Sandeep Reddy Vanga ने Kabir Singh के बाद एक भीष्म प्रतिज्ञा ली थी. ऐसी फिल्म बनाऊंगा कि क्रिटिक्स के दिल का चैन उड़ जाएगा. अब वो फिल्म बनकर रिलीज़ हो गई है. वांगा ने दुनियाभर के वहशीपन को अपने Animal की शक्ल दी. ‘अर्जुन रेड्डी’ और ‘कबीर सिंह’ पर खूब हंगामा हुआ था. उनके महिला विरोधी रवैये को कॉल आउट किया गया. इस पर वांगा ऑफेंस ले गए. मीडिया से कहने लगे कि प्यार की यही परिभाषा होती है, जहां दो लोग एक दूसरे के साथ हिंसा कर सकें.
'एनिमल' के 3 सबसे ज़हरीले सीन, जिन्हें देख घिन आ जाएगी
संदीप रेड्डी वांगा ने 'कबीर सिंह' की रिलीज़ के बाद कहा था कि उनकी अगली फिल्म को लेकर और भी ज़्यादा आलोचना होने वाली है. 'एनिमल' में वो अपने किरदार को एकदम एक्स्ट्रीम पर लेकर गए हैं.
वांगा ने आलोचना के बाद भी अपना रास्ता नहीं बदला. बल्कि पक्का इरादा कर लिया कि ये लोग मेरी इस फिल्म को ज़हर बता रहे हैं, तो इन्हें ज़हर ही परोसूंगा. इंसान के हर पहलू से सारा विष इकट्ठा कर के रणबीर कपूर के किरदार को रचा गया. ‘एनिमल’ आई है और आते ही हो-हल्ला शुरू हो गया. ‘एनिमल’ के कुछ ऐसे ही ज़हरीले और प्राब्लमैटिक सीन्स के बारे में आपको बताएंगे, जिन्हें देखकर जनता सिहर गई. आगे पढ़ने से पहले इतना बता दें कि इस स्टोरी में फिल्म के कई सारे स्पॉइलर्स का ज़िक्र होने वाला है. इसलिए आपने फिल्म नहीं देखी है, तो खुद को यहीं रोक दीजिए. इसे सेव कर लीजिए. फिल्म देखने के बाद यहां फिर लौटिएगा.
#1. मर्दानगी को लिंग से जोड़ना –
‘एनिमल’ किसी भी आदमी की हर इंसिक्योरिटी पर खेलती है. उसी क्रम में आता है आदमी का लिंग. लड़कों में इसे लेकर मज़ाक उड़ाया जाता है. एक-दूसरे को बुली करते हैं. रणबीर कपूर के एनिमल ने भी अपनी मर्दानगी को लिंग से जोड़ा है. शरीर के हर अंग की तरह वो भी एक हिस्सा ही है. जिस तरह से उसे दिखाया जा रहा है, वो नज़रिया उसे भद्दा या अश्लील बनाता है. सिम्पल सी बात है. ‘एनिमल’ में रणबीर कपूर का कैरेक्टर अमेरिका से इंडिया आता है. नए माहौल में उसे बेचैनी होने लगती है. उसकी शिकायत होती है कि प्राइवेट पार्ट में रैशेज़ पड़ने लगते हैं. फिर एक सीन में वो बुरी तरह चोटिल हो जाता है. तब भी ये पॉइंट आउट कर के बताया गया कि उसे पेशाब करने में दिक्कत आ रही है. उसके लिंग पर कमेंट किया गया.
रणबीर का कैरेक्टर फिर से सही हो जाता है. ठीक होते ही वो सबसे पहले क्या करता है, SEX. ऐसा लग रहा था कि वांगा ने उस किरदार और उसके लिंग में कोई पैरलल ड्रॉ करने की कोशिश की है. फिल्म किसी भी पॉइंट पर इसके पीछे की साइकोलॉजी समझाने की कोशिश नहीं करती.
#2. I’ll slap you first, I’ll slap you hard –
रोमांस को लेकर संदीप वांगा का आइडिया आदर्श से बहुत दूर है. उनका मानना है कि प्रेम में पड़े कपल का हक बनता है एक-दूसरे के साथ शारीरिक हिंसा करने का. ‘कबीर सिंह’ की आलोचना के बाद उन्होंने अपने रोमांस के विचित्र आइडिया के साथ एक्सपेरिमेंट किया. एक सीन में रणबीर और रश्मिका के कैरेक्टर के बीच जमकर बर्तन बजते हैं. रणबीर का कैरेक्टर रणविजय गुस्से में कहता है कि मैं तुम्हें पहले थप्पड़ मारूंगा और बहुत कसकर मारूंगा. इस पर गीतांजलि भी भड़क जाती है. थोड़ी देर चीख-चिल्लाहट के बाद गीतांजलि उसे थप्पड़ मारने लग जाती है. वो जवाब में हाथ में उठाता है. यहां देखकर लग रहा था कि वांगा ऐसा कुछ दिखाना चाह रहे हों कि देखो मैं महिला किरदारों से भी थप्पड़ पड़वा सकता हूं. अगर यही बात है तो सर उस पूरी बहस का ये पॉइंट ही नहीं था. हिंसा कोई भी करे, वो गलत ही है.
#3. बॉबी देओल का इंट्रो सीन
बॉबी देओल के हिस्से गिनती के तीन सीन आए. फिल्म पहले फ्रेम से ही साफ कर देती है कि घिनौनेपन और वहशीपन में रणविजय और बॉबी के किरदार में कोई फर्क नहीं. बॉबी के इंट्रो सीन में हम देखते हैं कि उसकी शादी हो रही है. उसका अपना एक आदमी बुरी खबर लेकर आता है. वो चाकू से गोदकर उसके शरीर में मौजूद खून का आखिरी कतरा तक बहा डालता है. खून में सने अपने मुंह के साथ अपनी नई दुल्हन का रेप करता है. उसके बाद कमरे में अपनी बाकी दो बीवियों को बुलाता है. उनमें से एक के साथ फिज़िकल अब्यूज़ करने की कोशिश करता है.
बहुत सारे आदमियों के लिए कहा जाता है कि Men live without consequences. यानी बहुत सारे आदमी बिना परिणाम की परवाह किए जीते हैं. उसका नुकसान है कि आप सामने वाले को अपनी सहूलियत के हिसाब से ट्रीट करते हैं. ‘एनिमल’ ऐसे ही आदमियों से भरी हुई है.
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