साल 2005. फिल्म: Batman Begins. क्रिस्टोफर नोलन के निर्देशन में बनी. अरबपति ब्रूस वेन खुद को खोज रहा है. अपने बटलर अल्फ्रेड से कहता है:
'सुपरमैन': ये 3000 करोड़ी फिल्म कैसे DC की दशा-दिशा बदल सकती है!
James Gunn की Superman का टीज़र ट्रेलर देखकर Zack Snyder के फैन्स तिलमिलाए हुए क्यों हैं?
लोगों को उनकी उदासीनता से बाहर धकेलने के लिए किसी ड्रामैटिक उदाहरण की ज़रूरत पड़ती है. मैं ब्रूस वेन रहते हुए वैसा नहीं कर सकता. एक आदमी होने के नाते मैं सिर्फ मांस और खून से बना पुतला हूं, जिसे अनदेखा किया जा सकता है, जिसे खत्म किया जा सकता है. लेकिन एक प्रतीक के नाते मुझे कोई भ्रष्ट नहीं कर सकता. कुछ एलीमेंटल, कुछ भयावह प्रतीक की ज़रूरत है.
ये बैटमैन की ओरिजिन स्टोरी थी. वो अपने लबादे से चांद को ढकने के लिए उतर रहा था. नोलन ने बैटमैन पर तीन फिल्में बनाईं. उस सीरीज़ की दूसरी फिल्म ‘द डार्क नाइट’ को सबसे महान सुपरहीरो फिल्मों में गिना जाता है. एक ऐसी फिल्म जो कॉमिक बुक फिल्म होने की आड़ में नैतिकता जैसे जटिल सब्जेक्ट के साथ डील करती है. नोलन की बैटमैन ट्रिलजी ने एक बेंचमार्क सेट कर दिया. उसका नुकसान ये हुआ कि फिल्ममेकर्स कुछ वैसा ही क्रिएट करने की कोशिश करने लगे. DC की फिल्में डार्क होने लगीं.
साल 2013 में ज़ैक स्नायडर की फिल्म ‘मैन ऑफ स्टील’ आई. दुनिया को हेनरी कैविल की शक्ल में नया सुपरमैन मिला. फिल्म ने दुनियाभर में 670 मिलियन डॉलर का कलेक्शन किया. आज के रुपये में ये करीब 570 करोड़ होता है. DC का प्रतिद्वंदी मार्वल इस पॉइंट तक अपना यूनिवर्स शुरू कर चुका था. अब DC को उस नदी में कूदना था. तो उन्होंने ‘मैन ऑफ स्टील’ से DC एक्स्टेंडेड यूनिवर्स की शुरुआत की. इस यूनिवर्स की अगली फिल्म ‘बैटमैन वर्सेज़ सुपरमैन’ थी. फैन्स के बीच ये इतना ज्वलंत मुद्दा है कि आज तक बहस होती हैं. क्रिटिक्स फिल्म की आलोचना करते हैं, तो वहीं कट्टर फैन्स उनसे ओरिजनल कट देखने को कहते हैं. खैर फिर आई ‘जस्टिस लीग’, वो फिल्म जिसने इस यूनिवर्स और ज़ैक स्नायडर के विज़न की कब्र खोद डाली. यहां से वापसी के कोई आसार नहीं थे.
दूसरी तरफ हेनरी कैविल को पसंद करने वाली जनता यही कह रही थी कि ये सुपरमैन अच्छी फिल्म डिज़र्व करता है. हेनरी ने भी उम्मीद नहीं छोड़ी. 2022 में आई ‘ब्लैक एडम’ फिल्म में हेनरी के सुपरमैन ने कैमियो भी किया. ये फिल्म अक्टूबर में आई. बॉक्स ऑफिस पर और क्रिटिक्स के रिव्यू कॉलम में फिल्म की धज्जियां उड़ गईं. उसके एक महीने बाद खबर आती है कि एक्स्टेंडेड यूनिवर्स पर ताला लगा दिया गया है. अब DC नई दिशा में मुड़ेगा. DC यूनिवर्स अनाउंस किया गया. उसके मुखिया होंगे जेम्स गन और पीटर सैफरन. जेम्स गन वहीं शख्स हैं जिन्होंने मार्वल के लिए ‘गार्डियंस ऑफ द गैलक्सी’ वाली फिल्में बनाई थीं. जेम्स ने अनाउंस किया कि वो ‘सुपरमैन’ पर फिल्म लिख रहे हैं और उसे डायरेक्ट भी करेंगे. उस फिल्म से नए DCU की शुरुआत होगी.
