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"शाहरुख किसी भी फील्ड में जाता, इतना ही सफल होता"

शाहरुख के बचपन के दोस्त पलाश सेन ने मज़ेदार किस्से सुनाए.

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शाहरुख खान अपने स्कूली दिनों में कैसे थे?

लल्लनटॉप के न्यूजरूम में हर सप्ताह कोई न कोई गेस्ट आता है. हम उनसे अपने खास प्रोग्राम गेस्ट इन द न्यूजरूम में चकल्लस करते हैं. इसी क्रम में इस बार आए सिंगर Palash Sen. उन्होंने अपने गानों, ऑटोट्यून और स्टेज पर लिपसिंग करने वाले सिंगर्स समेत कई मुद्दों पर बात की. इन्हीं में से एक मुद्दा थे Shahrukh Khan. दरअसल पलाश जिस स्कूल में पढ़ते थे, शाहरुख भी वहीं पढ़े. जब पलाश से शाहरुख के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था:

ज़ाहिर-सी बात है शाहरुख हमारे स्कूल कोलंबस के सबसे फेमस पर्सनालिटी हैं. लेकिन हमारे स्कूल से बहुत अच्छे-अच्छे लोग पासआउट हुए हैं. बहुत बड़े उद्योगपति और कई ऐसे लोग जिन्होंने सरकार में काम किया.

इसके बाद पलाश आते हैं सीधे शाहरुख पर. उनका कहना था कि शाहरुख अगर ऐक्टर न होकर किसी और फील्ड में भी जाते, तब भी इतने ही सफल होते. उन्होंने कहा:

शाहरुख को अपनी लाइफ में जो भी सक्सेज मिली है, अगर वो किसी और भी फील्ड में जाता, तो ऐसी ही सक्सेज उसे मिलती. शाहरुख उन कुछ चुनिंदा प्रतिभाशाली लोगों में से है, जिनसे मैं अब तक अपने जीवन भर में मिला हूं.

शाहरुख और पलाश एक ही उम्र के हैं. पर शाहरुख उनके जूनियर थे. पलाश ने शाहरुख से जुड़ा एक किस्सा सुनाया. जब वो क्लास टेंथ में थे और उन्होंने एक म्यूजिकल प्ले किया था. शाहरुख को गाना नहीं आता. पलाश कहते हैं कि उस समय तो शाहरुख को नाचना भी नहीं आता था. पलाश अपना गाना खुद गाते और शाहरुख का भी उन्हें ही गाना पड़ता. अपना पार्ट करने के बाद जब शाहरुख का नंबर आता. पलाश भागकर बैकस्टेज जाते, गाना गाते. शाहरुख उस पर सिर्फ होंठ हिलाते रहते. उस समय शाहरुख, पलाश से मज़ाक में कहा करते:

पॉली एक दिन देख लेना, तू मेरे लिए गा रहा होगा और मैं लिपसिंक कर रहा होऊंगा.

पलाश कहते हैं:

शाहरुख के बारे में बेस्ट बात ये थी, शुरू से पता था कि उसे फिल्में ही करनी हैं.

पलाश, शाहरुख के सिनेमा को करियर के तौर पर चुने जाने को लेकर बहुत शॉक्ड थे. उन्हें लगता था कि शाहरुख इससे कुछ बड़ा करेगा. क्योंकि वो बहुत ज़्यादा अक्लमंद आदमी था. ऐसा उन्हें क्यों लगा कि शाहरुख इंटेलिजेन्ट थे और वो शॉक्ड क्यों थे कि शाहरुख ने बॉलीवुड को चुना. बकौल पलाश:

मैं पूरे टाइम उसके साथ था. हम देखते थे कि उसके रिजल्ट कैसे आते थे! वो क्रिकेट में अच्छा था. हॉकी में बहुत अच्छा था. ड्रामा में बहुत अच्छा था. बोलता बढ़िया था. डिबेट अच्छी करता था. तो जो इतनी सारी चीज़ों में अच्छा हो, वो हिंदी फिल्में करे, ये हम सोच नहीं सकते थे. क्योंकि हम उस पीढ़ी से आते थे, जो हिंदी फिल्मों को कमतर समझते थे.

पलाश को लगता था, शाहरुख इससे कुछ और अच्छा करेंगे. पर शाहरुख ने फिल्में चुनीं और ऐक्टिंग के जॉब को रिस्पेक्टेबल बना दिया. 

वीडियो: गेस्ट इन द न्यूजरूम: पलाश सेन ने सुनाए शाहरुख खान और केके से दोस्ती के किस्से