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फिल्म रिव्यू- टेक्सस चेनसॉ मैसेकर

इस फिल्म को देखते हुए बिल्कुल नहीं लगता कि इसके मेकर्स कुछ भी नया करने की कोशिश कर रहे थे.

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'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' के एक सीन में लेदरफेस का रोल करने वाले एक्टर मार्क बर्नहैम.
1974 में एक फिल्म आई थी. नाम था The Texas Chain Saw Massacre. ये कहानी थी एक सनकी आदमखोर फैमिली की. सैली नाम की एक लड़की अपने चार दोस्तों के साथ घूमने जा रही थी. सुनसान इलाका था. ये ग्रुप पेट्रोल के लिए एक पंप पर रुकता है. मगर वहां पेट्रोल नहीं मिलता. पेट्रोल ढूंढने के लिए वो लोग वहां पास में बने एक घर में चले जाते हैं. इस घर में लेदरफेस नाम का एक शख्स रहता था. उसका नाम लेदरफेस इसलिए था क्योंकि वो अपने चेहरे पर इंसानों के स्किन से बना मास्क पहनता था. वो सैली के चारों दोस्तों को हथौड़ी और चेन सॉ से मार डालता है. सैली बच जाती है. मगर वो ठान लेती है कि लेदरफेस से अपने दोस्तों का बदला ज़रूर लेगी.
'द टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' को असल घटनाओं से प्रेरित फिल्म बताकर प्रमोट किया गया था. मगर कहानी का अधिकतर हिस्सा फिक्शनल था. बावजूद इसके टोब हूपर डायरेक्टेड इस फिल्म को क्लासिक हॉरर फिल्मों में गिना जाता है. 18 फरवरी को नेटफ्लिक्स पर एक नई फिल्म रिलीज़ हुई. इसका नाम है 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर'. ये 1974 में आई उस फिल्म का डायरेक्ट सीक्वल है. जबकि इन दो फिल्मों के बीच 'चेनसॉ मैसेकर' सीरीज़ की 8 फिल्में रिलीज़ हो चुकी हैं.
1974 में आई 'द टेक्सर चेनसॉ मैसेकर' फिल्म के एक सीन में लेदरफेस की फैमिली.
1974 में आई 'द टेक्सर चेनसॉ मैसेकर' फिल्म के एक सीन में लेदरफेस की फैमिली.


'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर', 1974 में आई फिल्म की कहानी को आगे बढ़ाती है. मेलडी, लाइला, दांते और रुथ, ये चार लोग टेक्सस के एक सुनसान शहर में पहुंचते हैं. यहां पर ढेर सारे मकान खाली पड़े हैं. वो लोग इन मकानों को अपने काम में लाना चाहते हैं. जिस घर को इन लोगों ने खरीदा है, पहले वहां पर एक अनाथालय हुआ करता था. मगर वहां पहुंचने के बाद उन्हें पता चलता है कि उस घर में अब भी एक बूढ़ी औरत रहती है. ये लोग उस औरत को घर खाली करने को कहते हैं. इतनी देर में वहां एक लंबा-चौड़ आदमी आ जाता है. जिसकी शक्ल बढ़े हुए बालों से ढंकी हुई. बूढ़ी औरत बताती है कि वो उस अनाथायल में बचा हुआ आखिरी 'बच्चा' है.
जब वो घर खाली करने को तैयार नहीं होती, तो मेलडी और उसके साथी पुलिस की मदद लेते हैं. पुलिस को देखकर उस महिला की तबीयत खराब हो जाती है. उसे पुलिसवैन में बिठाकर अस्पताल ले जाया जाता है. साथ में उस अनाथायल का कथित आखिरी बच्चा और दांते की मंगेतर रुथ भी जाती है. मगर रास्ते में उस महिला की डेथ हो जाती है. तब जाकर रिवील होता है कि जिस आदमी को वो महिला बच्चा बता रही थी, वो लेदरफेस है. जो अब बूढ़ा हो गया है. मगर लोगों का कत्ल कर उनके चमड़े से बने मास्क पहनने की आदत नहीं गई. लेदरफेस सबसे पहले उस बूढ़ी औरत का चेहरा काटता है और अपना मास्क बना लेता है. इसके बाद वो अपना चेनसॉ उठाता है और जो दिखता है उसे काटना शुरू कर देता है. इस फिल्म को देखने के दौरान आपके दिमाग में सिर्फ एक ही चीज़ चलती रहती है. क्या मेलडी, लाइला और दांते, इस चेनसॉ किलर से बचकर वापस आ पाएंगे? इस सवाल का जवाब पाने के लिए आपको 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' देखनी पड़ेगी.
2022 वाली 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' के एक सीन में मेलडी, रुथ, दांते (बाएं से दाएं) सबसे पीछे डेनिम जैकेट में खड़ी लाइला,
2022 वाली 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' के एक सीन में मेलडी, रुथ, दांते (बाएं से दाएं) और सबसे पीछे डेनिम जैकेट में खड़ी लाइला.


