'वलिमई' की कहानी बड़ी सिंपल है, इसलिए फिल्म प्रेडिक्टेबल हो जाती है. इसकी शुरुआत प्रॉमिसिंग तरीके से होती है. मगर फैन सर्विस के चक्कर में डायरेक्टर एच. विनोद का कंट्रोल फिल्म पर कम होता चला जाता है. उन्हें एक एक्शन थ्रिलर बनानी है. और सुपरस्टार के फैंस को भी खुश करना है. उनकी ये उधेड़बुन पूरी फिल्म में आपको नज़र आती है. फैमिली के साथ दो-तीन इमोशनल सीन्स होते हैं और फिर एक लंबा एक्शन या चेज़ सीक्वेंस आपके सामने रख दिया जाता है. ज़ाहिर तौर पर वो सीक्वेंसेज़ शानदार और स्टाइलिश हैं. मगर इनका स्टोरी से कुछ खास लेना-देना नहीं है. ऐसा लगता है कि फिल्म अपनी कमज़ोर कहानी को छुपाने के लिए इन फैंसी सीक्वेंस का इस्तेमाल कर रही है.

Satan's Slave यानी शैतान के गुलाम नाम के गैंग के लोग, जिन्होंने शहर में उत्पात मचाया हुआ है.
फिल्म में अजीत कुमार ने अर्जुन नाम के पुलिस ऑफिसर का रोल किया है. वो एसीपी है. उसे चेन्नई शहर को शैतान के गुलाम गैंग से मुक्त करने के लिए बुलाया गया है. अर्जुन अच्छा आदमी है, वो लोगों की भलाई करना चाहता है. अच्छा बेटा है. अच्छा भाई. ये सब इसलिए करना पड़ता है क्योंकि अजीत अच्छे सुपरस्टार हैं. फैंस के लिए अच्छा सुपरस्टार वो होता है, जो अपनी फिल्मों में वही चीज़ें करता है, जो उसके फैंस पसंद करते हैं. उसे शास्त्रों में फैन सर्विस कहा गया है. RX100 फेम तेलुगु एक्टर कार्तिकेय ने फिल्म के विलन 'सेटन' का रोल किया है. ये विलन कभी अजीत के साथ भिड़कर जीतने की स्थिति में नहीं लगता. जितनी मेहनत कार्तिकेय के लुक्स और फिज़िक पर हुई है, उतना ही मेहनत उनके कैरेक्टर ग्राफ पर भी होती, तो ये कुछ अलग ही फिल्म होती.

शैतान के गुलाम गैंग से निपटने के लिए बुलाया गया पुलिस ऑफिसर अर्जुन.
हुमा कुरैशी ने सोफिया नाम की पुलिस ऑफिसर का रोल किया है. वो यहां सिर्फ इसलिए हैं ताकि पब्लिक को बताया जा सके कि फिल्म में हीरोइन है. मगर अजीत के साथ उसका कोई रोमैंटिक एंगल नहीं है. हालांकि हुमा के हिस्से एक धांसू एक्शन सीन आता है. बाकी मौकों पर वो लिटरली 'सपोर्टिंग रोल' में ही बनी रहती हैं. इस फिल्म में जितने भी एक्टर्स दिखते हैं, वो अजीत के फैंस की तरह ही बिहेव करते हैं. मतलब नार्सिसिज़्म की कोई तो हद होती होगी!

फिल्म के विलन सेटन, जिनका रोल कार्तिकेय ने किया है.
पंगा ये था कि फिल्म में कोई रोमैंटिक एंगल नहीं है. मसाला कहां से लाया जाए? इस चीज़ की भरपाई मां और भाई के साथ प्यार दिखाकर की जाती है. जो बहुत ओवर द टॉप, बनावटी और डेटेड लगता है. 'वलिमई' देखते वक्त लगता है कि अजीत में विन डीज़ल की आत्मा समा गई है. हालांकि फिल्म अपने लिमिटेड स्कोप में कुछ अच्छा करने की भी कोशिश करती है. जैसे एक सीन में कुछ गुंडों को पकड़ने के बाद अर्जुन उनके हाथ तोड़ देता है. उसका साथी ऑफिसर कहता है कि सर इन लोगों का तो एनकाउंटर कर देना चाहिए. इसके जवाब में अर्जुन कहता है-
''हाथ तोड़ना ही गलत है. मजबूरी में कर रहे हैं.''