कुछ साल पहले Shah Rukh Khan ने एक तमिल डायरेक्टर को कॉल किया. ‘ज़ीरो’ के बाद वो बड़ा कमबैक प्लान कर रहे थे. फुल फ्लेज्ड एक्शन फिल्म करना चाहते थे. जब ये न्यूज़ बाहर आई, तो हिंदी ऑडियंस के लिए चौंकने का सबब था. उन्होंने दनादन एटली की फिल्मों के हिंदी डब वर्ज़न तो देखे थे, बस उनके नाम से ही अवगत नहीं थे. शाहरुख का बुलावा आने से पहले एटली के खाते में सिर्फ चार फिल्में थीं. फिर शाहरुख ने उनमें ऐसा क्या देखा? इस सवाल ने कई लोगों को परेशान किया. ये वही लोग थे, जो एटली के काम को करीब से फॉलो नहीं कर रहे थे. चेन्नई के कॉलेज से लेकर शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ तक एटली का सफर कैसा था, इस कहानी से ज़्यादा लोग परिचित नहीं. आज उसी के बारे में बताते हैं.
कहानी 'जवान' के डायरेक्टर एटली की, जिन्होंने खुद को विजय का छोटा भाई कहा और हंगामा हो गया
एटली की फिल्मों पर चोरी का आरोप लगता है. वो कहते हैं कि जब तक लोगों को उनकी फिल्में पसंद आ रही हैं, प्रोड्यूसर पैसा बना रहे हैं, तब तक उन्हें कोई दिक्कत नहीं.
# शॉर्ट फिल्म से 200 करोड़ी फिल्म तक का सफर
मदुरै के मध्यम वर्गीय तमिल परिवार में अरुण कुमार का जन्म हुआ. प्यार से घरवाले उन्हें एटली बुलाते. उस वक्त किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी कि आगे चलकर पूरा देश उस लड़के को इसी नाम से पहचानने वाला है. खैर एटली को बचपन से ही पढ़ाई में कोई खास रुचि नहीं थी. शौक था तो सिनेमा का. रजनीकांत से लेकर कमल हासन तक की फिल्में लाइन से सिनेमाघरों में देखीं. एटली का जन्म भले ही मदुरै में हुआ, लेकिन कुछ समय बाद ही घरवाले चेन्नई शिफ्ट हो गए.
आगे की उनकी अधिकांश ज़िंदगी चेन्नई में ही बीती. स्कूली शिक्षा पूरी हुई. कॉलेज की पढ़ाई का चुनाव करना था. उन्होंने विज़ुअल कम्यूनिकेशन में पढ़ाई करने का फैसला लिया. घरवालों ने कोई एतराज़ नहीं जताया. ऊपर से बेटे को हर संभव तरीके से सपोर्ट ही किया. उसके बाद एटली का एडमिशन हुआ चेन्नई की सत्यभामा यूनिवर्सिटी में. वहां विज़ुअल कम्यूनिकेशन की पढ़ाई के दौरान उनका झुकाव सिनेमा की तरफ और बढ़ने लगा. कॉलेज के साथियों को लेकर एक शॉर्ट फिल्म बना डाली. नाम था En Mel Vizhundha Mazhai Thuli. यानी बारिश की वो बूंद, जो मुझपर आ गिरी. कॉलेज के लेवल पर बनाई गई ये फिल्म उनका नाम कॉलेज के बाहर तक ले गई. इस शॉर्ट फिल्म को अलग-अलग कॉम्पीटिशन में अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया. इसी फिल्म की बदौलत 19 साल के एटली पहुंचे असली फिल्म सेट पर.
ये फिल्म थी ‘एंदीरन’. हिंदी में आप इस फिल्म को ‘रोबोट’ के नाम से जानते हैं. फिल्म को बना रहे थे शंकर. एटली उन्हीं के असिस्टेंट्स में शामिल हो गए. ये वो पॉइंट था, जिसके बाद एटली को कभी पीछे मुड़कर देखने की ज़रूरत नहीं पड़ने वाली थी. उन्होंने रजकर शंकर के सेट पर काम किया. तारीफ़ों और डांट के बीच वो काम करते रहे. बताया जाता है कि एटली शंकर के सबसे पसंदीदा असिस्टेंट्स में से एक थे. ‘एंदीरन’ बनकर रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर धुआं उठा दिया. फिल्म ने इंडिया में करीब 193 करोड़ रुपए कमाए. वहीं दुनियाभर में कमाई का आंकड़ा पहुंच गया 291 करोड़ रुपए तक. इस फिल्म के बाद शंकर ने अपनी अगली फिल्म पर काम शुरू किया. ये थी 2012 में आई Nanban. बेसिकली ये ‘3 इडियट्स’ का रीमेक थी.
एटली ने इस फिल्म पर भी शंकर को असिस्ट किया. सेट पर उनके काम से खुश होने वालों में सिर्फ डायरेक्टर का नाम ही नहीं था. बल्कि उस फिल्म का हीरो भी एटली के कुशल कोऑर्डिनेशन से खासा प्रभावित हुआ. आगे ये स्टार और एटली मिलकर इतिहास रचने वाले थे. उस स्टार का नाम था विजय.
