विशाल भारद्वाज की फिल्मोग्राफी में 'पटाखा', 'मकबूल', 'हैदर' और 'सात खून जैसी' कमाल की फिल्में हैं. साथ ही उनकी फिल्मों की बात हो और 'ओमकारा' का नाम ना लिया जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता. वो फिल्म, जिसे विशाल के कुछ मास्टरपीस फिल्मों में गिना जाता है. वो फिल्म, जिसके हर एक किरदार, हर एक डायलॉग और हर एक गाने को भयंकर पॉपुलैरिटी मिली. इसी फिल्म में सैफ अली के किरदार 'लंगड़ा त्यागी' पर विशाल ने बात की है.
शहरी कूल ड्यूड के रोल करने वाले सैफ अली खान को 'ओमकारा' के लंगड़ा त्यागी का रोल कैसे मिला?
लंगड़ा त्यागी के किरदार ने सैफ का करियर पलट दिया. वो इससे पहले ज़्यादातर अर्बन कूल ड्यूड वाले किरदार किया करते थे. लंगड़ा त्यागी ने उन्हें एक समर्थ अभिनेता के तौर पर स्थापित किया.

विशाल भारद्वाज पिछले दिनों अपनी फिल्म 'खुफिया' के प्रमोशन के लिए दी लल्लनटॉप आए थे. हमारे खास प्रोग्राम
''मेरी ज़िंदगी में मेरा एक उसूल है और वो उसूल भी ऐसे बना कि अगर मैं क्रिकेटर होकर म्यूज़िक कम्पोज़र बन सकता हूं, डायरेक्टर बन सकता हूं और शेक्सपीयर पर अथॉरिटी बन सकता हूं बिना पढ़ा लिखा हुए, तो कोई कुछ भी कर सकता है. अगर पैशन है तो. इस उसूल से ही मैं चलता हूं.''
विशाल ने कहा,
''मैंने सैफ की परफॉर्मेंस 'दिल चाहता है' में देखी थी. सैफ जो उस फिल्म से पहले थे, वो पर्दे पर देखे नहीं जाते थे. ना ही उनकी आवाज़ सुनी जाती थी. आवाज़ भी इतनी फेमिनिन लगती थी सैफ की, तो सैफ ने अपने ऊपर बहुत काम किया. 'दिल चाहता है' के अंदर जब मैंने उन्हें देखा, तो मुझे लगा कि इस बंदे के अंदर बहुत फायर है और इनके साथ कुछ अलग करके देखना चाहिए.''
विशाल आगे जोड़ते हैं,
''जब मैं सैफ से मिला तो उनसे बातचीत करके मुझे एहसास हुआ कि इस आदमी के अंदर वो माद्दा है कि ये इस 'लंगड़ा त्यागी' के पार्ट को निभा लेंगे. वो भी रिस्क लेने के लिए तैयार थे. तो बस ये किरदार ऐसे बन गया.''
खैर, लंगड़ा त्यागी के किरदार ने सैफ का करियर पलट दिया. वो इससे पहले ज़्यादातर चॉकलेट बॉय वाले किरदार किया करते थे. पर लंगड़ा त्यागी ने उन्हें एक समर्थ अभिनेता के तौर पर स्थापित किया. उस समय सैफ अपनी लवर बॉय वाली इमेज तोड़ना चाहते थे. इन सबके बीच एक और शख्स था, जो इस रोल के लिए डेस्परेट था. वो थे आमिर खान. दरअसल ओथेल्लो को अडॉप्ट करने का आइडिया विशाल को आमिर ने ही दिया था. इसलिए आमिर भी ये रोल करना चाहते थे. पर ये हो न सका.