Ravi Kishan. जाने-माने एक्टर और पॉलिटिशियन हैं. भोजपुरी और हिंदी फिल्मों के अलावा उन्होंने कई साउथ की फिल्मों में भी काम किया है. हाल ही में आई उनकी फिल्म Laapataa Ladies तो ऑस्कर तक पहुंच गई है. रिसेंटली रवि ने भोजपुरी सिनेमा और उसकी रेप्युटेशन पर बात की.
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Ravi Kishan ने कहा, इंडस्ट्री में उनका कोई गॉड फादर नहीं है. भोजपुरी सिनेमा की आज जो स्थिति है उसके लिए वो अपने जूनियर्स से नाखुश हूं.
मेजर ध्यान चंद स्टेडियम में हुए साहित्य आज तक में रवि किशन पहुंचे थे. जहां उन्होंने अपने करियर और भोजपुरी सिनेमा की साख पर बात की. रवि ने कहा,
''मुझे मेरी पहचान बनाने के लिए बहुत स्ट्रगल करना पड़ा. मैंने हिंदी तेलुगु और लगभग हर भाषा की फिल्मों में काम किया. लोगों ने मुझे टीवी पर भी देखा. लोग कहते हैं कि वो सफलता के रास्ते पर चले मगर मैं तो इस रास्ते पर घसीट-घसीट कर पहुंचा हूं. इस रवि किशन के पीछे बहुत सारी मेहनत है.''
रवि ने कहा कि इंडस्ट्री में उनका कोई गॉड फादर नहीं है. उन्होंने अभी तक जो भी सफलता पाई है वो खुद की मेहनत से पाई है. उन्होंने ये भी कहा कि बचपन ने रामलीला करते हुए उनके घरवाले उनके खिलाफ थे. मगर समय के साथ चीज़ें बदलीं और वो हिंदी इंडस्ट्री के जाने-माने एक्टर बन गए. भोजपुरी सिनेमा में आज कल जिस तरह का कंटेंट बन रहा है और उसकी रेप्युटेशन को लेकर भी रवि ने बात की. कहा,
''मैं वो आदमी हूं जिसने भोजपुरी सिनेमा का तीसरा फेज़ देखा है. आज के समय में इस इंडस्ट्री में तकरीबन एक लाख लोग काम कर रहे हैं. समय के साथ एक्टर्स और जूनियर्स मुंबई मूव कर जाते हैं. मगर ये बड़े दुर्भाग्य की बात है और मुझे बहुत दुख होता है. मैं अपने जूनियर्स से नाखुश हूं. उन लोगों ने भोजपुरी सिनेमा की साख को बर्बाद कर दिया. भोजपुरी एक ऐसी भाषा है जिसे करीब 25 करोड़ लोग बोलते हैं. मुझे इस पर बहुत गर्व है. मैंने तो इसे अधिक महत्व देने के लिए एक बिल तक पेश किया है.''
रवि किशन ने अपनी फिल्म 'लापता लेडीज़' पर भी बात की. जिसमें वो पुलिस ऑफिस श्याम मनोहर बने थे. उन्होंने कहा,
''लोग अक्सर मुझसे पूछते हैं कि आप स्क्रीन पर इतने ऑर्गेनिक और फ्रेश कैसे दिखते हैं? मेरे अंदर लोगों को ऑब्ज़र्व करने की आदत है. मैं उन्हें अपने दिमाग में रखता हूं और उसे कैरेक्टर रिफ्रेंस की तरह देखता हूं. श्याम मनोहर किरदार के लिए भी मैं बिहार के एक असली पुलिस ऑफिसर से मिला था. वो बिल्कुल मनोहर जैसे ही थे. वो भी मुंह में पान रखकर बात किया करते थे. तो ये किरदार निभाते समय वही मेरे दिमाग में थे.''
रवि ने कहा कि उनका सपना है कि इंडस्ट्री में भोजपुरी सिनेमा को भी बराबर का सम्मान मिले. रवि ने कई सुपरहिट भोजपुरी फिल्में की हैं. जिसमें 'पंडित जी बताई ना बियाह कब होई' और 'बांके बिहारी एमएलए' जैसी फिल्में शामिल हैं. उन्होंने फिर 'हेरा-फेरी', 'तेरे नाम', 'रावण', 'मुक्केबाज़', 'बाटला हाउस' और 'लापता लेडीज़' जैसी हिंदी फिल्मों में भी ज़रूरी रोल निभाए हैं. रिसेंटली रवि, अजय देवगन की फिल्म 'सिंघम अगेन' में दिखाई दिए हैं.
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