Baipan Bhari Deva. एक मराठी फिल्म है. बीती 30 जून को रिलीज़ हुई थी. फिल्म में बड़े स्टार नहीं. बनाने में खर्च हुआ करीब पांच करोड़ रुपए का. आलम ऐसा है कि अपने बजट से 10 गुना पैसा छाप चुकी है. इस फिल्म ने महाराष्ट्र में भौकाल मचा दिया है. ‘मिशन इम्पॉसिबल 7’ जैसी बड़ी फिल्म का टिकना मुश्किल हो रखा है. ट्रेड वेबसाइट Sacnilk के मुताबिक फिल्म ने 20 दिन के अंदर 57 करोड़ रुपए फोड़ लिए हैं. ऐसा हाल तब है जब फिल्म सिर्फ मराठी ऑडियंस के बीच घूम रही है. मुमकिन है कि फिल्म की पॉपुलैरिटी के चलते इसे हिंदी में भी रिलीज़ किया जाए. हालांकि ऐसी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
क्या है मराठी फिल्म 'बाईपण भारी देवा', जिसने 'मिशन इम्पॉसिबल 7' की छुट्टी कर डाली
फिल्म ने सिर्फ 20 दिनों के अंदर बजट से 10 गुना पैसा फोड़ लिया.

फिल्म को भले ही रिलीज़ के बाद पॉज़िटिव रिसेप्शन मिल रहा है, लेकिन इसे बनाकर लोगों तक पहुंचाना आसान नहीं था. फिल्म के डायरेक्टर केदार शिंदे ने बॉलीवुड हंगामा को दिए एक इंटरव्यू में इस पर बात की है. उन्होंने बताया,
नौ महीनों तक मुझे कोई प्रोड्यूसर नहीं मिला था. मैं कई रातों को बैठकर रोता था. स्क्रिप्ट पढ़ने वाला हर एक इंसान कहता था कि छह औरतों को देखने कौन जाएगा? मैं उन्हें कहता था कि ये मज़ेदार कहानी है. फिल्म की सबसे बड़ी जीत थी, जब जियो स्टूडियो ने इसे ले लिया.
केदार ने आगे जोड़ा,
हम परिणाम की चिंता किए बिना अपना काम करते हैं. गीता में लिखा है, ‘कर्म करो फल की अपेक्षा मत करो’. मैंने प्ले, टेलिविजन शो और फिल्में भी की हैं. मैंने ऑडियंस के सामने कुछ अहम काम रखा है, जिसे उन्होंने अच्छा रिस्पॉन्स भी दिया.
‘बाईपण भारी देवा’ की शूटिंग साल 2020 में पूरी हो गई थी. उसके बाद कोरोना महामारी आ गई. फिल्म को लंबे वक्त तक जूझना पड़ा. मेकर्स बताते हैं कि वो मुश्किल वक्त था. लेकिन फिर चीज़ें सही ट्रैक पर आ ही गईं. ‘बाईपण भारी देवा’ कहानी बताती हैं छह बहनों की, जो उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर हैं. किसी वक्त में आपस में बहुत प्रेम था लेकिन अब नहीं. एक-दूसरे से दूर रहती हैं. ऐसे में इन्हें एक साथ आना पड़ता है. एक मंगलागौर प्रतियोगिता की वजह से. अपने सारे मतभेद दूर करके ये बहनें अपनी पहचान कैसे खोजती हैं, यही फिल्म की कहानी है. ‘बाईपण भारी देवा’ जैसी फिल्में समय-समय पर एक विश्वास को पुख्ता करती जाती हैं. अगर आपका कंटेंट अच्छा है, तो वो अपनी ऑडियंस ढूंढ ही लेगा. और वर्ड ऑफ माउथ से बड़ी कोई मार्केटिंग नहीं.
इस मराठी फिल्म को चहुंओर सिर्फ सराहना ही मिल रही है. फिल्म में छह बहनों का रोल किया है रोहिणी हट्टंगडी, वंदना गुप्ते, सुकन्या कुलकर्णी, सुचित्रा बांदेकर, शिल्पा नवलकर और दीपा परब. केदार बताते हैं कि फिल्म के एक्टर्स को लाना मुश्किल काम नहीं था. उन्होंने बताया कि जब राइटर वैशाली नायक ने उन्हें कहानी सुनाई, तब उनके दिमाग में इन्हीं छह एक्टर्स के चेहरे आए. केदार शिंदे ने इसी इंटरव्यू में बताया कि वैशाली को कहानी का आइडिया अपनी मां से आया. उनकी मां अपने काम से रिटायर हो गईं. लेकिन एक अफसोस के साथ कि वो कभी मंगलागौर नहीं कर पाईं. इसी डांस फॉर्म के इर्द-गिर्द फिर वैशाली ने अपनी कहानी रची.
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