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कौन हैं चाहत फ़तेह अली खान, जो Oye-Hoye Bado Badi से कानों पर अत्याचार कर रहे हैं?

इस गाने में तड़प थी. सुरों की सनसनी. रागों की रगड़. लिरिक्स की लाचारगी. डांस का दावानल. बीट्स की बेचारगी. ग्राफिक्स की गहनता थी.

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A clip from viral song Bado Badi sung by Chahat Fateh Ali Khan

कुछ गानों के हिस्से होता है फटना. ज़ुबान पर चढ़ना. दिल को भेद जाना. कान के पर्दों में घर कर जाना. कान में घुसा पानी जैसे निकलने को राजी नहीं होता, वैसे ही दिमाग में बस और फंस जाते हैं कुछ गाने. आज बात ऐसे ही वायरल गाने और उसकी कहानी की. 

पहले रील में गाने का चलना देखिए.

कहां से आया ये गाना?

गाना Official : Chahat Fateh Ali Khan Channel नाम के चैनल से अपलोड किया गया. टाइटल पर बहुत मेहनत हुई तो तय हुआ. "Bado Badi / by Chahat Fateh Ali Khan / Song / Released." हर गाने में एक वाइब होती है, इस गाने में तड़प थी. प्रतिभा का विस्फोट था. सुरों की सनसनी. रागों की रगड़. लिरिक्स की लाचारगी. डांस का दावानल. बीट्स की बेचारगी. ग्राफिक्स की गहनता थी. लेकिन सबसे बड़ी बात थी गाने का तरीका. सुर ऐसे साधे गए कि गवैये बेसुरे हो जाएं. किसी खेत में बजा दिया जाए तो बनरोज ह्रदय परिवर्तन करा लें. खेती चट करने की बजाय खुद ही पीठ पर हल चढ़ा जुताई में लग जाएं. शर्त ये होगी कि गाना बंद कर दो एक बार बस. 

'नुसरत फ़तेह अली खान' से क्या कनेक्शन है चाहत का?

एक देश है पाकिस्तान. वहां भी होते हैं इंसान. ऐसे ही एक इंसान ने खुद को आर्टिस्ट माना. इंसान का नाम रखा गया था काशिफ राना. कई जगह उनका असली नाम अली अदन बताया जाता है. ये कैसे हो रहा है. ये पाकिस्तान में होने वाली आधी बातों की तरह मुझे समझ नहीं आया तो नहीं आया. खैर काशिफ ने एक ख़्वाब सजाया कि "मैं पाकिस्तान की उस आबादी तक पहुंचूं, जिनकी उम्र 30 साल से कम है माने वहां के युवाओं तक." इंसान का दावा है कि वो बड़ी मेहनत करता है. दावे को पुख्ता करने के लिए कहता है. उसने फेसबुक पर 721 लाइव शो किए हैं. इंसान की याददाश्त होती है. उसे याद आया पाकिस्तान के गुजरांवाला में हुआ मशहूर गायक नुसरत फ़तेह अली खान का वो शो, जो आगे चल कर उसके नए नाम की प्रेरणा बन गया. बन गया सो बन गया. जैसे काशिफ या अली चाहत फ़तेह अली खान बन गए. 

क्रिकेट खेल जाते तो मैदान में खो जाता ये चमकीला पत्थर?

मीडिया को बताते हैं, इनकी पैदाइश पकिस्तान के लाहौर की है. ख़बरें कहती हैं काशिफ़ राना ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट भी खेला है. क़ायदे-आज़म ट्रॉफी  1983-84 के सीजन में लाहौर की टीम से दो मैच की तीन इनिंग्स खेल कुल 16 रन बनाए. बाद में ये UK चले गए और वहां पर भी 12 साल तक क्लब क्रिकेट खेला. कालांतर में क्रिकेट वाला हाथ UK में ही कैब चलाने के लिए इस्तेमाल किया.

'Bado Badi' के अलावा भी म्यूजिक पर किए हैं अहसान 

मोहितों-अरिजीतों के समय में चाहत, ताहिर शाह, ढिंचैक पूजा, राकू दा जैसे लेजेंड्स की श्रेणी के कन्सुर हैं. चाहत कोई प्रोफेशनल सिंगर नहीं थे पर इनके कथित गानों ने करोड़ों सोशल मीडिया यूज़र्स को अपनी ओर आकर्षित किया. हालांकि ये कोई पहला मौका नहीं है जब चाहत ने सोशल मीडिया को कोई मज़ेदार कंटेंट दिया हो. पहले भी कई बार अपने गानों के ज़रिये सोशल मीडिया पर तहलका मचा चुके हैं. सबसे पहले वायरल गानों में "Jhanda with danda" का नाम आता है. वहीं Covid-19 के साथ ही इनके लिखे और गाए गाने आए. जैसे एक गाना हुआ 'Tun tana tun' जिसका मतलब निकालना लॉकडाउन में घर से निकलने से भी कठिन रहा. एक गाने के बोल हुए "Lota lota, bum bum bum, tu vi lota main vi lota, koi chota lota koi vada lota, bum bum bum" इस गाने पर भी चाहत ने खुद लिखने और गाने का अहसान किया.

चाहत इतने एक्टिव हैं कि पाकिस्तान के सस्ते आईपीएल- PSL के लिए भी इन्होंने एक गाना गाया. "ये जो प्यारा PSL है". शायद क्रिकेट से इनका प्रेम अभी तक बाकी है. कई बार इनको अपने इन गानों की वजह से ट्रोलिंग का सामना भी करना पड़ जाता है पर गाने के अलावा इनका एक बयान भी था, जिसको लेकर चाहत फ़तेह अली खान को लोगों ने खूब ट्रोल किया गया. दावा किया था कि पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर 'आकिब जावेद' एक समय इनकी कप्तानी में क्रिकेट खेल चुके हैं. लोगों को ये बात पसंद नहीं आई और सोशल मीडिया पर ही चाहत को आड़े हाथों लिया गया.

असली वाला गाना तो और भी कमाल का लगेगा आपको!

चाहत का गाना 'Bado Badi' दरअसल चाहत का खुद का लिखा गाना नहीं है. उन्होंने इसे रीक्रिएट अर्थात बर्बाद ज़रूर किया है. चाहत फ़तेह अली खान ने जिस गाने से प्रेरणा ली है वो पाकिस्तान में 1973 में आयी फिल्म "बनारसी ठग" के गाने "आंख लड़ी बदो बदी" है. इस गाने का हिंदी में मतलब है "नज़रें अचानक मिलीं, ये अवसर कभी-कभी आता है. जो मज़ा इसमें आज है, किसी ने पहले ऐसा नहीं देखा." इस गाने में संगीत बख्शी-वज़ीर की जोड़ी ने दिया था.

जाते-जाते इस गाने पर किस किस्म की रील्स गढ़ी जा रही हैं देखते जाइए. 

परीक्षा के संदर्भ में 

करियर को आग लगाकर 

कुल जमा विशुद्ध क्रिंज तरीके से गाया गाना, सोशल मीडिया पर रीलों पर चल रहा है. क्योंकि क्रिंज सब्जेक्टिव है और बेसुरा होना सुरीला होने से ज़्यादा फायदेमंद. 

(ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहे आदित्य ने लिखी है)

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