Pathaan का ट्रेलर आ गया है. ट्रेलर देखकर फिल्म को बॉयकॉट करने वालों की हालत कुछ यूं है.
Pathaan ट्रेलर: शाहरुख खान की वो फिल्म, जो जनता डिज़र्व करती है
‘पार्टी पठान के घर में रखोगे, तो मेहमाननवाज़ी के लिए पठान तो आएगा. और पटाखे भी लाएगा'.
खैर, जोक्स अपार्ट कैसे रखें. फिल्म की कहानी एक इंडियन स्पाई के बारे में है. जिसका कोडनेम है ‘पठान’. उसे पिछले मिशन पर दुश्मनों ने पकड़ लिया था. मगर अब इंडिया पर एक आफत आई है. एक फ्रीलांस कंपनी है. जो देशों पर बड़े-बड़े हमले करने का ठेका लेती है. इस कंपनी को किसी ने हिंदुस्तानी इतिहास का सबसे बड़ा हमला करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया है. अब इंडिया को इतने बड़े हमले से कौन बचा सकता है? फिल्म का हीरो, यानी ‘पठान’.
'पठान' जो पिछले तीन सालों से रशियन आर्मी के कब्जे में था. उसे अचानक से खबर मिलती है कि उसका मुल्क खतरे में है. वो सबकी ऐसी-तैसी करते हुए इंडिया पहुंच जाता है. क्योंकि ‘पार्टी पठान के घर में रखोगे, तो मेहमाननवाज़ी के लिए पठान तो आएगा! और पटाखे भी लाएगा'. इसके बाद ढेर सारी गोली-बंदूकबाज़ी होती है. बॉयकॉट वालों का जी-जलाया जाता है. जय हिंद बोलकर ट्रेलर खत्म हो जाता है.
‘पठान’ के ट्रेलर में ऐसा कुछ नहीं है, जो आपने पहले नहीं देखा होगा. शाहरुख ने पिछले दिनों बहुत सारी ऐसी फिल्में कर लीं, जिसमें कुछ नया था. वो नहीं चलीं. इसलिए अब वो, वो कर रहे हैं, जो जनता डिज़र्व करती है. यानी 'पठान'.
सिद्धार्थ आनंद की यूएसपी है एग्जॉटिक लोकेशंस पर घटने वाले एक्शन ब्लॉक्स. वो दुनियाभर की फिल्मों से कुछ-कुछ सीन्स उठाते हैं, अपनी कहानी में पिरोते हैं और 300 करोड़ की पिक्चर डिलीवर कर देते हैं. एक दम चकाचक पैकेज़िंग के साथ. ‘पठान’ में आपको ‘धूम सीरीज़’ से लेकर ‘कैप्टन अमेरिका- द विंटर सोल्जर’, ‘वॉर’ और दुनियाभर की तमाम फिल्मों के सीन्स उठाए हुए दिखते हैं. हमारी कोशिश रहेगी कि उस पर अलग से चर्चा करें. फ्रेम बाय फ्रेम.
‘पठान’ शाहरुख खान की कमबैक फिल्म है. जिसे सफल बनाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है. वो फिल्म के ट्रेलर में दिखता है. क्योंकि शाहरुख ने पिछले 8-10 सालों में कोई हिट पिक्चर नहीं दी है. टिकट खिड़की का प्रेशर आप से क्या-क्या करवाता है, उसकी नज़ीर है 'पठान'.
‘पठान’ में शाहरुख खान के साथ जॉन अब्राहम और दीपिका पादुकोण ने लीड रोल्स किए हैं. इस ट्रेलर की पॉज़िटिव बात ये है कि भारत पर हमला करवाया जा रहा है. मगर उसका ठीकरा किसी देश विशेष पर फोड़ने की कोशिश नहीं की जा रही है. हालांकि ट्रेलर के एक सीन में आपको एक दीवार पर उर्दू में कुछ लिखा हुआ नज़र आता है. जॉन अब्राहम का रोल भी इसलिए जस्टिफाई होता है क्योंकि वो किसी धार्मिक मक़सद से हिंसा नहीं कर रहा. वो उसका बिज़नेस है. कम से कम वो अपना बिज़नेस ईमानदारी से बताकर कर रहा है.
दीपिका पादुकोण का रोल फिल्म में कुछ समझ नहीं आ रहा. वो ट्रेलर के एक सीन में कहती हैं कि ‘पठान’ की ही तरह वो भी एक सोल्जर हैं. इसलिए वो पठान के मिशन में उसकी मदद करना चाहती हैं. मैं कभी स्पाई नहीं रहा, मगर इतनी स्पाय थ्रिलर्स देखी हैं कि दीपिका को ये कह सकें- दिस इज़ नॉट हाउ इट वर्क्स! डर इस बात का है कि पठान कहीं उनका ऑफर मान न ले! इसके अलावा वो फिल्म के एक सीन में ऋतिक रौशन की ‘धूम 2’ टाइप लुक बदलकर भी घूमती नज़र आती हैं. देखते हैं ये सब कुछ फिल्म में कैसे फिट होता है.
फिल्म में दो खास लोग हैं. आशुतोष राणा, जो 'वॉर' से अपना कर्नल लूथरा वाला कैरेक्टर कंटिन्यू करेंगे. स्पाई यूनिवर्स में नई एंट्री हैं डिंपल कपाड़िया.
आज कल एक नया ट्रेंड शुरू हुआ है. जो भी पिक्चर आए, उसके VFX की बुराई करनी शुरू कर दो. मगर ‘आदिपुरुष’ का VFX वाकई खराब था. खैर, ‘पठान’ के VFX को लेकर भी ये बात शुरू हो चुकी है. कोई कह रहा है कि इससे अच्छा VFX सनी देओल की ‘द हीरो’ का था, तो कई Need for Speed गेम के ग्राफिक्स से इसकी तुलना कर रहा है.
कुल जमा बात ये है कि ‘पठान’ के ट्रेलर से जितनी उम्मीदें थीं, ट्रेलर उस पर रत्तीभर खरा नहीं उतरता. न भरपूर हीरोइज़्म है, न मजबूत स्टोरी. जबरदस्ती की ठूंसी हुई देशभक्ति एकदम समझ से परे है. शायद मजबूरी है. बाकी पिक्चर देखकर बात करते हैं.
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