फिल्म में मेलडी का रोल किया है सारा यॉर्किन ने. उनकी बहन लाइला का किरदार निभाया है 'एट्थ ग्रेड' फेम एल्सी फिशर ने. लेदरफेस का कैरेक्टर प्ले किया मार्क बर्नहैम ने.
अच्छी बात ये है कि मैंने इस सीरीज़ की सारी नहीं, मगर कुछ एक फिल्में देखी हैं. 1974 में आई पहली फिल्म को क्लासिक इसलिए माना जाता है क्योंकि वो अपनी तरह की पहली फिल्म थी. उसमें नयापन था. एल्फ्रेड हिचकॉक की 'साइको' वाला फील था. मगर कॉन्टेंट एक दम हटकर था. फिल्ममेकिंग एक क्रिएटिव प्रोसेस है. मगर जब आप 2022 में आई 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' को देखेंगे, तो आपको दो चीज़ें महसूस होंगी. अव्वल तो ये कि इस फिल्म को सिर्फ फैन सर्विस के लिए बनाया गया है. यानी जो लोग सीरीज़ की फिल्मों को पसंद करते हैं, ये सिर्फ उन्हें ध्यान में रखकर बनाई गई है. इस फिल्म को बनाने की दूसरी वजह है, उसी फैन फॉलोविंग को कैश करने की कोशिश. क्योंकि इस फिल्म को देखते हुए बिल्कुल नहीं लगता कि इसके मेकर्स कुछ भी नया करने की कोशिश कर रहे थे. खून-खराबे से भरपूर ये फिल्म आपके इंटेलेक्ट में एक प्रतिशत का इज़ाफा करने का माद्दा नहीं रखती.
1974 से इकलौता कैरी फॉरवर्ड होने वाला कैरेक्टर है सैली का. जो अब बूढ़ी हो चुकी है. मगर लेदरफेस से बदला लेने की आग मे जल रही है.
1974 वाली फिल्म से कैरी फॉरवर्ड होने वाला इकलौता कैरेक्टर है सैली का है. जो अब बूढ़ी हो चुकी है. मगर उसकी ज़िंदगी का मक़सद लेदरफेस से बदला है.


फिल्म में एक सीन है. दांते और मेलडी के बिज़नेस की शुरुआत को सेलीब्रेट करने उनके कुछ दोस्त-साथी एक पार्टी बस में आते हैं. पार्टी बस यानी वो बस जिसमें थोड़ा बदलाव करके ऐसा बना दिया गया है, जिसमें चलते-फिरते पार्टी हो सके. अलग कंपार्टमेंट, चमकीली बत्तियां, लोगों के खड़े रहने को ढेर सारी जगह. उस सुनसान शहर में बिज़नेस खत्म करने के बाद प्लेज़र वाला माहौल बना हुआ है. लोग बस में पार्टी कर रहे हैं. ऐसे में लेदरफेस अपनी चेनसॉ के साथ वहां पहुंचता है और उस बस में मौजूद हर इंसान को काट देता है. ये इतना वीभत्स सीन है, जिसके बाद इस फिल्म को आगे देखने का मन नहीं करता है. मगर तब तक फिल्म आपका इंट्रेस्ट पिक कर चुकी होती है. आपको जानना है कि मेलडी और लाइला कैसी बचती हैं? बचती भी हैं या नहीं?
'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' का वो पार्टी बस वाला सीन, जिसका ज़िक्र हमने ऊपर किया.
'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' का वो पार्टी बस वाला सीन, जिसका ज़िक्र हमने ऊपर किया.


आपको पता है कि स्क्रीन पर जो कुछ भी हो रहा है, वो मेक बिलीव है. कुछ भी रियल नहीं है. फिर इतना सेंसलेस सीक्वेंस देखने को बाद दिमाग की बत्ती गुल हो जाती है. शायद मेकर्स अपने दर्शकों को यही महसूस करवाना चाहते हों. फिल्म के आखिरी में एक इंट्रेस्टिंग ट्विस्ट आता है. ये ट्विस्ट इस फिल्म को देखने के एक्सपीरियंस को बेहतर तो नहीं बनाता, मगर एक और सीक्वल के लिए जमीन तैयार करके चला जाता है. अच्छी चीज़ ये है कि इस फिल्म की लंबाई डेढ़ घंटे से भी कम है. अगर आप स्लैशर/कैनिबल/हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं, तो आपको ये फिल्म ठीक लगेगी. लेकिन अगर आप कॉन्टेंट ड्रिवन सीरियस या एंटरटेनिंग फिल्में पसंद करते हैं, तो 'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' आपको लिए बिल्कुल नहीं है.

'टेक्सस चेनसॉ मैसेकर' को आप नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम कर सकते हैं.