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कहानी साउथ सुपरस्टार नयनतारा की, जिन्हें एक छिछली एडल्ट फिल्म की वजह से अपना नाम बदलना पड़ा था

नयनतारा से पूछा गया कि आपको अपने करियर में किस बात का अफसोस है. उनका जवाब था, 'गजनी फिल्म करने का'.

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नयनतारा कमर्शियल और क्रिटिकल सिनेमा के बीच सही बैलेंस बनाकर चल पाई.

साल 2013. रोहित शेट्टी की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ रिलीज़ हुई. कहानी में शाहरुख का किरदार तमिलनाडु के एक गांव में फंस जाता है. इस वजह से रोहित को साउथ बेल्ट से एक्टर चाहिए थे. साउथ की नामी एक्ट्रेस नयनतारा को अप्रोच किया गया. ये दीपिका वाले रोल के लिए नहीं था. ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के मेकर्स नयनतारा को सिर्फ एक गाने के लिए चाहते थे. लेकिन नयनतारा ने ये रोल करने से मना कर दिया. इसका कारण सीधे तौर पर मीडिया में कभी बाहर नहीं आया. हालांकि बताया जाता है कि सिर्फ एक गाने के लिए नयनतारा ये फिल्म नहीं करना चाहती थीं. आगे उनकी जगह प्रियमणि को फाइनल किया गया और गाना बना ‘वन टू थ्री फोर’. 

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‘जवान’ के एक स्टिल में नयनतारा. 

नयनतारा उस समय शाहरुख के साथ स्क्रीन शेयर नहीं कर पाईं. कहानी दस साल आगे बढ़ती है. शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ में नयनतारा लीड रोल में हैं. सिर्फ गाने या सपोर्टिंग रोल में नहीं. उनके किरदार का कद शाहरुख के बराबर है. ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ के पहले के 10 साल और आगे के 10 साल में नयनतारा के करियर में बहुत कुछ घटा. एक छिछली एडल्ट फिल्म की वजह से उनको नाम बदलना पड़ा. मात्र एक फिल्म करने आईं और इंडस्ट्री के सिंहासन पर विराजमान हो गईं. मोहनलाल, चिरंजीवी और रजनीकांत समेत इंडस्ट्री के तमाम सुपरस्टार्स के साथ हिट फिल्में की. सीता का सफल रोल किया और करियर से ब्रेक भी लेना पड़ गया. उनके नाम के आगे लगा ‘लेडी सुपरस्टार’ का तमगा सबको दिखा. लेकिन उसके पीछे की कहानी से अधिकांश लोग अनजान हैं. उसी कहानी को थोड़ा करीब से जानते हैं. 

# “हीरोइन का नाम एडल्ट फिल्म के नाम पर नहीं रख सकते”

18 नवंबर 1984 को एक ईसाई परिवार में डायना मरियम कुरियन का जन्म हुआ. पिता एयरफोर्स में थे. इस वजह से परिवार का लंबे वक्त तक किसी एक शहर में टिक पाना मुमकिन नहीं था. उनके बस्ते बेंगलुरू, गुजरात, दिल्ली से लेकर केरल तक सफर करते. इंडिया के अलग-अलग शहरों में रहने से डायना को एक फायदा हुआ. उनकी कल्चर, भाषा पर पकड़ मज़बूत होती चली गई. उनकी स्कूली शिक्षा विभिन्न शहरों में हुई. जब तक कॉलेज की पढ़ाई का वक्त आया, पिता अपनी नौकरी से रिटायर हो गए थे. 

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पिता की नौकरी की वजह से नयनतारा का बचपन कई शहरों में बीता.

पूरा परिवार केरल के तिरुवल्ला में शिफ्ट हो गया. वहां के मार थोमा कॉलेज में डायना ने एडमिशन लिया और इंग्लिश लिटरेचर पढ़ने लगीं. उनके कॉलेज के टीचर बताते हैं कि डायना की शुरुआत से ही पढ़ाई में रुचि रही. बेसिकली वो अपनी क्लास में फ्रंट बेंच स्टूडेंट थीं. अपने कॉलेज के पहले साल में ही उनका राबता हुआ मॉडलिंग से. शौकिया तौर पर उन्होंने लोकल मैगज़ीन और ब्रांड्स के लिए फोटोशूट करना शुरू कर दिया. इस सब के दौरान उन्होंने किसी भी पॉइंट पर अपनी पढ़ाई को पिछली सीट पर नहीं धकेला. इंग्लिश लिटरेचर के साथ उन्होंने CA की पढ़ाई भी शुरू कर दी. वो कई इंटरव्यूज़ में कह चुकी हैं कि अगर आज एक्टर नहीं होती, तो पक्का CA बनतीं. 

