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केके के गाए बेहतरीन गैर हिंदी गाने, जो आपने नहीं सुने होंगे

केके ने हिंदी सिनेमा में कमाल गाने गाए. लेकिन हिंदी से इतर उन्होंने और भी भाषाओं में बेहतरीन गाने गाए हैं. उनमें से कुछ के बारे में पढिए.

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केके के गाए पांच नॉन हिंदी गाने.

क्रिमिनली अंडररेटेड आर्टिस्ट. सिंगर विद नो हेटर्स. केके के जाने के बाद सोशल मीडिया पर उनके बारे में ऐसी बातें लिखी जा रही हैं. इन बातों में रत्ती भर भी एग्ज़ेज़रेशन नहीं. मॉडर्न हिंदी म्यूज़िक को बिना केके के इमैजिन नहीं किया जा सकता. उनके गाने हर पल, हर मूड के साथी रहे. फिर चाहे वो डांस पार्टी में बजने वाला ‘देसी बॉयज़’ हो या रात को अकेले में सुनने लायक ‘बीते लम्हे’. 

केके सिर्फ किसी गाने को आवाज़ देने वाले माध्यम नहीं थे. उनकी आवाज़ लिखे हुए बोल को एक स्टेप ऊपर ले जाने का काम करती. उनकी आवाज़ और उनकी ऑडियोग्राफी में ऐसी रेंज थी जो हर सिंगर को नसीब नहीं होती. और इतना हम सिर्फ उनके हिंदी गानों के आधार पर कह रहे हैं. केके ने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगु, मलयालम, मराठी, ओड़िया, गुजराती, बंगाली और आसामी भाषाओं में भी गाने गाए हैं. उनके गाए ‘अलविदा’ और ‘तू ही मेरी शब है’ लगातार फैन्स की लिस्ट पर हैं. लेकिन हिंदी से इतर भी उनके कमाल के गाने हैं, जो आपको सुनने चाहिए. आज उन्हीं में से कुछ के बारे में आपको बताएंगे. 


#1. अपड़ी पोडु
भाषा: तमिल 
फ़िल्म: घिल्ली 

बचपन में स्कूल में फंक्शन होता. जहां बच्चों के ग्रुप भारत के राज्यों को रीप्रेज़ेंट करते. पंजाबी बना ग्रुप किसी भांगड़ा नंबर पर डांस करता, राजस्थानी बना ग्रुप ‘बन्ना रे बागा में’ जैसे गाने पर डांस करते. फिर आता साउथ वाला ग्रुप. जो ऐसे गाने पर नाचते कि स्टेज हिला देते. गाने का नाम और बोल उस वक्त पल्ले नहीं पड़ते. फिर भी पैर कूदते, आढ़े-टेढ़े तरीके से नाचते. बड़े होने पर भी ये गाना इवेंट्स और फंक्शन्स आदि में सुनाई पड़ता. 

सर्च किया तो पता चला कि ये विजय और तृष्णा की फिल्म ‘घिल्ली’ का गाना है, जिसका नाम ‘अपड़ी पोडु’ है. यहां मेल वोकल्स डिलीवर किए थे केके ने. जब पैन इंडिया वर्ड मेनस्ट्रीम भी नहीं हुआ था, उस दौर में ये गाना पैन इंडिया बन गया था. ये गाना विद्यासागर ने कम्पोज़ किया था. तमिल म्यूज़िक इंडिस्ट्री में केके ने उनके अलावा हैरिस जयराज, युवान शंकर राजा और देवी श्रीप्रसाद जैसे कम्पोज़र्स के साथ भी काम किया.


#2. चेलिया चेलिया 
भाषा: तेलुगु 
फ़िल्म: घर्षण 

केके का गाया ये तेलुगु गाना जब पहली बार सुना तब एक हिंदी गाना याद आया. जॉन अब्राहम और जेनेलिया डिसूज़ा स्टारर ‘फोर्स’ का गाना ‘ख्वाबों ख्वाबों में’. उसकी वजह है कि ‘फोर्स’ तमिल फिल्म ‘काखा काखा’ का हिंदी रीमेक है. जहां केके ने ‘उइरिन उइरि’ नाम का गाना गाया था. 2003 में आई इस तमिल फिल्म को एक साल बाद तेलुगु में भी बनाया गया. इस बार फिल्म का नाम हो गया ‘घर्षण’ और गाने का टाइटल हो गया ‘चेलिया चेलिया’. लेकिन इस बार भी मेल सिंगर में केके का नाम मौजूद था. 

