Paresh Rawal अपने करियर में अब तक 250 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं. वो सरदार पटेल बने. दर्जनों फिल्मों में क्रूर खलनायक बने. खुराफ़ाती पुलिसवाले और किन्नर भी बने. इन किरदारों ने उन्हें सफल अभिनेता की तरह स्थापित किया, मगर जिस किरदार ने उन्हें दर्शकों के दिलों तक पहुंचाया, वो है Hera Pheri का किरदार बाबूराव गणपतराव आप्टे. मोटे से चश्मे के पार नज़र आती बड़ी-मोटी आंखें. प्योर मुंबइया लहजा और एक खांटी बुजुर्ग की देहभाषा. परेश ने इस किरदार की नब्ज़ क्या खूब पकड़ी. लोगों की ज़ुबां पर बाबूराव के डायलॉग आज भी चढ़े हुए हैं. Akshay Kumar स्टारर इस फिल्म की तीसरी किश्त Hera Pheri 3 आने वाली है. फिल्म अभी से सुर्खियों में है. मगर परेश रावल का कहना है कि वो ये रोल फिर से निभाकर बिल्कुल खुश नहीं हैं. बकौल परेश 'हेरा फेरी' उनके गले का फंदा बन चुकी है और अब उनका दम घुटने लगा है.
'हेरा फेरी' हिट हुई, परेश रावल बोले - "मुझे बाबूराव से छुटकारा दिलाओ"
Hera Pheri 3 आने वाली है, लेकिन Paresh Rawal उससे खुश नहीं हैं. क्या है पूरा मामला?

इस फिल्म में बाबूराव के अपने किरदार की इमेज से मुक्ति पाने के लिए वो सालों तक परेशान रहे. वे कई डायरेक्टर्स से भी मिले और उनसे इस इमेज को तोड़ने वाले रोल देने का अनुरोध भी किया. The Lallantop के शो ‘गेस्ट इन द न्यूज़रूम' में परेश ने पूरी कहानी बताई. उनसे पूछा गया था कि 'हेरा फेरी' के लिए कितनी दफ़ा लोग कहते हैं कि क्या कमाल फिल्म है? इस पर वो बोले -
"कमाल है ये तो बताया जाता है, लेकिन यार वो...गले का फंदा है यार. मैंने एक बात किसी को बताई नहीं है और सुन कर आपको ताज्जुब होगा कि मैं 2007 में विशाल भारद्वाज जी के पास गया था. 2006 में ‘हेरा फेरी पार्ट 2' रिलीज़ हो गई थी. मैंने कहा - विशाल भाई, इस फिल्म में जो मेरी इमेज है ना, मुझे इससे छुटकारा चाहिए. सेम गेटअप के अंदर अलग किस्म का रोल सिर्फ आप करके दे सकते हैं मुझे. वो हैरान हो गए. बोले - क्यों छुटकारा चाहिए? मैंने कहा अब जो भी आता है उसके दिमाग में 'हेरा फेरी' है. मैं एक्टर हूं यार. मुझे फंसना नहीं है ऐसे दलदल में. मुझे इस गेटअप के अंदर कोई और रोल दो. मुझे छुटकारा चाहिए बाबूराव की इमेज से. वो बोले परेश भाई मैं रीमेक नहीं करता हूं. मैं वहां से निकल गया."
अपनी इमेज बदलने की यही कोशिश उन्होंने आर बाल्की से मिलकर भी की. परेश ने बताया,
"2022 में मैं आर बाल्की के पास गया. मैंने कहा - बाल्की भाई, मुझे कुछ करके दो ना. कुछ तोड़ दो न इसको. इसी गेटअप में दूसरा एक कैरेक्टर दो यार. मेरा दम घुटता है. खुशी तो होती है, पर ये बहुत बांधने वाली चीज़ है. इससे मुक्ति चाहिए. नहीं तो बहुत गंदा है ये".
लोगों को ‘हेरा फेरी’ और उसके सीक्वल बेहद पसंद हैं लेकिन परेश को नहीं. उनके मुताबिक सीक्वल्स में आप एक ही एक चीज़ बार-बार पकाते रहते हो. इस मामले में सिर्फ राजू हीरानी की ‘मुन्नाभाई सीरीज़' ही अपवाद है. उन्होंने कहा -
“सीक्वल पे सीक्वल जब करते हो न, तो आप वही कुकअप करते हो. 'मुन्नाभाई' और 'लगे रहो मुन्नाभाई' की तरह नहीं है ये. अलग दिशा में था उसका साीक्वल. अलग बैकड्रॉप था. वो यहां नहीं मिलेगा आपको. ज़ाहिर से सबको एनकैश करनी है सीक्वल. मगर कुछ तो नया करो. उसके साथ इतनी बड़ी 500 करोड़ की गुडविल वाले कैरेक्टर हैं यार. इसको लेकर उड़ो ना. कोई दूसरी उड़ान तो भरो आप. लेकिन किसी को करना नहीं है. मेंटल बैंकरप्टसी है या मेंटल लथार्जी है, क्या मालूम. लगता है कि मैं नहीं करूंगा तो प्रोजेक्ट अटक जाएगा. इसलिए मैं कर रहा हूं. पर खुशी नहीं है. जो क्रिएटिव जूस निकालना था, निकाल लिया है. अब क्या है?”
बाकी 'हेरा फेरी 3' की बात करें तो इस साल फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली है. मेकर्स का प्लान है कि उसे 2026 में रिलीज़ कर दिया जाए.
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