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Logout - मूवी रिव्यू

कैसी है Babil Khan और Amit Golani की थ्रिलर फिल्म Logout, जानने के लिए रिव्यू पढ़िए.

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ये सीधा ज़ी 5 पर रिलीज़ होगी.

फिल्म- लॉगआउट
डायरेक्टर- अमित गोलानी
एक्टर्स-  बाबिल खान, रसिका दुग्गल, निमिषा नायर और गन्धर्व दीवान 
रेटिंग- 3 स्टार (***)

***

डायरेक्टर डेनियल गोल्डहाबर की 2018 में आई हॉरर फ़िल्म "कैम" एलिस नाम की लड़की की कहानी है, जो एक एडल्ट वेबसाइट पर अपना ऑनलाइन प्राइवेट चैट रूम चलाती है. उसे अपनी साइट के टॉप 50 चैटरूम्स में अपनी जगह बनानी है और अंततः नंबर 1 पर पहुंचना है. इसके लिए वो कुछ भी करती है. सुसाइड करने का नाटक भी. अंततः उसका लक्ष्य पूरा हो जाता है. लेकिन अगली सुबह वो उठती है और पाती है कि वो अपने चैनल से लॉगआउट हो चुकी है और कोई उसकी जगह उस चैनल को चला रहा है. इस ख़ौफनाक, बदहवासी से भरी फ़िल्म का एक मिलता जुलता सा भारतीय संस्करण आया है. नाम है - लॉगआउट. डायरेक्टर अमित गोलानी की ये फ़िल्म Zee5 पर रिलीज हुई है. ये फ़िल्म बात करती है सेल फोन, यानी स्मार्ट फोन और उससे एडिक्टेड जनतंत्र की. बात करती है इस डिजिटल दुनिया के भीषण खतरों की. फ़िल्म खुलती ही इस लाइन के साथ है कि - "ये एक जेल है जिसे तुम्हारे दिमाग के हिसाब से डिजाइन किया गया है और इस जेल के 7 बिलियन कैदी हैं. यही कारण है कि इसे - सेल फोन कहा जाता है."

कहानी 26 साल के लड़के प्रत्यूष दुआ की है, जिसे बाबिल ख़ान ने प्ले किया है. वो एक पॉपुलर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर है. लैला-मजनू नाम से ह्यूमरस वीडियोज़ बनाता है. उसका सोशल मीडिया अकाउंट है - Pratman, जिसके 9 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं और अब उसका टारगेट है 10 मिलियन फॉलोअर्स पाना. रोज़ सुबह आंख खुलने से पहले ही प्रत्युष का हाथ अपना फोन खोजने लगता है. सबसे पहले अपने फॉलोअर्स का काउंट चेक करता है. रूम की लाइट जलाने से लेकर घर पर पौंछा लगाने तक वो हर चीज़ के लिए इसी यंत्र पर डिपेंडेंट है. कभी कभी तो ऐसा लगता है मानो इस फोन ने उसे अपने वश में कर रखा है. प्रत्युष की ज़िन्दगी में सब बढ़िया चल रहा है. फॉलोअर्स लगातार बढ़ रहे है, लोग उसके लिए पागल हुए जा रहे हैं, ब्रांड इंडोर्समेंट्स आ रहे हैं. शहर में होर्डिंग्स लग रहे हैं. Everything is content के स्वरचित सिद्धांत को मानते हुए वो अपने खाने से लेकर ब्रेकअप स्टोरी तक सब कुछ सोशल मीडिया पर शेयर करता है. कई बार वो सिर्फ सोशल मीडिया पर परोसने और अपने फायदे के लिए कहानियां बनाता है. जैसे वो अपनी कंपीटिटर इन्फ्लुएंसर 'नौटंकी अंकिता' अकाउंट पर जाकर अनजान प्रैटमैन फैन बनकर भद्दे कमेंट करता है. फिर खुद प्रैटमैन बनकर कहता है कि महिलाओं के बारे में ऐसे कमेंट मत करो अगर मैंने फैन हो तो.

फिल्म में एक सीन है जहां अंकिता एक डॉग अडॉप्ट करती है और उसके फॉलोअर्स तेज़ी से बढ़ने लगते हैं. अब प्रत्यूष के ऊपर भी प्रेशर है पेट अडॉप्ट करने का. वो दिमाग लगाता है और अपने घर में एक चूहे को कैद कर लेता है. ये दिखाता है कैसे कूल बनने के चक्कर में हम सही और गलत के फर्क को भी भूल जाते हैं. वो कैद हुआ चूहा असल में प्रत्यूष का ही रूपक है, क्योंकि चूहे की तरह ही वो भी एक तरह की कैद में है.

कहानी में जरूरी मोड़ तब आता है जब एक दिन आंख खुलती है और प्रत्यूष के होश उड़ जाते हैं. उसका फोन गायब है. किसी अनजान इंसान के पास उसका फोन है और प्रत्यूष के सारे अकाउंट, फोटोज़, डेटा, बैंक डीटेल्स और घर के सारे गैजेट्स का एक्सेस भी उसके पास है. अब वो क्या करेगा?

"लॉगआउट" एक थ्रिलर है और अपने जॉनर से ठीक ठाक न्याय करती है. फ़िल्म बहुत डेंस नहीं है, राइटिंग में रिच नहीं है लेकिन मैसेजिंग के लेवल पर अपना उद्देश्य पूरा करती है. फिल्म का ज़्यादातर हिस्सा एक ही कमरे के सेटअप में शूट हुआ है, जो कि रूपक है कि 1 करोड़ लोग उसे फॉलो करते हैं लेकिन असल ज़िन्दगी में वो एकदम अकेला है और यही बात अंत में वो किसी अपने ही जैसे भटके इंसान को भी समझाने की कोशिश करता है.

प्रत्यूष के रोल में बाबिल ने अच्छा काम किया है. 'कला' और वेब सीरीज़ 'रेलवे मैन' के बाद इस प्रोजेक्ट में वे कुछ नया करने का प्रयास करते दिखते हैं. उनके अलावा फिल्म रसिका दुग्गल, निमिषा नायर और गन्धर्व दीवान भी हैं. हालांकि ये तीनों ही कम समय के लिए स्क्रीन पर दिखते हैं. बिस्वपति सरकार ने फ़िल्म को लिखा है. "लॉगआउट" को आप Zee 5 पर स्ट्रीम कर सकते हैं.

वीडियो: सोशल लिस्ट: अपनी ट्रोलिंग पर बाबिल खान ने जवाब दिया, ‘नकली’ होने के आरोप पर भी बोले