19 नवंबर को जेम्स वाली ‘सुपरमैन’ का पहला टीज़र ट्रेलर आया है. टीज़र ट्रेलर आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर हल्ला मचा हुआ है. एक वर्ग का मानना है कि अभी मज़ा आएगा न भीड़ू. वहीं स्नायडर के फैन्स उससे खुश नहीं हैं. वो इतनी रंगीन दुनिया को अडैप्ट नहीं कर पा रहे. बहरहाल अब तक लिखे 500 शब्द पढ़कर आपके दिमाग में एक सवाल आ जाना चाहिए. कि जेम्स गन की ‘सुपरमैन’ की बात हो रही है तो फिर नोलन के बैटमैन से शुरुआत क्यों हुई. नोलन वाली फिल्में आज भी रेलेवेंट इसलिए हैं क्योंकि वहां एक फिलॉसफी थी. उनका किरदार कौन है, उससे पहले उन्होंने ये समझा कि उनका किरदार क्या है. वो बड़े से बड़े क्रिमिनल्स के नेटवर्क को ध्वस्त कर सकता है. लेकिन उस नकाब के नीचे वो एक वल्नरेबल, अकेला आदमी है जो अपने बचपन के ज़ख्म को भरने की कोशिश कर रहा है. अपने परिवार की लेगेसी का भार उठा रहा है. कुलमिलाकर उन फिल्मों का दिल सही जगह पर था. जेम्स गम वाली ‘सुपरमैन’ को भी देखकर ऐसा ही लग रहा है. इस फिल्म को लेकर इतनी हाइप क्यों बन रही है, क्यों ऐसा कहा जा रहा है कि ये सबसे महान सुपरहीरो के साथ न्याय करने वाली है, अब उन कारणों पर बात करेंगे.
# ये दुनिया इतनी रंगीन क्यों है?
‘सुपरमैन’ की फुटेज देखने के बाद बहुत लोग लिखने लगे कि इतने ज़्यादा कलर्स क्यों हैं. ये फिल्म तो डार्क होनी चाहिए. उसका जवाब है कि एक किरदार के तौर पर सुपरमैन यही दर्शाता है. वो उम्मीद यानी Hope की किरण है. सुपरमैन वो हीरो है जो भयानक परग्रहियों से टक्कर लेता है. लेकिन वो ऐसा हीरो भी है जो पेड़ पर चढ़ी बिल्ली को नीचे उतारता है. वो ऐसा हीरो भी है किसी बुजुर्ग महिला को रास्ता पार करवाता है. दुर्भाग्य से हम में से बहुत सारे लोग सुपरमैन को सिर्फ उसकी शक्तियों से जानते हैं. कैसे वो हवा की भांति उड़ सकता है. कैसे उसकी आंखों से पिघलाने वाली लेज़र निकलती है. लेकिन उसकी सबसे बड़ी शक्ति कुछ और है.
सुपरमैन एक अमेरिकी हीरो है. दूसरे ग्रह से आया. दो लोगों ने उसे गोद लिया. अपना नाम दिया. उसने इस धरती को अपना घर और अपनी दुनिया बनाया. क्रिप्टॉन से आया सुपरमैन इंसानियत को समझने लगा. निरंतर खुद को मानवीयता के करीब ले जाने की कोशिश ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति है. उसके लिए इंसानियत कोई पड़ाव नहीं कि फलां-फलां काम करते ही उस मुकाम तक पहुंच जाएगा. जिस तरह बैटमैन खुद से बड़ा एक प्रतीक है, उसी तरह सुपरमैन उस आखिरी उम्मीद का प्रतीक है जो दबी सांस में कहती है कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है.
