अगर आज दादा ध्यानचंद होते और हॉकी का मैच देखने आते तो उन्हें शायद ही यकीन होता कि ये वही हॉकी है जिसके हम कभी चैंपियन थे. हम-आप जैसे साधारण लोगों की तो बात ही छोड़ दीजिए. हॉकी के नियमों में जितनी बार परिवर्तन हुए उतनी बार किसी भी खेल के साथ छेड़खानी नहीं हुई. फुटबॉल में एक्स्ट्रा टाइम में गोल होते ही मैच खत्म होने के गोल्डन गोल का नियम था, इसे बदलकर सिर्फ इतना हुआ है कि एक्स्ट्रा टाइम में 15-15 मिनट के दो हाफ होने लगे हैं. बाकी फुटबॉल वैसी की वैसी है और शायद इसी वजह से दुनिया में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. लगातार सर्जरी करने से मरीज़ की सेहत गड़बड़ा जाती है. हॉकी के साथ भी कुछ-कुछ ऐसा ही हुआ है. देखने वालों को पता ही नहीं चलता कि अंपायर ने सीटी क्यों बजा दी ?
भैय्या ये पेनल्टी कॉर्नर क्या होता है !
हॉकी के वो कायदे जो समझने ज़रूरी हैं
35-35 मिनट के दो हाफ की जगह अब 15-15 मिनट के चार पव्वे यानी क्वार्टर होते हैं. ये कायदा लाने वालों का कहना है इससे खेल में क्रिकेट की तरह ज्यादा विज्ञापनों का अवकाश मिलेगा, हॉकी में पैसा आएगा. खैर, अगर आप जसदेव सिंह की कॉमेंट्री सुनकर बड़े हुए हैं और बीच में हॉकी देखने का मौका नहीं मिला या नई पीढ़ी के नौजवान हैं तो यहां पढ़िए हॉकी में सीटी कब-कब बजती है? भारत में 2-2 हॉकी वर्ल्ड कप होने जा रहे हैं. इस साल जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप है और फिर 2018 में वर्ल्ड कप, हॉकी में भारत बहुत सारे मैच खेलने जा रहा है, तो ये सब जानकर मैच देखने में ज्यादा मज़ा आएगा और ये मानकर चलिएगा कि नेशनल हॉकी स्टेडियम में हम आपके साथ हॉकी खेल रहे हैं...
1, स्टिक चेक
स्टिक पर स्टीक रखकर किसी को रोकने की कोशिश स्टिक चेक
तेरी स्टिक पर मेरी स्टिक यानि हम शॉट ले रहे हैं और आपने हमारी हॉकी स्टिक पर अपनी स्टिक अड़ा दी तो ये कहलाएगा स्टिक चेक फाउल. दंडस्वरूप हमें फ्री हिट मिलेगा. मतलब हम आज़ाद होकर हिट लेंगे और कोई भी खिलाड़ी 5 मीटर के दायरे में खूचड़ करने के लिए नहीं होगा.
2.कैरीड
कैरीड माने आप गेंद को ढोने लगे. अगर गेंद आपके पांव से टकरा जाए, जूते से लग जाए तो वो कैरीड फाउल कहलाएगा. अंपायर सीटी बजाएगा और हमें फ्री हिट मिलेगा.
3.हाई बैक लिफ्ट
हॉकी में आप क्रिकेट की तरह सहार कर नहीं मार सकते. अगर खींचकर मारने की कोशिश में आपने हॉकी स्टिक को धोनी के हेलीकॉप्टर शॉट की मुद्रा में उठा लिया तो ये हो गया हाई बैक लिफ्ट. अंपायर की सीटी और हमें फ्री हिट. इसका सीधा सा नियम है. अगर आपके 5 मीटर के दायरे में कोई और खिलाड़ी है तो आप 18 इंच से ज्यादा स्टिक नहीं उठा सकते. आप ही बताइए अगर 4-5 खिलाड़ी गेंद पर टूटे हुए हों और हेलीकॉप्टर की तरह शॉट घूमाने लगें तो लट्ठम-लट्ठ सिर फुटव्व्ल नहीं हो जाएगी क्या ? इसीलिए आपने देखा होगा हॉकी के खिलाड़ी झुककर खेलते हैं और इसीलिए हॉकी ज्यादा मेहनत और फिटनेस का खेल है. स्टिक को नीचे रखना पड़ता है, झुके-झुके कमर टूट जाती है.
