Irrfan Khan और Nawazuddin Siddiqui, NSD (नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा) के दौर के साथी रहे. नवाज़ अक्सर अपने इंटरव्यूज़ में कहते रहे हैं कि इरफ़ान जैसे ग्रेट एक्टर को इंडस्ट्री में वो मक़ाम नहीं मिला, जिसके वो हक़दार थे. 29 अप्रैल को इरफ़ान खान की पुण्यतिथि थी. इसी दिन नवाज़ Lallantop Cinema के ख़ास कार्यक्रम Cinema Adda में आए. तब भी उनकी बातों में यही टीस दिखी. नवाज़ के साथ उनकी अपकमिंग फिल्म Costao की डायरेक्टर Sejal Shah भी आईं.
नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने बताया, इरफान को अपने करियर में किस बात का मलाल रह गया
Nawazuddin Siddiqui ने बताया कि उन्होंने Irrfan के साथ 9 फिल्में कीं. जिसमें से आधी रिलीज़ ही नहीं हो पाईं.

इस बातचीत के दौरान जब इरफ़ान का जि़क्र आया, तो नवाज़ ने कहा,
"सबसे ज़्यादा फिल्में मैंने ही की हैं इरफ़ान के साथ. नौ फिल्में की हैं. आधी तो रिलीज़ भी नहीं हुईं. 'मेरिडियन लाइन' थी. 'अमीर-ग़रीब' कर के सीरियल किया था हमने. 'अलविदा' करके एक सादिया सिद्दीकी और मुझे लेकर बनाया था इरफ़ान भाई ने. उन्होंने ही वो डायरेक्ट किया था. बेशक वो शुरू से वो ग्रेट एक्टर रहे हैं. ये अहसास रहता था और उनकी बातों में हमेशा झलकता था कि उनको लेकर किसी ने जो बड़े बजट की फिल्में होती है, कभी किसी ने नहीं बनाई."
नवाज़ ने बताया कि हॉलीवुड में अच्छे एक्टर्स को लेकर भारी-भरकम बजट की फिल्में बना दी जाती हैं. मगर बॉलीवुड में ये नहीं होता. नवाज़ ने इस तकलीफ़ को यूं बयां किया,
"ये आज से नहीं, बहुत पहले से है. चाहे वो ओम पुरी के साथ हो, नसीर साहब के साथ हो, चाहे इरफ़ान भाई के साथ हो या मनोज बाजपेयी के साथ हो. जब आपको मालूम है कि ये बेहतरीन एक्टर्स हैं. मगर उन पर कभी किसी ने 20 करोड़ से ज़्यादा की फिल्म बनाई ही नहीं. ये बड़ा अजीब है. जैसे हॉलीवुड में होता है. एक्टर को लेकर बड़े-बड़े बजट की फिल्में बनाते देते हैं वो लोग. मगर दुर्भाग्यवश हमारे यहां ऐसा नहीं होता है. हमारे यहां पता नहीं क्यों नहीं होता."
नवाज़ ने एक्टर्स की भी दो किस्में बताईं. उन्होंने कहा,
"कहते हैं ना कि एक पब्लिक का एक्टर होता है. एक इंडस्ट्री का एक्टर होता है. पब्लिक के एक्टर को पब्लिक तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है. लेकिन जो इंडस्ट्री का एक्टर है, उसे हिंदुस्तान के हर घर के आगे देखा जाता है. शुरू में लोगों को लगता है कि यार ये क्या एक्टिंग कर रहा है. लेकिन बाद में उन्हें आदत पड़ जाती है उन्हें देखने की. वो उसी में से अच्छा ढूंढ लेते हैं. हमारी ऑडियंस इतनी अच्छी है, कि जो कमतर एक्टर हैं, उनमें भी अच्छा ही ढूंढने लगती है वो. यही कारण है कि ग्रेट एक्टर्स, चाहे वो ओम साहब हो, नसीर हों या इरफ़ान हों, इनको लेकर बड़े बजट की फिल्म कभी बनी नहीं. और मुझे लगता भी नहीं कि आगे ऐसा होगा."
#300 स्क्रीन देकर सुबह का शो दोगे तो कितना कमा लेंगे हम?
नवाज़ ने बताया कि उन्होंने इरफ़ान के साथ फिल्म प्रमोशन भी काफी किए. और तब उन्हें पब्लिक रिएक्शन पता चला. इस बारे में नवाज़ ने कहा,
"मैंने इरफ़ान भाई के साथ प्रमोशन भी बहुत किया. हम बाहर जाते थे तो लोग बोलते थे कि हम देखना चाहते हैं आप लोगों को. लेकिन आपकी फिल्में ही नहीं पहुंचतीं. अब किसी को 300 स्क्रीन दोगे और शो दोगे सुबह का, तो उसमें क्या आप उम्मीद करते हो कि कितना हम कलेक्शन कर लेंगे ?"
नवाज़ और इरफ़ान की सबसे पॉपुलर फिल्मों में शामिल हैं 2013 में आई 'द लंचबॉक्स' और 2012 में रिलीज़ हुई 'पान सिंह तोमर'. 2003 में इन दोनों की एक शॉर्ट फिल्म आई थी. टाइटल है ‘द बायपास’. ये सायलेंट क्राइम ड्रामा है, जिसमें बिना संवादों के भी दोनों एक्टर्स ने अपन अभिनय क्षमता बखूबी दिखाई. अब नवाज़ की ताज़ा फिल्म 'कोस्टाओ' 1 मई को रिलीज़ होगी. इस फिल्म में नवाज़ के साथ हुसैन दलाल और प्रिया बापट जैसे एक्टर्स ने काम किया है.
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