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"एक पागल है शाहरुख खान, जो ये रोल करेगा", सलमान-अक्षय की छोड़ी फिल्म से शाहरुख ऐसे बने स्टार

Shahrukh Khan ने आधी कहानी सुनते ही इस फिल्म के लिए हां कर दी थी, जिसने उन्हें स्टार बनाया. मगर उन्होंने मेकर्स के सामने एक शर्त रखी थी.

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कोई भी एक्टर नेगेटिव रोल करके अपनी 'हीरो' वाली इमेज को खराब नहीं करना चाहता था.

1993 में एक फिल्म आई Baazigar. इस फिल्म को करने से देश के तमाम स्टार्स इन्कार कर चुके थे. इसमें Salman Khan, Akshay Kumar और Anil Kapoor जैसे नाम शामिल थे. तब ये फिल्म पहुंची Shahrukh Khan नाम के एक ‘पागल’ एक्टर के पास. जो फट से इस फिल्म में काम करने को तैयार गए. आज शाहरुख खान देश के सबसे बड़े सुपरस्टार हैं. मगर उन्हें आज भी ‘बाज़ीगर’ में किए उस नेगेटिव रोल के लिए याद किया जाता है. हाल ही में फिल्म के राइटर रॉबिन भट्ट ने ‘बाज़ीगर’ की मेकिंग और कास्टिंग पर बात की है.   

‘बाज़ीगर’ के राइटर रॉबिन भट्ट ने फ्राइडे टॉकीज नाम के यूट्यूब चैनल को इंटरव्यू दिया. इसमें उन्होंने इस फिल्म की मेकिंग पर विस्तार से बात की. रॉबिन, फिल्ममेकर महेश भट्ट के सौतेले भाई हैं. उन्होंने बताया कि डायरेक्टर अब्बास-मुस्तन इस फिल्म को लेकर पहले सलमान और अक्षय के पास गए थे. रॉबिन ने कहा,

"बाजीगर में एक दिक्कत थी कि हीरो ही विलन है और विलन ही आपका हीरो भी. हमने फिल्म लिखी लेकिन परेशानी ये आई कि रोल कौन प्ले करेगा? अब्बास-मुस्तन ने पहले अक्षय कुमार के साथ काम किया था. लेकिन उन्होंने (अक्षय) काम करने से मना कर दिया. फिर मैंने सलीम खान साहब को कहा कि मैंने एक फिल्म लिखी है और मुझे उसमें सलमान चाहिए. उन्होंने मुझे कहा कि सलमान क्यों ये फिल्म करेंगे?"

दरअसल ‘बाजीगर’ तब बन रही फिल्मों से अलग थी. क्योंकि इस फिल्म का हीरो ही विलन था. इस फिल्म ने उस धारणा को तोड़ा कि हिन्दी फिल्म का हीरो किसी की जान नहीं ले सकता. अक्षय कुमार ने इसी नेगेटिव एंगल को देखकर फिल्म करने से मना कर दिया था. सलमान भी उस वक्त राजश्री बैनर की फैमिली ड्रामा फिल्मों में बिजी थे. इसलिए उनकी छवि को ध्यान में रखते हुए पिता सलीम खान ने उनकी तरफ से भी इसके लिए ना कह दिया. खास बात ये है कि इस बीच 'बाजीगर' अनिल कपूर को भी ऑफर की गई थी. मगर फिल्म का रिस्की सब्जेक्ट देखकर उन्होंने भी अपने हाथ खड़े कर दिए.

रॉबिन बताते हैं कि सबने ही इस रोल को करने से मना कर दिया था. ऐसे में उन्होंने मेकर्स को शाहरुख का नाम सुझाया. रॉबिन के अनुसार,

"सभी ने ये रोल करने से मना कर दिया था. फिर मैंने कहा कि एक पागल है शाहरुख खान, जो ये रोल कर सकता है. शाहरुख के साथ मेरा ऐसा होता था कि वो मुझसे कई बार मिलने आया करते थे. जब वो बात करते थे, तब मुझे लगता था कि ये कुछ अलग हैं. इनकी सोच थोड़ी अलग है. तब मैंने उन्हें बुलाया और बाजीगर की कहानी सुनाई. उन्होंने मुझे इंटरवल पर रोककर कहा कि सर मैं ये फिल्म कर रहा हूं. मैंने उन्हें सावधान किया कि पहले पूरी कहानी सुन लो. लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं, मैं समझ गया हूं. मैं ये फिल्म करना चाहता हूं. मैं डायरेक्टर से मिलना चाहता हूं."

शाहरुख ने भले पूरी कहानी सुने बिना ‘बाज़ीगर’ के लिए हां कर दी. मगर फिल्म करने से पहले उन्होंने एक शर्त रखी. रॉबिन बताते हैं,

"वो (शाहरुख) मेकर्स से मिले. उन्होंने उनके सामने एक शर्त रखी कि जैसा ये किरदार आपने लिखा है, अगर वो वैसा ही रहेगा तभी मैं ये फिल्म करूंगा. आप इसकी स्क्रिप्ट में कोई बदलाव नहीं करेंगे. किरदार को और बुरा नहीं बनाएंगे या उसे सही ठहराने की भी कोशिश नहीं करेंगे. अगर ये रिस्क आप लेंगे, तभी मैं फिल्म में काम करूंगा."

शाहरुख की ये शर्त मानी गई. अब्बास-मस्तुन के डायरेक्शन में 'बाजीगर' बनी और ब्लॉकबस्टर साबित हुई. फिल्म में शाहरुख के अलावा काजोल और शिल्पा शेट्टी जैसे सितारे भी मौजूद थे. ये 1953 में आई Ira Levin की नॉवेल A Kiss Before Dying पर आधारित थी. फिल्म में शाहरुख ने अजय शर्मा नाम के लड़के का रोल किया था, जो मदन चोपड़ा नाम के बिज़नेसमैन से अपने पिता की मौत का बदला लेता है. रिवेंज थ्रिलर फिल्म. खास बात ये है कि शाहरुख इस फिल्म के हीरो और विलन दोनों हैं. इससे पहले तक वो चॉकलेटी हीरो के रूप में पॉपुलर होने लगे थे. मगर 'बाजीगर' ने उनके नेगेटिव अवतार को भी दुनिया के सामने रखा. दर्शकों ने भी उनके काम को खूब पसंद किया. इतना कि आजतक इस रोल को शाहरुख के सबसे बेहतरीन कामों में से गिना जाता है. 

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