खैर डायना की लाइफ आगे बढ़ रही थी. वो सेकंड ईयर में पहुंच गईं. उनसे कई कोस दूर सत्यन अंतिकद नाम के डायरेक्टर अपनी नई फिल्म प्लान कर रहे थे. उसके लिए उन्हें तलाश थी नए चेहरे की. ना मानने वालों के लिए भी ये दुनिया इत्तेफाक से भरी हुई है. ऐसे ही एक इत्तेफाक के चलते सत्यन का एक असिस्टेंट वनिता की कॉपी लेकर आया. वनिता एक पॉपुलर महिलाओं की मैगजीन थी. शूटिंग ब्रेक के बीच सत्यन उसके पन्ने पलट रहे थे. तभी उनकी नज़र एक ऐड पर अटक गई. वो एक सोने के गहनों का विज्ञापन था. सत्यन की गहने खरीदने में कोई रुचि नहीं थी. उन्हें ऐड में दिखने वाली लड़की इंट्रेस्टिंग लगी. अपनी फिल्म के लिए हीरोइन मिल गई थी. तुरंत मैगज़ीन वालों को फोन घुमाया गया. उन्होंने फोटोग्राफर का फोन नंबर दिया. वहां से बात पहुंची ऐड एजेंसी तक. किसी तरह सत्यन की टीम ने डायना को ढूंढ निकाला. 

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नयनतारा की पहली मलयालम फिल्म का पोस्टर. 

सत्यन ने डायना को Manassinakkare नाम की फिल्म ऑफर की. लीड रोल में जयराम थे. डायरेक्टर ने फिल्म के लिए डायना को मना लिया. डायना मानती थीं कि वो अच्छी एक्ट्रेस नहीं है. बस एक फिल्म कर के फिल्म इंडस्ट्री को टाटा बाय बाय कर देंगी. उन्हें खबर नहीं थी कि कोई कितना गलत हो सकता है. फिल्म की शूटिंग शुरू हो गई. सत्यन बताते हैं कि डायना हर शॉट के बाद कुर्सी लगाकर उनके बगल में बैठ जातीं. उनसे डायरेक्शन और एक्टिंग की बारीकियां सीखतीं. शूटिंग के दौरान एक दिन सत्यन अपने घर जा रहे थे. रास्ते में उनकी नज़र पड़ी एक छिछली ऐडल्ट फिल्म के पोस्टर पर. उसका नाम था ‘डायना’. सत्यन को लगा कि ये उनकी फिल्म को नुकसान पहुंचाएगा. उनकी फिल्म की हीरोइन का नाम किसी ऐडल्ट फिल्म से नहीं जुड़ सकता. हीरोइन का नाम बदलना होगा. 

पर्ची पर तीन नाम लिखे गए. उनमें से एक से ही डायना को भविष्य में पहचाने जाने वाला था. एक नाम फाइनल हो गया. मतलब था तारों जैसी आंखों वाली. यानी नयनतारा. 

# “गजनी मेरे करियर की सबसे बड़ी गलती थी”

नयनतारा की पहली फिल्म की शूटिंग अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि उनकी तस्वीर फाज़िल के पास पहुंच गई. डायरेक्टर-प्रोड्यूसर फाज़िल ने उन्हें कास्ट कर लिया. बता दें कि वो इंडियन सिनेमा के कद्दावर एक्टर फहद फासिल के पिता हैं. फाज़िल ने नयनतारा के साथ Vismayathumbathu नाम की फिल्म बनाई. सामने थे मोहनलाल जैसे बड़े एक्टर. नयनतारा सिर्फ एक फिल्म करने इस इंडस्ट्री में आई थीं. लेकिन यहां उनकी दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हो गईं. इन दोनों के बाद आई Naatturajavu ने मलयालम सिनेमा में उनकी हिट्स की हैटट्रिक पूरी कर दी. उनका नाम और काम सिर्फ मलयालम सिनेमा तक सीमित नहीं रहने वाला था. 

