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किसी का भाई किसी की जान: मूवी रिव्यू

इस फ़िल्म को देखने के बाद 'सच्चे' सलमान खान फैंस भी निराश होंगे.

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'किसी का भाई किसी की जान' आपकी जान लेकर ही मानेगी

21 अप्रैल. Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan का दिन. यानी Salman Khan का दिन. क़रीब साढ़े तीन साल बाद किसी फुल फ्लेज्ड पिक्चर से सल्लू भाई ने वापसी की है. हालांकि ये फ़िल्म वापसी नहीं, सिनेप्रेमियों के लिए शाप-सी है. ये पिक्चर सिर्फ़ भाई के फैन ही देख सकते हैं. क्योंकि और किसी के लिए भाईजान देखना महान ख़तरनाक काम हो सकता है. आगे कई सारे स्पॉइलर्स हो सकते हैं. अपने रिस्क पर ही रिव्यू पढिए. काहे कि दोस्ती बनी रहनी चाहिए. चलिए रिव्यू शुरू करते हैं.

मैं अक्सर रिव्यू में ऐक्टिंग की बात आखिर में करता हूं. पर आज सबसे पहले उसी की बात. क्योंकि बुरी बातें पहले बोल देनी चाहिए. हालांकि इसमें अच्छी बातें तो हैं ही नहीं. कोई नहीं. सलमान खान के तीन भाई हैं. लव, इश्क़ और मोह. लव बने हैं सिद्धार्थ निगम. इश्क़ के रोल में हैं राघव जुयाल और मोह का किरदार निभाया है जस्सी गिल ने. भर-भर के ओवर एक्टिंग. ऐसा ही उनकी तीनों प्रेमिकाओं शहनाज़ गिल, पलक तिवारी और विनाली भटनागर के साथ है. इतनी ओवरएक्टिंग आपको बीमार, बहुत बीमार करने के लिए काफ़ी है. यदि ये लोग कोई कपड़ा होते, इन्हें निचोड़ा जाता तो 500 लीटर वाली टंकी इनकी ओवर ऐक्टिंग की तरलता से भर जाती. इन लोगों से अच्छी एक्टिंग तो सलमान खान ने की है. ये मैं तब कह रहा हूं, जब सलमान ने ख़ुद ख़राब ऐक्टिंग की है. फ़िल्म में उनके दो-तीन इमोशनल सीन हैं. वो रोते हैं, तो आप में रोने की नहीं, हंसने की इच्छा जागृत होती है. भरोसा नहीं होता ये वही आदमी है, जिसने 'बजरंगी भाईजान' में काम किया है. हालांकि ये वो आदमी भी है, जिसने 'रेस 3' में काम किया है.

पूजा हेगड़े ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है. उन्होंने दर्शकों पर अन्याय बिल्कुल नहीं किया है. उनको फ़िल्म में स्क्रीनटाइम भी ठीकठाक मिला है. उनके भाई बने वेंकटेश ने बढ़िया एक्टिंग की है. उनके लिए ऐसे किरदार मक्खन की तरह हैं. उनकी पत्नी बनी हैं भूमिका चावला. उन्हें इतने सालों बाद देख अच्छा लगा. अभिमन्यु सिंह जैसे अच्छे एक्टर से भी फरहाद सामजी बुरी ऐक्टिंग करवाने में क़ामयाब रहे हैं, तो बॉक्सर विजेंदर सिंह क्या ही ऐक्टिंग करेंगे! सबसे बढ़िया काम किया है सतीश कौशिक ने. उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल है ही, बताने की ज़रूरत नहीं है. यहां भी उन्होंने उसी का मुज़ाहिरा पेश किया है.

अब ज़रा लिखाई पर बात कर लेते हैं. माने क्या ही लिखा है भाई! "जब तुम्हें सच का पता चलेगा, तो तुम सच सुन नहीं पाओगे." अरे ये मैं नहीं कह रहा, पिक्चर का डायलॉग है. ऐसे भयानक क्रिन्ज डायलॉग्स की इसमें भरमार है. सलमान खान खुद भी लिखते, तो इससे अच्छी स्क्रिप्ट लिखते. वन्दे मातरम लिखने वाले बंकिम चन्द्र चटर्जी इस फ़िल्म को देखने के बाद कहते, "ये धरती रहने के लायक़ नहीं बची है". बात-बात पर फ़िल्म में सुनने को मिलेगा: 'इंसानियत में है दम, वन्दे मातरम' 'ऊपर वाले में है बड़ा दम, वन्दे मातरम'. माने क्यों भाई, हम पर करिए थोड़ा रहम, वन्दे मातरम.

एक और अजीब तरह की लिखाई-डायरेक्शन का नमूना पेश कर देता हूं. एक जगह वेंकटेश के लिए सलमान कहते हैं: "इनके लिए तो हम अपनी जान भी दे देंगे, खुशी-खुशी." पहले सलमान कहते हैं खुशी-खुशी." फिर राघव, सिद्धार्थ और जस्सी बारी-बारी से कहते हैं: खुशी-खुशी… अरे भाई इतना ही शौक़ था खुशी-खुशी बुलवाने का, तो सबसे एक साथ ही बुलवा देते. एक बन्दा ज़मीन पर बेहोश पड़ा है. उसे जोश दिलाने के लिए सब एक साथ सीटी बजाने लगते हैं. वो उठता है, गुंडों को पीटने लगता है और पीछे से लोग सीटियों का कोरस दे रहे होते हैं. इस बात का कोई सेंस है? फरहाद सामजी को ज़रूर लगा होगा.

सलमान खान को अब समझना होगा कि ज़माना बदल गया है. सिर्फ़ अपनी शर्ट उतारकर बॉडी दिखाने से पिक्चर अच्छी नहीं हो जाएगी. ये 2023 है, इसमें 1985 की फ़िल्म बनाने का क्या तुक बनता है? एक लड़की से प्यार हो गया. फिर उसके परिवार को बचाने पहुंच गए. अकेला आदमी दर्जनों मुस्टंडों का भुर्ता बना दे रहा है. ये सैकड़ों दफ़े हमने बॉलीवुड में देखा है. सिर्फ़ सलमान के एक्शन के दम पर पिक्चर चलानी है, तो कैसे चलेगी? कुछ दिन पहले बॉलीवुड लाइफ ने एक ख़बर छापी थी. इसमें बताया गया था कि अक्षय कुमार फैन्स ने एक ओपन लेटर लिखकर, 'हेराफेरी 3' से फरहाद सामजी को हटाने की गुज़ारिश की थी. 'किसी का भाई किसी की जान' देखकर लगता है कि ठीक ही गुज़ारिश थी.

इस फ़िल्म को देखने के बाद 'सच्चे' सलमान खान फैन्स भी निराश होंगे. आप भी अपना सिर धुनना चाहते हैं, तो जाइए सिनेमाघर और पिक्चर देख डालिए. पर मेरा तो मानना है, थोड़ा दर्शकों पर अत्याचार करिए कम, वन्दे मातरम.

वीडियो: सलमान खान की वो अंडररेटेड फिल्में जिनके बारे में ज़्यादा बात नहीं होती