कुमार सानू (Kumar Sanu). नाइंटीज़ वाले हिंदी गानों के बादशाह. हमारे साथी रवि के लिए तो वो जैसे ‘नज़र के सामने, जिगर के पास’ रहते हैं. वही रवि जो चटाकेदार वायरल खबरें लिखते हैं. खैर आज बात रवि की नहीं, उनके हीरो कुमार सानू की. जिन्होंने अपने सिंगिंग करियर में 35 साल पूरे कर लिए हैं. इस मौके पर उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से लंबी-चौड़ी, दिल खोलकर बात की. बताया कि नाइंटीज़ और आज के गानों में क्या बड़ा फर्क है. क्यों उन्हें आज के हिंदी गाने सुनने लायक नहीं लगते.
"आज के हिंदी गाने सुनने लायक नहीं हैं" - कुमार सानू
कुमार सानू ने बताया कि 90 के दशक के गानों में दखलअंदाज़ी नहीं होती थी. आज एक्टर्स से लेकर डायरेक्टर तक, सब दखल देते हैं.
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कुमार सानू से पूछा गया कि वो किस तरह के गाने सुनते हैं. इस पर उनका जवाब था,
मैं लता जी, किशोर कुमार और रफी के पुराने गाने सुनता हूं. मैं अपने गाने नहीं सुनता. कुछ इंग्लिश गाने भी सुनता हूं. लेकिन हिंदी म्यूज़िक नहीं. वो सुनने लायक नहीं है. इसलिए मैं ना ही उन्हें सुनता हूं और ना ही उनके बारे में जानता हूं.
नाइंटीज़ और आज के हिंदी गानों में क्या फर्क है. सिर्फ इस बात में नहीं कि वो सुनाई कैसे पड़ते हैं. बल्कि इस बात में भी कि रिकॉर्डिंग स्टूडियो के भीतर वो तैयार कैसे होते हैं. इस बारे में कुमार सानू ने अपना एक्स्पीरियेंस शेयर किया. बताया,
मैंने जितने भी गाने गाए, उनमें से अधिकांश में मैंने कभी एक्टर को रिकॉर्डिंग के वक्त नहीं देखा. पहले के दिनों की अच्छी बात थी कि कोई दखलअंदाज़ी नहीं होती थी. ये उम्मीद जताई जाती थी कि आप अपने काम के साथ न्याय करेंगे. कोई आपसे ये नहीं कहता था कि ऐसे करो या वैसे करो. ये दखलअंदाज़ी आज के वक्त की बड़ी दिक्कत है.
फिर चाहे वो एक्टर हो, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर या फाइनैंसर, सभी की तरफ से दखल दिया जाता है. वो म्यूज़िक कम्पोज़र से कहते हैं कि आप गाना बना दो, बाकी सब हम देख लेंगे. लेकिन पहले ऐसा नहीं होता था. हम कभी भी एक्टर से चर्चा नहीं करते कि गाना कैसे गाया जाए.
कुमार सानू बताते हैं कि आज के समय कॉन्फिडेंस की कमी है. आजकल एक ही गाने को 8-10 सिंगर गाते हैं. और उन्हें आइडिया नहीं होता कि कौन सा वर्ज़न अच्छा है. कौन से वर्ज़न को रखा जाए. कुमार सानू के मुताबिक ऐसी परिस्थिति में एक सिंगर अपनी पहचान खो देता है. कुमार सानू ने शाहरुख, सलमान से लेकर तमाम बड़े स्टार्स को अपनी आवाज़ दी है. उन्होंने बताया कि वो गाना रिकॉर्ड करते वक्त एक्टर की इमेज को ध्यान में रखते थे. उसके मुताबिक अपनी आवाज़ ऊपर-नीचे कर लेते थे. उसके बाद एक्टर उस गाने को अपना बना लेते और उनके काम की बदौलत वो हिट हो जाता.
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