तमिल फिल्म इंडस्ट्री से ऑफर आने लगे. तमिल सिनेमा में उनकी पहली फिल्म बनी Ayya. ये फिल्म उनके लिए सीढ़ी बनने वाली थी. रजनीकांत की फिल्म तक जाने वाली सीढ़ी. क्योंकि उसी साल उन्हें ‘चंद्रमुखी’ ऑफर कर दी गई. हर एक्टर के करियर में एक बड़ी फिल्म आती है, जिसके बाद उन्हें पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ता. नयनतारा के करियर में ‘चंद्रमुखी’ ऐसी फिल्म थी. रजनीकांत की स्टार पावर के चलते ‘चंद्रमुखी’ 800 दिनों तक सिनेमाघरों में चली. उसके बाद आई नयनतारा की एक और बड़ी फिल्म जिसे हिंदी में भी बनाया गया. आमिर खान के साथ. लेकिन नयनतारा कहती हैं कि वो फिल्म करना उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी फिल्म थी. वो फिल्म थी ‘गजनी’. नयनतारा ने एक इंटरव्यू में कहा था,

फिल्म साइन करते वक्त मुझे जिस रोल के लिए नैरेशन दिया गया, वो फिल्म बनते-बनते बदल गया. मुझे ऐसा लगा कि मेरे साथ धोखा हुआ है. तब से मैंने फैसला कर लिया कि स्क्रिप्ट पूरे ध्यान से सुनूंगी. 

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‘गजनी’ का गाना X Machi शूट करते वक्त नयनतारा को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. 

फिल्म में नयनतारा का रोल सब्स्टेंस वाला नहीं था. ऊपर से रही-सही कसर X Machi नाम के गाने ने पूरी कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स में लिखा मिलता है कि उस गाने को शूट करते वक्त नयनतारा बिल्कुल भी सहज नहीं थीं. तमिल सिनेमा में नयनतारा की छवि टिपिकल किस्म की बनती जा रही थी. और उन्होंने उस वक्त उसे तोड़ने की कोशिश भी नहीं की. उनके ज़्यादातर रोल या तो ग्लैमर वैल्यू बढ़ाने वाले होते या मुसीबत में फंसी हीरोइन के. Yaaradi Nee Mohini और Billa ऐसी ही फिल्में थीं. मलयालम और तमिल सिनेमा में अपने पांव जमाने के बाद नयनतारा ने रुख किया तेलुगु इंडस्ट्री का. 

वहां Adhurs, Simha, और Dubai Seenu जैसी खालिस मसाला फिल्में की. सभी ने बॉक्स ऑफिस पर जमकर उत्पात मचाया. कैलेंडर पर इस पॉइंट तक साल 2010 टंग चुका था. तीन इंडस्ट्रियों को नापने के बाद इस साल नयनतारा ने कन्नड़ा फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया. उनकी पहली कन्नड़ा फिल्म थी ‘सुपर’. लीड में उनके सामने थे सुपरस्टार उपेन्द्र. 

# जब अनाउंस कर दिया कि ‘श्री राम राज्यम’ आखिरी फिल्म होगी 

एक लंबे वक्त तक मीडिया ने नयनतारा की फिल्मों से ज़्यादा उनकी निजी ज़िंदगी के बारे में छापा. खासतौर पर नयनतारा और प्रभुदेवा के कथित रोमांस के बारे में. बताया जाता है कि दोनों साल 2009 में पहली बार मिले थे. कुछ ही समय में मीडिया में उनके प्यार की खबरें चलने लगीं. उस दौरान प्रभुदेवा शादीशुदा थे. पितृसत्तात्मक समाज ने बिना निराश करते हुए नयनतारा पर उंगली उठाना शुरू कर दिया. उनके लिए लिखा गया कि ये लोगों के घर तोड़ती है. उनके चरित्र पर कीचड़ उछाला गया. 