# जब हीरो को 90 फीट की ऊंचाई से कूदा दिया
‘एंदीरन’ और Nanban के बीच एटली अपनी शॉर्ट फिल्म्स पर काम करते थे. उन्हीं में से एक थी Mugaputhagam. ये एक लड़के की कहानी थी, जो फेसबुक वाले दौर में प्यार ढूंढ रहा है. ये कहानी लेकर वो शिवा कार्तिकेयन के पास पहुंचे. उन्हें कहानी सुनाई. शिवा मान गए. फिल्म पूरी हो गई. उनकी पहली शॉर्ट फिल्म उनके शंकर की फीचर फिल्म तक लेकर गई. इस वाली शॉर्ट फिल्म ने उनकी अपनी फीचर फिल्म का रास्ता खोला. एटली डायरेक्टर-प्रोड्यूसर ए आर मुरुगदास के पास पहुंचे. ये वही शख्स हैं, जिन्होंने आमिर खान वाली ‘गजनी’ बनाई थी. एटली ने मुरुगदास को एक रोमांटिक कहानी का आइडिया सुनाया. ये दो लोगों की कहानी थी, जिनकी ज़बरदस्ती शादी करवा दी जाती है. जबकि ये किसी और से प्यार करते थे. कुछ जगह पढ़ने को मिलता है कि कहानी के कुछ हिस्से सुनकर मुरुगदास भावुक हो गए थे. उन्होंने इस फिल्म को प्रोड्यूस करने की ज़िम्मेदारी उठा ली.
मुरुगदास की वजह से कमल हासन और रजनीकांत के नाम भी फिल्म से जुड़ गए. कमल ने पहले दिन के शूटिंग के लिए कैमरा ऑन किया. वहीं रजनीकांत ने फिल्म के ऑडियो लॉन्च पर मेकर्स को अपना आशीर्वाद दिया. इन नामों की वजह से मीडिया में फिल्म की हवा बनने लगी थी. 27 सितंबर 2013 को ‘राजा रानी’ नाम की फिल्म रिलीज़ हुई. आर्या, नयनतारा, नज़रिया और जय यहां लीड रोल में थे. 25 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने दुगनी कमाई कर डाली. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘राजा रानी’ ने इंडिया में 68 करोड़ रुपए कमाए. इस फिल्म ने एटली को फिल्म इंडस्ट्री में पैर जमाने का मौका ही नहीं दिया, बल्कि आर्या और नयनतारा जैसे दोस्त भी दिए.
‘राजा रानी’ की कामयाबी के बाद उन्हें एक दिन फोन आया. दूसरी तरफ थे विजय. उन्होंने एटली को मिलने के लिए बुलाया. विजय उनके साथ एक फिल्म करना चाहते थे. एटली के पास एक आइडिया रेडी था. उन्होंने वो सुना दिया. विजय को कहानी पसंद आई. ये दोनों लोग ‘थेरी’ नाम की फिल्म पर काम करने वाले थे. इसी का अब हिंदी रीमेक भी बनने जा रहा है. जहां लीड रोल में वरुण धवन होंगे. खैर ‘थेरी’ से जुड़ा एक किस्सा है, जिसे एटली कई इंटरव्यूज़ में दोहराते रहते हैं. हुआ ये कि एक स्टंट शूट किया जाना था. यहां विजय के कैरेक्टर को 90 फीट की ऊंचाई से पानी में कूदना था. एटली ने विजय को स्टंट की लोकेशन दिखाई. कहा कि आपका स्टंट डबल ये सीन करेगा. विजय ने ऊंचाई देखी और कहा कि इस सीन को मैं ही करूंगा. वो भी बिना किसी डुप्लीकेट के.
एटली बताते हैं कि वो ये सुनकर घबरा गए. अपने स्टार को इतने बड़े जोखिम में कैसे डाल सकते हैं. विजय को समझाया कि पानी का धक्का बहुत तेज़ होगा. आपका कूदना सही नहीं. विजय नहीं माने. उन्होंने खुद ही ये सीन शूट किया. एटली की लिखी और बनाई फिल्म ‘थेरी’ सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई. फिल्म ने ताबड़तोड़ कमाई की. विजय को सुपरस्टार बना दिया. बताया जाता है कि ‘थेरी’ ने 140 से 150 करोड़ रुपए के बीच का बिज़नेस किया था. इस फिल्म के साथ एक साझेदारी की नींव पड़ चुकी थी.
# सलमान खान की फिल्म देखी और राइटर के पास पहुंच गए
‘थेरी’ की कामयाबी के बाद एटली ने अपनी अगली फिल्म पर काम शुरू कर दिया. उनके दिमाग में एक आइडिया घूम रहा था. लेकिन उस पर इतना भरोसा नहीं था कि फिल्म बनाई जा सके. इसी दौरान उन्होंने सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ देखी. वो फिल्म उनके ज़ेहन में घर कर गई. एटली बताते हैं कि वो सलमान की फिल्म से बहुत इम्प्रेस हुए थे. उन्होंने फिल्म के राइटर के वी विजयेंद्र प्रसाद को खोजना शुरू कर दिया. विजयेंद्र प्रसाद एसएस राजामौली के पिता हैं, जिन्होंने RRR और ‘बाहुबली’ जैसी फिल्में भी लिखी हैं.
