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''शिन-चैन इतना अश्लील शो था कि इसे बच्चों क्या, अडल्ट्स को भी नहीं देखना चाहिए था''

Shinchan के डबिंग आर्टिस्ट ने बताया कि ये शो बेहद अश्लील था. इसके भद्दे एपिसोड्स की वजह से शो पर इंडिया में बैन लग गया था. फिर इस एक शर्त पर इसे वापस शुरू किया गया.

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शिन-चैन के डबिंग आर्टिस्ट ने बताया कि शो पर बैन लगाने के बाद उन्हें फिर से इसे डब करना पड़ा था.

जापान का एक फेमस एनिमेटेड शो है Shinchan. जिसके रिपीटेड एपिसोड्स आज भी टीवी पर टेलीकास्ट किए जाते हैं. इसके हिंदी डब वर्जन ने इसे और ज़्यादा पॉपुलर बना दिया. इस शो को लेकर बहुत सारी कॉन्ट्रोवर्सीज़ भी हुईं. रिसेंटली शिन-चैन के हिंदी वॉइस आर्टिस्ट आकाश आहुजा ने बताया कि ये एनिमेटेड शो बहुत ज़्यादा अश्लील हुआ करता था. इतना भद्दा कि इसे बच्चे तो क्या बड़ों को भी नहीं देखना चाहिए था. शो के बारे में उन्होंने और क्या-कुछ कहा, आइए जानते हैं-

'शिन-चैन' एक जापानी एनिमेटेड सीरीज़ है. जिसे वहां अडल्ट्स के लिए बनाया गया था. इसलिए इसका कंटेंट भी वैसा ही था. इंडिया में ये साल 2006 में शुरू हुआ. उस वक्त इसका हिंदी डब बिल्कुल ओरिजनल था. बच्चों को ये पसंद आने लगा. 'शिन-चैन' की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी. मगर जब मां-बाप ने अपने बच्चों के इस पसंदीदा शो पर ध्यान दिया तो पाया कि इसके कुछ डायलॉग्स, शिन-चैन की हरकतें, बच्चों के मुताबिक ठीक नहीं. या यूं कहें काफी अश्लील थी.जिसके बाद शो पर केस हुआ और मिनिस्ट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट ने इस पर बैन लगा दिया. आकाश ने यू-ट्यूब चैनल The Motor Mouth को दिए इंटरव्यू में बताया कि जिस वक्त वो शो डब करते थे, उस वक्त इंडिया में इसे बैन कर दिया गया था. आकाश बताते हैं -

''मैंने शिन-चैन को नंगे होकर नाचते देखा है और उसके लिए डब भी किया है. क्योंकि वो लोग कहते थे कि तुम इसे भी डब करो, जो होगा देखा जाएगा. शिन-चैन ऐसे गाने गाता था जैसे - ''हाथी मेरे प्यारे साथी.'' वो उस वक्त बहुत भद्दा लगता था. वो इतना गंदा शो था कि उसे बड़ों तक को नहीं देखना चाहिए. हालांकि बाद में ये सारी चीज़ें सेंसर कर दी गईं.''

आकाश बताते हैं कि बाद में इन सभी भद्दी लाइनों से बैन हटवाने के लिए उन्हें शो को फिर से डब करना पड़ा. जिसके बाद ही इसे फिर से इंडियन टेलीविज़न पर टेलीकास्ट किया गया. आकाश ने बताया,

''शो में एक लाइन थी, 'बच्चे चुराने वाली मोटी बुढ़िया', ये लाइन थी. जब तक केस हुआ तब तक हम करीब 150-200 एपिसोड्स को डब कर चुके थे. मगर मुझे फिर बुलाया गया और फिर से इन सारी आपत्तिजनक लाइनों को बदला गया. हमसे कहा गया था कि अगर ये लाइनें चेंज नहीं हुईं तो शो को ऑन एयर नहीं किया जाएगा. फिर हमने ये सारी लाइनें बदलीं. तब जाकर शिन-चैन टीवी पर ऑन एयर हुआ.''

आकाश ने बताया कि दसवीं क्लास के बाद उन्होंने शो को डब करना छोड़ दिया था. उन्हें अपनी आगे की पढ़ाई पर ध्यान देना था. साथ ही अपनी सेहत पर भी. उनकी आवाज़ पर इतना स्ट्रेन पड़ता था कि डॉक्टर ने उन्हें रेस्ट करने की सलाह दी. कहा कि अगर वो आगे वॉइस पर इतना स्ट्रेन डालेंगे तो उनकी आवाज़ भी जा सकती है. आकाश, 'शिन-चैन' के पहले डब आर्टिस्ट थे. इसके बाद बहुत से लोगों ने इस किरदार को आाज़ दी. आकाश ने नोबिता और डोरिमॉन की आवाज़ भी डब की थी.

ख़ैर, अब 'शिन-चैन' शो पर थोड़ी बात करते हैं. कई जापानी रिपोर्ट्स के अनुसार शिन-चैन की कहानी जापान में रहने वाली मिसाई नाम की महिला पर आधारित है, जिसका 5 साल का बेटा अपनी बहन को बचाते हुए मारा गया था. कहा जाता है इसी पर 1990 में मंगा मैगजीन के लिए इस किरदार को बनाया गया. जो पहले टीवी सीरीज़ में इस्तेमाल हुआ और फिर फिल्मों में. इस कार्टून किरदार को योशितो यूसुई नाम के एक शख्स ने बनाया था. टीवी सीरीज़ के अलावा 'शिन-चैन' पर 30 से ज़्यादा फिल्में भी बन चुकी हैं.

कौन था शिन-चैन?

शिन-चैन (सिनोसुके शिन नोहारा), कासुकाबे, जापान में रहने वाला 5 साल का बच्चा है, जो अपनी शरारतों के लिए जाना जाता है. वो अपने पिता हिरोशी नोहारा, मां, मित्सी नोहारा, छोटी बहन, हीमावारी और पालतू कुत्ते शीरो के साथ रहता है. वो अपने से बड़ी उम्र की लड़कियों को पसंद करता है, उनसे फ्लर्ट तक करता है. जापान में पहली बार ये शो 1992 में प्रसारित किया गया. फिर 2006 में इसे हंगामा चैनल पर दिखाया जाने लगा. जिससे चैनल के मार्केट शेयर में करीब 60 प्रतिशत की बढौतरी हुई. दुनिया के अलग-अलग देशों में भी इसे दिखाया गया. कई सारे वीडियो गेम्स भी शिन-चैन पर बन चुके हैं. 

वीडियो: कार्टून नेटवर्क के बंद होने की पूरी कहानी क्या है?