नयनतारा और प्रभुदेवा मीडिया के कैमरों से बचकर ही चल रहे थे. एक-दूसरे के बारे में बातें नहीं करते. बस एक बार प्रभुदेवा ने एक इंटरव्यू में कह दिया कि वो नयनतारा से प्यार करते हैं. सभी ने मान लिया कि दोनों जल्द ही शादी करने वाले हैं. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक तब नयनतारा ‘श्री राम राज्यम’ नाम की फिल्म पर काम कर रही थीं. उन्होंने घोषणा कर दी कि ये उनकी आखिरी फिल्म होगी. वो एक्टिंग से रिटायरमेंट लेकर अपनी पर्सनल लाइफ पर फोकस करेंगी. ‘श्री राम राज्यम’ साइन करने से पहले नयनतारा टॉप की कमर्शियल हीरोइन थीं. इस पर भी कुछ लोगों ने आपत्ति उठाई. कि सीता का रोल किसी और एक्टर को करना चाहिए. तमाम दकियानूसी बातें. 

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‘श्री राम राज्यम’ में सीता के रोल में नयनतारा. 

खैर फिल्म में सीता बनने के लिए नयनतारा ने मांसाहार त्याग दिया. अपना रोल ईमानदारी से निभाने की कोशिश की. 17 नवंबर 2011 को फिल्म सिनेमाघरों में लगती है. लोग दीवाने हो जाते हैं. सभी की शिकायत हवा हो गई. फिल्म ने बढ़िया कमाई की. एक तरफ ‘श्री राम राज्यम’ की बधाई के लिए नयनतारा का फोन शांत नहीं हो रहा था. दूसरी तरफ उनकी पर्सनल लाइफ लड़खड़ा रही थी. उनके करीबी लोगों ने मीडिया को बताया कि प्रभुदेवा और नयनतारा अलग हो गए हैं. नयनतारा पर इसका बुरा असर पड़ा. उन्होंने फिल्मों से ब्रेक ले लिया. 

# एटली की फिल्म और क्रिटिकल एक्टर बनने की शुरुआत 

नयनतारा फिल्मों और फिल्मी दुनिया से दूर हो गईं. खुद को समेटकर एक नया नज़रिया अपनाया. वो फिल्मों में लौटेंगी लेकिन किसी एक सांचे में ढलकर नहीं रहेंगी. शंकर के असिस्टेंट एटली अपनी पहली फिल्म बना रहे थे. नाम था ‘राजा रानी’. नयनतारा को ये फिल्म ऑफर हुई और वो मान गईं. यहां से उन्होंने अपनी अलग जगह बनाना शुरू किया. वो नहीं चाहती थीं कि उनकी फिल्में सिर्फ मेल स्टार के नाम से जानी जाएं. साल 2015 में आई Maya में वो एक मां बनीं. Aramm में वो एक डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर थीं जिनकी टक्कर बाहुबली नेताओं से थीं. Airaa में उन्होंने जर्नलिस्ट का रोल किया. वहीं Naanum Rowdy Dhaan में उनके किरदार को सुनने की समस्या थी. 

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नयनतारा ने समय के साथ अपना स्टार स्टेटस मज़बूत कर लिया. 

बेसिकली ये ऐसे किरदार थे जिनके पास कुछ सब्स्टेंस था. सोसाइटी में और अपनी दुनिया में इनकी अलग जगह थी. हवा का रुख बदला. अब फिल्में नयनतारा के नाम पर बिकने लगीं. उनकी फिल्मों के सुबह तीन बजे शो लगने लगे. फैन क्लब बन गए. ‘लेडी सुपरस्टार’ की उपाधि से नवाज़ा गया. फिल्म पत्रकारों का मानना है कि नयनतारा कमर्शियल और क्रिटिकल दोनों फिल्मों में सही बैलेंस बनाकर चल पाईं. इसी वजह से पिछले 20 सालों में कोई उन्हें रिप्लेस नहीं कर पाया है. मलयालम, तमिल, तेलुगु और कन्नड़ा सिनेमा के बाद अब वो हिंदी मार्केट को भी अपने लिए खोल रही हैं. ‘जवान’ से उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा है.

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