा होने के एक साल तक आप देश से बाहर नहीं जा सकते. ये शुभ नहीं होगा. दूसरी ओर ‘विश्वात्मा’ की शूटिंग केन्या में हो रही थी. जैकी ने अपने ज्योतिष की बात मानी और ‘विश्वात्मा’ छोड़ दी.

# सनी ने चंकी पांडे को चूना लगा दिया

फिल्म इंडस्ट्री में चंकी पांडे को लेकर एक इमेज बनी हुई है, कि वो कंजूस हैं. अपना पैसा बिल्कुल भी खर्च नहीं करते. अक्षय कुमार और सलमान खान समेत कई एक्टर्स उनकी इस आदत से जुड़े किस्से सुना चुके हैं. ‘विश्वात्मा’ के सेट पर भी ऐसा ही कुछ हुआ था. फिल्म में तपस्वी गुंजाल का किरदार करने वाले गुलशन ग्रोवर ने कपिल शर्मा के शो पर ये किस्सा बताया. हुआ यूं कि ‘विश्वात्मा’ की पूरी शूटिंग केन्या की अलग-अलग लोकेशन पर ही हो रही थी. एक सीक्वेंस के लिए टीम को नैरोबी से फ्लाइट पकड़कर किसी दूसरी जगह पर जाना था.

गुलशन बताते हैं कि फ्लाइट में बियर के ग्लास सर्व किए जा रहे थे. उनके लिए कोई पैसा नहीं था. ऐसे में चंकी ने जुगाड़ निकाला. वो फ्लाइट में पीछे बैठे थे. वहां अपनी सीट पर एक ग्लास ले लिया. फिर देखा कि आगे कोई सीट खाली है, तो वहां जाकर एक ग्लास ले लिया. वो लगातार ऐसा करते रहे. इतने में सनी देओल ने आवाज़ दी. सनी ने सभी से कहा कि एयर होस्टेज़ उन्हें बहुत सारे सिगरेट के डिब्बे दे गई है. वो उन्हें बाकी सब के साथ बांटना चाहते थे. सनी ने सभी को एक-एक डिब्बा पकड़ाना शुरू किया. अपनी बारी आने पर चंकी ने दो डिब्बे मांग लिए. सनी ने पकड़ा भी दिए.

फिर थोड़ी देर बाद चंकी ने अपनी सीट के ऊपर वाला कैबिनेट खोला. वो खाली था. चंकी को याद था कि उन्होंने नैरोबी से सिगरेट के तीन-चार कार्टन खरीदे थे. वो कहां हो गए? दिमाग ने टू प्लस टू किया और समझ गए कि सनी देओल ने उनके साथ प्रैंक किया है. सनी ने चंकी के सिगरेट के डिब्बे पूरी फ्लाइट में बांट दिए थे.

# जब एक्टर्स के सामने शेर आ गया

गुलशन ग्रोवर और चंकी पांडे एक सीन शूट कर रहे थे. यहां दोनों के बीच झगड़ा होना था. सफारी पार्क में सीन शूट किया जा रहा था. कुछ चीज़ें ऊपर-नीचे हुईं और चंकी का कंधा डिसलोकेट हो गया. शूटिंग रुक गई. उन्हें डॉक्टर के पास भेजा गया. बाकी एक्टर्स उनका इंतज़ार करने लगे. तभी दूर से कुछ पार्क रेंजर दौड़ते हुए आए. उन लोगों को तुरंतप्रभाव से जगह खाली करने को कहा. उनका कहना था कि जल्दी अपनी बस में लौटिए. वहां आसपास के इलाके में पैंथर देखा गया है.

gulshan grover vishwatma
‘विश्वात्मा’ में तापसी गुंजाल के रोल में गुलशन ग्रोवर.

एक्टर्स ने उसे चेतावनी की तरह नहीं लिया. उनके लिए ये खुराफात करने का मौका था. शूट के लिए एक लिमोज़ीन गाड़ी आई थी. उस गाड़ी में गुलशन ग्रोवर, ज्योत्सना और दिव्या भारती बैठे. चाबी घुमाई और चल पड़े पैंथर को खोजने. थोड़ी आगे जाने पर एक रेंजर जीप दिखी. उसके पास रुके और पूछा कि पैंथर कहां मिलेंगे. पैंथर की तहकीकात करने लगे. इतना मसरूफ़ थे कि पता ही नहीं चला कि उनकी गाड़ी के ठीक तीन फुट पीछे एक शेर खड़ा था. जब तक इस बात का एहसास हुआ, शेर करीब आ चुका था. वो गाड़ी के पास आया. मुंह खोलकर एक बड़ी-सी जम्हाई भरी. सस्पेंस बन रहा था कि कुछ गलत ना हो जाए. शेर ने मुंह बंद किया और अपने रास्ते चला गया. घबराए हुए एक्टर्स की पैंथर स्पॉटिंग की तमाम इच्छाएं क्षीण पड़ चुकी थीं.  अब कोई दूसरा चांस नहीं लेना चाहते थे. वो तुरंत अपने होटल को लौट गए.

राजीव राय के निर्देशन में बनी ‘विश्वात्मा’ साल 1992 में रिलीज़ हुई थी. ‘त्रिदेव’ की तुलना में ये बॉक्स-ऑफिस पर उतनी कमाई नहीं कर सकी. हालांकि समय के साथ इसकी अपनी एक फॉलोइंग बनकर उभरी. लोग आज भी फिल्म के गाने और कुछ सीन्स को रीविज़िट करते रहते हैं.   
           

वीडियो: मैटिनी शो: चंकी पांडेय की कहानी सुनिए, जिनकी सबसे बड़ी फिल्म ने ही करियर डूबो दिया