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विशाल भारद्वाज ने सुनाया वो किस्सा, जिसने उन्हें नसीरुद्दीन को बेस्ट एक्टर मानने पर मजबूर किया

विशाल भारद्वाज का कहना है कि वो बार-बार नसीर को कहते हैं कि उनके साथ काम नहीं करेंगे. मगर उनके बिना उन्हें अपना हर काम अधूरा लगता है.

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'मक़बूल' के एक सीन में नसीरुद्दीन शाह. दूसरी तरफ लल्लनटॉप के प्रोग्राम गेस्ट इन द न्यूज़रूम में विशाल भारद्वाज.

लल्लनटॉप के न्यूज़रूम में आए थे देश के सबसे ज़हीन फिल्मकार. जिनका ज़मीन से जुड़ाव उतना ही मजबूत है, जितना सिनेमा माध्यम से. कहानियों के साथ संगीत भी रचते हैं. विशाल भारद्वाज नाम है इनका. ग्राउंडब्रेकिंग सिनेमा आपने सुना होगा, इन्होंने दीवार तोड़ वेब सीरीज़ बनाई है. सीरीज़ का नाम है Charlie Chopra & The Mystery of Solang Valley. ये अगाथा क्रिस्टी के नॉवल  The Sittaford Mystery पर आधारित वेब सीरीज़ है. गेस्ट इन द न्यूज़रूम के इस एपिसोड में विशाल ने बताया कि वो क्यों नसीर को सबसे बड़ा अदाकार मानते हैं. और हर बार उनसे नाराज़ होने के बावजूद उनके साथ काम करना चाहते हैं.

विशाल भारद्वाज और नसीरुद्दीन शाह 'मक़बूल', 'ओमकारा', 'सात खून माफ', 'इश्किया' और 'डेढ़ इश्किया' जैसी फिल्मों पर साथ काम कर चुके हैं. विशाल के प्रोडक्शन में बनी 'कुत्ते' में भी नसीर ने ज़रूरी किरदार निभाया था. विशाल ने बताया कि जब वो 'ओमकारा' बनाने जा रहे थे, तो नसीर से बात की. नसीर को 'ओथेलो' प्ले उतना पसंद नहीं हैं. बकौल विशाल, उन्हें लगता है कि 'ओथेलो' शेक्सपीयर का बहुत कमज़ोर काम है. विशाल ने बताया-

''उनका (नसीर) कहना था कि इतनी आसानी से Iago (इयागो) उसके (ओथेलो) के कान भरता रहता है. ओथेलो मान भी लेता है और अपनी बीवी को मार भी देता है. उन्हें लगता है कि ये सब बहुत कन्विनिएंट है. हम लोग गोवा फिल्म फेस्टिवल में मिले थे. वहीं फिल्म अनाउंस हुई थी. उन्होंने कहा कि यार तुम क्यों शेक्सपीयर के सबसे खराब नाटक पर फिल्म बना रहे हो. इतने सारे अच्छे नाटक हैं, उन पर क्यों नहीं बनाते हो! ये सुनकर थोड़ी देर के लिए मैं हिल गया. क्योंकि नसीर साहब अथॉरिटी फिगर हैं हमारे. स्क्रिप्ट मेरे पास थी. मैंने उन्हें दी. बोला कि आप पढ़ लीजिए. अगर आपको लगता है कि मेरी स्क्रिप्ट भी वैसी ही कमज़ोर है, तो मैं नहीं बनाऊंगा."

रात में नसीर ने वो पूरी स्क्रिप्ट पढ़ी. अगले दिन दोनों फिर मिले. नसीर ने विशाल को कहा कि उनकी स्क्रिप्ट तो बहुत अच्छी है. वो ज़रूर इस पर फिल्म बनाएं. इस फिल्म में वो भाई साहब वाला किरदार करना चाहते हैं. विशाल बताते हैं कि नसीर अपने काम को लेकर बहुत ईमानदार हैं. जो किरदार उन्होंने कागज़ पर लिखा है नसीर जैसे एक्टर्स उसे कहीं आगे लेकर जाते हैं. किरदार में बहुत कुछ जोड़ते हैं. इसलिए वो उनके साथ बार-बार काम करते हैं. वो इसके उदाहरण के तौर पर एक किस्सा सुनाते हैं.