एटली उनसे मिले. कहा कि आपके साथ काम करना चाहता हूं. दोनों ने एक स्क्रीनप्ले पर काम करना शुरू कर दिया. ये फिल्म आगे जाकर ‘मर्सल’ बनी. ‘थेरी’ के बाद फिर से विजय-एटली की जोड़ी इस फिल्म के लिए साथ आई. ‘मर्सल’ उनके करियर की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म होने वाली थी. हाथ में करीब 120 करोड़ रुपए का बजट था. विजय के अलावा समांथा प्रभु, काजल अग्रवाल और नित्या मेनन जैसे स्टार्स को संभालना था. फिल्म में ए आर रहमान का म्यूज़िक होने वाला था.
अगर विजय सोच रहे थे कि ‘थेरी’ उनकी सबसे बड़ी फिल्म होने वाली है, तो एटली का कहना था, ‘रुको ज़रा, सबर करो’. ‘मर्सल’ साल 2017 की दिवाली रिलीज़ थी. फिल्म ने दुनियाभर में करीब 220 करोड़ रुपए छापे. 150 करोड़ रुपया तो सिर्फ इंडिया से ही आया. इसमें भी तमिलनाडु बॉक्स ऑफिस ने 115 करोड़ रुपए का योगदान दिया. ‘मर्सल’ को तमिलनाडु में त्योहार की तरह सेलिब्रेट किया गया. टाइटल के आगे सुपरहिट लिखा जा चुका था.
# “मैं विजय अन्ना का छोटा भाई हूं”
‘थेरी’ और ‘मर्सल’ के बाद विजय-एटली तीसरी फिल्म बनाने जा रहे थे. दोनों की जोड़ी ने प्रोड्यूसर्स को अच्छा पैसा बनाकर दिया था. विजय के फैन बेस को खुश रखा था. किसी को क्या ही एतराज़ हो सकता था. ‘बिगिल’ नाम की इस फिल्म के लिए एटली ने स्केल को और ऊंचा कर दिया. फिल्म के लिए 180 करोड़ रुपए का बजट फाइनल हुआ. ये उस पॉइंट तक 2.0 के बाद सबसे महंगी तमिल फिल्म थी. ‘बिगिल’ ने सिनेमाघरों में उम्मीद से कई गुना बेहतर कमाई की. फिल्म ने दुनियाभर से 300 करोड़ रुपए बनाए. फिल्म की कामयाबी से मेकर्स लहलहा उठे थे. सेलिब्रेशन पार्टी रखी जा रही थी. लेकिन एटली के लिए ये सिर्फ एक और सुपरहिट फिल्म नहीं थी. उनके लिए ये एक करारा जवाब था.
‘बिगिल’ की रिलीज़ से कुछ महीने पहले फिल्म का ऑडियो लॉन्च इवेंट रखा गया. एटली स्टेज पर आए. फिल्म के बारे में बात करने लगे. उन्होंने कहा कि वो खुद को विजय के छोटे भाई समान मानते हैं. उस नाते ‘बिगिल’ को बड़ी फिल्म बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. ये बात कुछ लोगों के गले नहीं उतरी. एटली की ट्रोलिंग शुरू हो गई. लिखा जाने लगा कि दो-तीन फिल्मों के चलने से उनमें घमंड आ गया है. उनका अपना कोई स्टाइल नहीं. कहा जाने लगा कि उनके सितारे का डूबने का वक्त आ गया है. ऐसी फलां-फलां बातें छपीं. एटली इस पूरे हंगामे पर चुप रहे. ‘बिगिल’ की कमाई ने ऐसे लोगों को जवाब दे दिया था.
एटली के बारे में इंटरनेट पर पढ़ने जाएंगे, तो बहुत सारे आर्टिकल मिलेंगे. जहां दावा किया जाता है कि उनकी फिल्में किसी-न-किसी पुरानी फिल्म की नकल हैं. ‘बिगिल’ के केस में उसे ‘चक दे इंडिया’ से जोड़ा गया. उनकी बाकी फिल्मों में रजनीकांत और मणि रत्नम के सिनेमा के रेफ्रेंस खोजे गए. ‘जवान’ का ट्रेलर आने के बाद भी यही बात सामने आई. कि उसमें कई हॉलीवुड फिल्मों की झलक मिलती है. हालांकि वो कॉपी करने के आरोपों पर एक ही बात कहते हैं. कि उनकी कहानियां लोगों से आती हैं. वो कहते हैं कि अगर फिल्म चलती है, लोगों को पसंद आती है और प्रोड्यूसर को पैसा बनाकर देती है, तो उनके लिए वही मायने रखता है.
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