फिदेल कास्त्रो. 90 साल का ये जवान आदमी दुनिया छोड़ गया. पर जाते-जाते दुनिया को जीना सिखा गया. आज जब किसी की जबान की कोई कदर नहीं, इस इंसान से अपनी बातों से अपने देश को बचा के रखा है. जिस आदमी पर हर वक्त मरने का खतरा मंडराता रहता था, उस आदमी ने अमेरिका की नाक के नीचे गुलदस्ता बो रखा था. जिसमें से इरादों की महक आती थी. इस महक ने अमेरिका के किसी प्रेसिडेंट को सोने नहीं दिया था. कास्त्रो ने दिखा दिया था कि बस इरादे होने चाहिए. एक इंसान और एक देश बहुत कुछ कर सकते हैं. आइए पढ़ते हैं कास्त्रो की 10 सबसे धांसू बातें-1.मेरी निंदा करो. इसका कोई मतलब नहीं. इतिहास मुझे हर अपराध से मुक्त कर देगा. (कास्त्रो ने ये 1953 में कहा था, जब उनको मिलिट्री बैरक पर खतरनाक मारा-मारी वाले हमले के लिए ट्रायल पर रखा गया था. ये जज्बा था.) 2.मेरा दिल स्टील का बना है. (ये तब कहा था जब दिल का ऑपरेशन हुआ था.)3.मैंने 82 लोगों के साथ क्रांति की थी. करना पड़ा तो फिर करूंगा. दस-पंद्रह लोग होंगे तो भी. अगर भरोसा है और प्लान है तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितने लोग हैं मेरे पास.4.जी हां. हमारी क्रांति का बड़ा फायदा हुआ है. हमारे यहां की वेश्याएं भी ग्रेजुएट हैं.5.मैंने महसूस किया है कि मेरी डेस्टिनी वॉर है. अमेरिका के साथ.6.अस्सी की उम्र में बहुत खुश हूं. मैंने कभी ये नहीं सोचा था. दुनिया के सबसे ताकतवर देश के बगल में हूं. जो मुझे हर रोज मारने के नये प्लान बनाते हैं.7.मैं अपनी दाढ़ी अभी नहीं कटवाऊंगा. मेरे लिये मेरी दाढ़ी का मतलब है. जब मैं अच्छी सरकार का वादा पूरा करूंगा तभी अपनी दाढ़ी बनवाऊंगा.8.क्रांति फूलों की सेज नहीं है. ये पास्ट और फ्यूचर के बीच का संघर्ष है.9.हम लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं. जेंटलमेन, सच बताऊं तो हमें ये भी नहीं पता कि इनसे क्या चार्ज करें. (ये कहा था जब 90 के दशक में क्यूबा में टूरिज्म बढ़ गया था. लोग देखने आते थे कि कौन देश है जो अमेरिका की नाक में दम कर रखा है.) 10.मेरी कभी इच्छा नहीं रही कि मैं कोई पद ग्रहण करूं. ये मेरी आत्मा के खिलाफ होगा.