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एक्टर विनीत कुमार की शादी का रोचक किस्सा, जब बिना कुछ बोले शादी हो गई

करनी जीवन भर नहीं थी, तय एक दिन में हो गई.

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नवनीत निशान विनीत कीं और उनकी पत्नीं मनोरंजन कीं बेहद करीबी दोस्त हैं.

कुछ दिनों पहले लल्लनटॉप के खास शो 'बरगद' में एडिटर सौरभ द्विवेदी के साथ 'अक्स', 'शूल' और 'लापतागंज' जैसी फिल्मों और टीवी शोज़ से फेम हासिल कर चुके एक्टर विनीत कुमार ने बैठक जमाई. जहां विनीत कुमार ने अपने बचपन से लेकर जवानी, राजनीति से लेकर अभिनय और हिंदी सिनेमा से लेकर तमिल सिनेमा तक सब पर खूब तफसील से बात की. बातों के दौरान उन्होंने कई रोचक किस्से साझा किए. उन्हीं किस्सों में एक आपके साथ साझा कर रहे हैं. 




जितने दिलचस्प किस्से विनीत के बचपन और एक्टिंग के हैं. उससे कहीं ज़्यादा दिलचस्प शादी का किस्सा है. विनीत के लिए जीवन का मतलब थिएटर था. उन्हें इसके अलावा कुछ नहीं सूझता था. घर पे मां जब भी शादी को कहतीं, तो ये कह के मना कर देते कि उनकी रोज़ी-रोटी का ठिकाना नहीं है. आज काम है, कल नहीं है. कैसे ज़िम्मेदारी उठाएंगे. उस वक़्त विनीत की सबसे करीबी दोस्त थीं एक्ट्रेस नवनीत निशान. नवनीत की मां भी अक्सर विनीत को शादी करने के लिए टोकती रहती थीं. लेकिन विनीत हर बार टालमटोल कर जाते थे.
विनीत संग मनोरंजन
विनीत संग मनोरंजन


अपनी पत्नी मनोरंजन धालीवाल से पहली मुलाकात कैसे हुई, इसका मज़ेदार किस्सा विनीत सुनाते हैं.
“वो नवनीत निशान के साथ पढ़ी हुई थीं. नवनीत स्कूल के वक़्त से मेरे बहुत क्लोज़ रही है. उस वक़्त उसके यहां जाना-आना बना रहता ही था. बंबई में सारे दोस्त वहीं जाते थे, उसी के यहां. क्यूंकि उसी के पास अपना एक फ्लैट था. तो सब लोग वहीं बैठते थे. 93 या 94 में उनकी मां ने इशारे में हमसे कहा शादी करने को. तो हमने कहा हमें शादी नहीं करना है, वाकई में नहीं करना था. हम अपने आप को पाते ही नहीं कि हम इस योग्य हैं कि सहज़-सरल तरीके से जीवन जी सकें.
खैर वो आईं नवनीत से मिलने के लिए. दरअसल ये दो माताओं का आयोजित आयोजन जैसा कुछ था. के भाई मिला देना. तो वो कुछ चार-पांच दिन रहीं बंबई में. तो नवनीत ने कहा जा घुमा ला. तो हम बोले हम कहां घुमाएंगे, हम तो खुद नहीं घूमते. सब बहुत बोले तो हम एडिटिंग रूम में ले गए. तो अफ़ाक भाई आए ढेर सारी वीएचएस लेके, बोले ये भी दिखा दे. वो बोले अबे ले जाकर कहीं घुमा. हम बोले अब आप भी भगा रहे हो. खैर मनोरंजन के वापस जाने से एक दिन पहले बैठाल के पूछा गया बताओ भई क्या विचार हैं तुम लोगों के.
अब मेरा कैसे विचार हो सकता है. आज पैसा कमा रहे हैं .कल नहीं कमाएंगे. तो भई कैसे रहेंगे. मुझे तो दोनों के बारे में सोचना पड़ेगा. ऐसे आदमी के साथ ये रह पाएंगी या नहीं रह पाएंगी भगवान जाने. उन्होंने भी कहा भई मैं कैसे बता सकती हूं. ये कौन हैं, क्या हैं. ये बात हो ही रही थी उधर नवनीत की मदर ने कह दिया 'अरे ये दोनों तो शादी के लिए तैयार हैं'. इधर नवनीत अंदर से उछलती हुई बल्ले-बल्ले करती हुई आ गई. ना हम कुछ बोले, ना वो कुछ बोलीं. शादी हो गई."



ये स्टोरी दी लल्लनटॉप में इंटर्नशिप कर रहे शुभम ने लिखी है.


विडियो: विनीत कुमार की लव स्टोरी, बिन हां बोले हो गई शादी