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अनुराग कश्यप की बैन की गई पिक्चर का पहला सीन उन्होंने नहीं, बल्कि इम्तियाज़ अली ने लिखा था

इम्तियाज़ अली ने अनुराग कश्यप की फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' में याकूब मेमन का रोल किया था. वो इसे जवानी में की गई सिर्फ एक चूक मानते हैं.

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अनुराग कश्यप की फिल्म ब्लैक फ्राइडे कई दिनों तक रिलीज नहीं हो सकी थी

अनुराग कश्यप और इम्तियाज़ अली की दोस्ती उस समय की है, जब दोनों दिल्ली यूनिवर्सिटी में एक साथ पढ़ा करते थे. एक समय अनुराग कश्यप ऐक्टर बनना चाहते थे. वो इम्तियाज़ अली के पास अपना पोर्टफोलियो लेकर रोल मांगने भी पहुंचे थे. ऐसा हमें इम्तियाज़ अली ने गेस्ट इन द न्यूजरूम में बताया. यहीं उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने अनुराग कश्यप की फिल्म 'ब्लैक फ्राइडे' का पहला सीन लिखा था. ‘ब्लैक फ्राइडे’ को बैन कर दिया गया था. कई दिनों तक फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. काफी बाद में इसे रिलीज किया गया.

अनुराग कश्यप, जो कभी ऐक्टर बनना चाहते थे, आगे डायरेक्टर बने. और उस आदमी को काम दिया, जिससे वो कभी खुद काम मांगने पहुंचे थे. इम्तियाज़ अली ने 'ब्लैक फ्राइडे' में याकूब मेमन का रोल किया था. इम्तियाज़ बताते हैं:

जवानी में सभी चूक करते हैं. मैंने भी अनुराग की बात मानकर चूक की. हमने एक साथ बहुत समय बिताया है. एक ही बिल्डिंग में हम रहा करते थे. अनुराग ने बोला कि याकूब मेमन का रोल तुम करो. पता नहीं उसे ऐसा क्यों लगा! शायद उसकी एक ज़िद थी. वो मुझे ज़लील करना चाहता हो! उसने कहा कि मैं आपके लिए जान दे सकता हूं और आप मेरे लिए एक रोल नहीं कर सकते. मैंने पता नहीं क्यों हां बोल दिया. उसने बोला कि बस एक दिन आना है. बस हो जाएगा. मैंने कर लिया. फिर उसने बोला कि एक और सीन है, बाल मत कटाना. ऐसे कर-करके कई सीन हो गए. पूरे चार-पांच महीने के अंतराल में मैंने बाल नहीं कटाए. इसीलिए मेरे बाल बड़े हो गए. फिर मैंने कटाए ही नहीं.

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इम्तियाज़ ने ये भी बताया कि उन्होंने 'ब्लैक फ्राइडे' का पहला सीन लिखा था. इम्तियाज कहते हैं:

पहले कुछ और बिगिनिंग थी. मैंने बताया कि इसे बदलो. हम एक-दूसरे के प्रोजेक्ट में इन्वॉल्व रहा करते थे. फिल्म में पहला सीन है, जहां एक आदमी से पूछताछ की जा रही है. वो रो रहा है और कह रहा है कि मैं सब बता दूंगा. ये अनुराग की फिल्म में कहीं बीच में सीन था. मैंने कहा कि इसे पहले रखो. ताकि जनता को पता चले कि आगे क्या कहानी होने वाली है. अनुराग ने कहा कि ठीक है फिर तुम लिखो ये सीन. यानी उस सीन में जो कुछ भी है, थोड़ा बहुत वो मैंने लिखा था.  

ऐसा ही एक अनुराग कश्यप से जुड़ा किस्सा इम्तियाज़ ने और सुनाया. वो यहां क्लिक करके आप पढ़ सकते हैं.