विशाल बताते हैं कि 'मकड़ी' में कसाई वाला जो रोल मकरंद देशपांडे ने किया, वो पहले नसीर करने वाले थे. विशाल मानते हैं कि नसीर वो रोल कर सकते हैं. मगर वो बहाना बनाकर फिल्म से निकल गए. इसके बाद विशाल ने 'मक़बूल' की स्क्रिप्ट लिखी. नसीर को दिया और कहा कि इस बार अपने लिए वो एक किरदार चुन लें. उन्हें इस फिल्म में काम करना ही पड़ेगा. वो बचकर नहीं निकल सकते. नसीर ने चुना कि वो 'अब्बाजी' वाला रोल करना चाहते हैं. इसके बाद कास्टिंग वगैरह चलने लगी. समय निकलने लगा. इस प्रोसेस में नसीर ने अपने कैरेक्टर के लिए बाल बढ़ाने शुरू कर दिए. बाल में मेंहदी लगाने लगे.

शूटिंग से तीन महीने पहले नसीर ने विशाल को बुलाया और कहा कि उन्हें ये रोल करने का मन नहीं है. विशाल ने कहा कि नसीर फिर से पतली गली से निकलने की कोशिश कर रहे हैं. मान-मनौव्वल चल रहा था. विशाल ने वजह पूछी, तो उन्होंने बताया कि वो कई फिल्मों में डॉन का रोल कर चुके हैं. इस फिल्म में उन्हें कुछ नया नहीं लग रहा. मगर उन्होंने विशाल को एक सलाह दी. उन्होंने कहा फिल्म में जो पंडित और पुरोहित के किरदार हैं, वो बेहद ज़रूरी हैं. 'मैक्बेथ' में विचेज़ का रोल बहुत भारी है. इसलिए अगर 'मक़बूल' वो किरदार कोई नया एक्टर करेगा, तो काम तो हो जाएगा. मगर वो नोटिस नहीं हो पाएगा. इसलिए वो चाहते हैं कि पंडित और पुरोहित वाला कैरेक्टर वो और ओम पुरी करें. इस बारे उन्होंने ओम पुरी से बात भी कर ली है.

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‘मक़बूल’ में इंसपेक्टर पंडित और पुरोहित के किरदार में ओम पुरी और नसीरुद्दीन शाह.

ये सुनकर विशाल भारद्वाज हैरान रह गए. क्योंकि नसीर ने फिल्म में इतना बड़ा किरदार छोड़ दिया. उन्होंने वो रोल चुना जिसकी लंबाई छोटी है. मगर कथानक में अहमियत ज़्यादा है. इसीलिए विशाल, नसीर की ईमानदारी और सिक्योर एक्टर मानते हैं.

हालांकि विशाल का ये भी कहना है कि वो बड़े गुस्सैल टाइप के आदमी हैं. उनका पारा तुरंत चढ़ जाता है. क्योंकि वो थिएटर वाले आदमी हैं. उनका सारा ध्यान वहीं रहती है. इसलिए विशाल उन्हें बार-बार कहते हैं कि वो उनके साथ काम नहीं करेंगे. क्योंकि वो सेट पर गुस्सा बहुत करते हैं. मगर वो नसीर को इतना बड़ा एक्टर मानते हैं कि उनके बिना उन्हें अपना कोई भी काम अधूरा लगता है.  

‘चार्ली चोपड़ा’ नाम की जो सीरीज़ है, वो अगाथा क्रिस्टी के नॉवल  The Sittaford Mystery पर आधारित है. इस सीरीज़ में वमीका गाबी, प्रियांशु पेंयुली, नसीरुद्दीन शाह, नीना गुप्ता, रत्ना पाठक शाह और गुलशन ग्रोवर जैसे एक्टर्स काम कर रहे हैं. ‘चार्ली चोपड़ा’ को 27 सितंबर से सोनी लिव पर स्ट्रीम किया जा सकता है.

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