नसीरुद्दीन शाह का लल्लनटॉप के सम्पादक सौरभ द्विवेदी ने इंटरव्यू किया. अब तक आपने नहीं देखा तो यहां
कांग्रेस ने नसीरुद्दीन शाह को क्या ऑफ़र किया था ?
नसीर से ये भी पूछा गया कि क्या उन्हें कभी मोदी सरकार की तरफ से उनकी सेवाएं लेने के लिए बुलाया गया?
नसीर से सवाल पूछा गया था कि क्या परदे पर जो रोल निभाना होता है, उसमें पर्सनल रेफरेंस या एक्सपीरियंस काम आते हैं? उन्होंने इसका बहुत ही बारीक जवाब दिया. नसीर ने बताया:
पर्सनल एक्सपीरियंस नहीं, लेकिन पर्सनल एक्सपीरियंस जो निशान छोड़ गए हैं वो काम आता है. अक्सर ऐक्टर्स की ट्रेनिंग में एक गलत चीज उनसे करवाई जाती है जो ढकोसला है. ये एक्टिंग स्कूल में भी होता है, कि सिखाते कुछ नहीं उनसे हिंदी फिल्मी गानों पर नचवाते हैं. किसी हीरो से हाथ मिलवा देंगे और उनसे हजारों रुपए लेकर कह देंगे कि जाओ तुमने सीख लिया है. ऐसी दुकानें हर मोड़ पर कोढ़ की तरह फूट रही हैं.
चूंकि नसीर एक महान अभिनेता हैं और अभिनय की उन्हें बहुत बारीक़ समझ है. इसलिए उनसे एक बहुत वाजिब सवाल किया गया. सवाल था कि कभी ऐसा हुआ है कि नरेंद्र मोदी या सरकार की तरफ से, या महाराष्ट्र सरकार की तरफ से उन्हें बुलाया गया हो? चूंकि इतना तजुर्बा है आपका कम्युनिकेशंस और ऐक्टिंग में, तो उसमें अपनी सेवाएं दें. नसीर ने साफ़ इनकार किया.
कभी नहीं. सिर्फ सुभाष घई साहब ने मुझे बुलाया, जब वो इंस्टिट्यूट बना रहे थे विस्लिंग वुड्स. और मैं बड़ी खुशी-खुशी उनके साथ हुआ. दो साल मुझे मौका मिला और मैं ऐक्टिंग का ऐसा विभाग स्थापित कर पाया, जहां ऐक्टिंग सही तरीके से सिखाई जाए. लेकिन भारत सरकार की तरफ से कोई ऑफर नहीं आया कभी. न महाराष्ट्र सरकार से.
उनसे कांग्रेस सरकार पर पूछा गया. तो उनका कहना था कि कांग्रेस से उन्हें एमएलए का टिकट ऑफर हुआ. सवाल था कि कांग्रेस के समय में भी बुलावा नहीं आया. जवाब था:
कांग्रेस के समय में आया था कि सरधना से खड़े हो जाओ एमएलए के चुनाव में. मैं मेरठ के पास सरधना से ही हूं. मैंने हाथ जोड़ लिए कि मुझसे न होगा. 20-25 साल पहले की बात है. सरधना में मेरी पिक्चर लगती है तो लिखा जाता है सरधने वाले नसीरुद्दीन शाह.
ऐसे और तमाम पुरानी और नई बातें नसीर ने अपने इंटरव्यू में बताई. आप यहां
वीडियो: नसीरुद्दीन शाह ने अब हिटलर का नाम लेकर देश पर क्या कह दिया?