केके ने वैसे तेलुगु सिनेमा के कई गानों को अपनी आवाज़ दी. उनमें से एक और है, ‘थलाची थलाची’. केके का अपनी आवाज़ पर कैसा कंट्रोल था, वो आपको ये गाना सुनकर समझ आ जाएगा. 


#3. काजोल तुमी 
भाषा: आसामी 
एलबम: मन 

केके के आसामी भाषा में गाए गाने खोजने पर एक एलबम मिलता है, ‘मन’. जिसके लिए केके ने दो गाने गाए, ‘काजोल तुमी’ और ‘मन दिलो’. यूट्यूब पर ‘काजोल तुमी’ के करीब 5,800 व्यूज़ हैं. उनके हिंदी गाने सुनने वाली ऑडियंस को उस ओर जाने की भी ज़रूरत है. ताकि उनकी रेंज, उनकी डाइवर्सिटी के एक कदम और करीब जा पाएं.  


#4. नड़ेदाडुवा कामनाबिलु 
भाषा: कन्नडा 
फ़िल्म: परिचय 

केके को याद करने पर रेंज, डाइवर्सिटी जैसे शब्द याद आते हैं. साथ ही याद आता है नॉस्टैल्जिया. वो मन में उठने वाली मीठी सी फीलिंग. कन्नडा फिल्म ‘परिचय’ के लिए केके का गाया ‘नड़ेदाडुवा कामनाबिलु’ को ज़रा यूट्यूब पर खोजिए. गाने के कमेंट सेक्शन में जाइए. प्योर नॉस्टैल्जिया से भरे कमेंट्स मिलेंगे. कोई अपने बचपन की मेमरी शेयर कर रहा है, तो कोई शिकायत कर रहा है कि आज कल ऐसे अच्छे गाने क्यों नहीं बनते.    


#5. रहस्यमई 
भाषा: मलयालम 
फिल्म: पुदिया मुखम 

केके का जन्म दिल्ली के एक मलयाली परिवार में हुआ. उनकी परवरिश भी दिल्ली में हुई. केके पर म्यूज़िक का पहला इन्फ्लूएंस अपनी मां के ज़रिए आया. वो अक्सर घर में मलयाली गाने गाय करतीं. जब-जब वो गाती, केके के पिता उनके गाने को टेप पर रिकॉर्ड करते. घर का ये माहौल केके को भी खूब रास आता. केके का म्यूज़िक से पहला एक्स्पोज़र मलयालम भाषी गानों से ही हुआ. देश की इतनी भाषाओं में संगीत एक्सप्लोर करने के बाद केके ने मलयालम म्यूज़िक का भी रुख किया. 
उन्होंने पृथ्वीराज सुकुमारन की फिल्म ‘पुदिया मुखम’ के लिए ‘रहस्यमई' गाना गाया. इसके बाद उन्होंने और मलयालम भाषी गाने नहीं गाए.      

#1. अपड़ी पोडुभाषा: तमिलफ़िल्म: घिल्लीबचपन में स्कूल में फंक्शन होता. जहां बच्चों के ग्रुप भारत के राज्यों को रीप्रेज़ेंट करते. पंजाबी बना ग्रुप किसी भांगड़ा नंबर पर डांस करता, राजस्थानी बना ग्रुप ‘बन्ना रे बागा में’ जैसे गाने पर डांस करते. फिर आता साउथ वाला ग्रुप. जो ऐसे गाने पर नाचते कि स्टेज हिला देते. गाने का नाम और बोल उस वक्त पल्ले नहीं पड़ते. फिर भी पैर कूदते, आढ़े-टेढ़े तरीके से नाचते. बड़े होने पर भी ये गाना इवेंट्स और फंक्शन्स आदि में सुनाई पड़ता.सर्च किया तो पता चला कि ये विजय और तृष्णा की फिल्म ‘घिल्ली’ का गाना है, जिसका नाम ‘अपड़ी पोडु’ है. यहां मेल वोकल्स डिलीवर किए थे केके ने. जब पैन इंडिया वर्ड मेनस्ट्रीम भी नहीं हुआ था, उस दौर में ये गाना पैन इंडिया बन गया था. ये गाना विद्यासागर ने कम्पोज़ किया था. तमिल म्यूज़िक इंडिस्ट्री में केके ने उनके अलावा हैरिस जयराज, युवान शंकर राजा और देवी श्रीप्रसाद जैसे कम्पोज़र्स के साथ भी काम किया.