जेम्स गन अपनी फिल्म से उसी सुपरमैन तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए उनकी दुनिया में इतने रंग हैं, जैसे दर्शा रहे हैं कि अभी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है. हर कोई भ्रष्ट नहीं हुआ है. टीज़र ट्रेलर को देखकर लग रहा है कि जेम्स इसे सुपरमैन की कॉमिक्स के बेहद करीब रख रहे हैं. पहली वजह तो कॉस्ट्यूम ही है. सुपरमैन ने फिर से बड़े परदे पर रेड अंडरवियर पहनी है. ट्रेलर के शुरुआत में हम देखते हैं कि सुपरमैन कहीं से चोटिल होकर बर्फ में आकर गिरता है. मदद के लिए अपने पेट डॉग क्रिप्टो को बुलाता है. क्रिप्टॉ मुंह में सुपरमैन का लबादा चबाए उसे अपने घर तक घसीटता है. इसी ट्रांज़िशन में हम उसकी दुनिया देखते हैं. डेविड कोरेनस्वेट को क्लार्क केंट के रोल में देखते हैं. डेली प्लेनेट में काम करने वाला पत्रकार. बाल बिखरे हुए. कंधे झुके हुए. डेविड ने सुपरमैन और क्लार्क के बीच अंतर बनाने के लिए अपनी फिज़िकैलिटी का इस्तेमाल किया है. कुछ ऐसा ही क्रिस्टोफर रीव ने अपने सुपरमैन के लिए भी किया था.
# इतने सारे किरदार क्या कर रहे हैं?
ट्रेलर में सिर्फ सुपरमैन, लॉइस लेन और लेक्स लुथर ही नज़र नहीं आते. बल्कि Guy Gardener, Hawk Girl और Mister Terrific जैसे किरदार भी नज़र आते हैं. इस पर कहा जाने लगा था कि मेकर्स ‘सुपरमैन’ की फिल्म को किसी खिचड़ी में तब्दील न कर दें. जेम्स का कहना था कि इस फिल्म को इसलिए नहीं बनाया गया कि आगे इन किरदारों के सीक्वल बनेंगे. बल्कि ये किरदार फिल्म में सुपरमैन की कहानी को सपोर्ट करेंगे. ये मेकर्स का कहना है. रेडिट के कुछ थ्रेड्स में पढ़ने को मिलता है कि स्टूडियोज़ के पास किरदारों के राइट्स होते हैं. उन राइट्स के साथ आने वाली शर्तों के चलते उन्हें उन किरदारों को किसी भी तरह से इस्तेमाल करना होता है.
‘सुपरमैन’ अपने आप में नई या अनोखी फिल्म नहीं होगी. लेकिन ये आज के ब्लॉकबस्टर सिनेमा की ज़रूरत ज़रूर है. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि बीते कुछ सालों में फिल्ममेकर्स जिस तरह से VFX पर आश्रित होकर फिल्में बना रहे हैं, उससे सिनेमा की दुर्गति (मुन्नाभाई वाली सर्किट इसे दुर्गटि ही पढ़ें) ही हो रही है. नतीजतन हर फिल्म एक जैसी दिख रही है. वो गुज़रा ज़माना लग रहा है जब फिल्मों के फ्रेम किसी पेंटिंग के समान हुआ करते थे. जेम्स गन ने प्रैक्टिकल इफेक्ट का इस्तेमाल कर के अपने किस्म की क्रांति करने की कोशिश की है. फिल्म के बहुत सारे सीन जहां आसमान में किरणें फूट रही हैं, कहीं आग बह रही है, ऐसे इफेक्ट्स को VFX की जगह खुद से डिज़ाइन किया गया है.
‘सुपरमैन’ एक ऐम्बिशियस प्रोजेक्ट है. कुछ जगह पढ़ने को मिलता है कि इसे 363 मिलियन डॉलर के भीमकाय बजट पर बनाया गया है. भारतीय रुपये में ये करीब 3000 करोड़ रुपये होते हैं. वो बात अलग है कि मेकर्स इस पर कॉमेंट नहीं करते. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कऐसा परफॉर्म करती है, वो अगले साल ही पता चलेगा. पर इतना तय है कि ये DC यूनिवर्स में एक बड़ा शिफ्ट होने वाली है. डेविड कोरेनस्वेट, रेचल ब्रोसनेहन और निकोलस होल्ट के साथ बनाई गई ‘सुपरमैन’ 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी.
वीडियो: नई 'सुपरमैन' फिल्म को बनाने में 3000 करोड़ रुपये लगे! फिर मेकर्स क्यों कर रहे ये खेल?