18 इंच से ज़्यादा उठी हुई गेंद पर कई खिलाड़ी टूट पड़ें तो फाउल
4.रेज्ड बॉल
उठी हुई गेंद खतरे की घंटी होती है. हॉकी की गेंद क्रिकेट जैसी ही सख्त होती है लेकिन हॉकी में सभी खिलाड़ी हैलमेट तो लगा नहीं सकते, इसलिए गेंद हवा में जाए तो सीटी बज जाती है. वो कैसे? मान लीजिए एक लंबे हवाई शॉट को हम रिसीव करने जा रहे हैं, गेंद हवा में है और बीच में ही आप अपनी हॉकी स्टिक ऊपर उठाए हमारे 5 मीटर के दायरे में गेंद छिनने आ गए तो हमें फ्री हिट मिल जाएगी.
5.तो हॉकी में गेंद उठ ही नहीं सकती क्या ?
गेंद उठ सकती है. खूब ऊंचा शॉट लगाया जा सकता है जिसे स्कूप कहते हैं लेकिन इस दौरान ध्यान रखा जाए, शॉट लगाते वक्त और शॉट रिसीव करते वक्त वो किसी खिलाड़ी के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो. मान लीजिए हमारा खिलाड़ी फ्री था, उसके आसपास कोई नहीं था और उसने हमें देखकर लंबा शॉट टांग दिया. लक्ष्य हम थे लेकिन वो शॉट आपकी ओर आ रहा है. अब अगर हम आपको शॉट रिसीव करते वक्त परेशान करने पहुंचेंगे तो हमारे खिलाफ फाउल जाएगा.
6.हॉकी में कैच भी लिया जा सकता है
जी हां, हॉकी में कैच भी लिया जा सकता है. हवाई शॉट को कोई भी खिलाड़ी हाथ से कैच करके तुरंत स्टिक पर रखकर खेलना शुरू कर सकता है. लेकिन तुरंत स्टिक पर गेंद होनी चाहिए. ये नहीं कि कैच करके गेंद को गोल की ओर फेंक दिया और फिर गोल मारने दौड़ पड़े. पतली सी स्टिक पर ज़रूरी नहीं हवा में गेंद चिपक ही पाए, तो खिलाड़ी चोटिल न हो और खेल का प्रवाह भी बना रहे इसलिए ये नियम है. लेकिन इंटरनेशनल स्तर पर मंझे हुए खिलाड़ी कभी-कभार ही हवाई गेंद को कैच करके खेलते हैं.
7.डेंजरस प्ले
हॉकी एक जोखिम भरा खेल है. कुछ-कुछ क्रिकेट जैसा ही, गेंद भी क्रिकेट जैसी होती है. क्रिकेट की गेंद लग जाए तो लील उपड़ आती है लेकिन हॉकी गेंद तो एकदम छप जाती है. हॉकी गेंद में छोटे-छोटे वृत्ताकार गढ्ढे बने रहते हैं, लगती है तो भयंकर दर्द होता है. अगर क्रिकेट के बैटधारियों की तरह सभी स्टिकधारी हैलमेट, पैड, थाई गार्ड लगाकर खेलने लगें तो खेल ही नहीं पाएंगे, खेल एकदम धीमा पड़ जाएगा. इसलिए हॉकी में डेंजरस प्ले का कॉन्सेप्ट है. अंपायर को जहां कहीं भी लगे कि आपका ये शॉट चोट पहुंचा सकता था, वहीं सीटी बज जाती है और हमें फ्री हिट मिल जाती है.
8.पेनल्टी कॉर्नर क्या बला है ?
https://www.youtube.com/watch?v=2qGKLoqPSowहॉकी में 40 फीसदी से ज्यादा गोल पेनल्टी कॉर्नर से होते हैं. अगर हम आपके गोलमुख के सामने बने अर्धवृत्त में हैं और वहां आपने ऊपर दिए गए किसी भी फाउल में से कोई भी एक कर दिया तो हमें पेनल्टी कॉर्नर मिल जाएगा. पेनल्टी कॉर्नर का मतलब है आपके गोलची समेत सिर्फ 5 खिलाड़ी गोल को रोकने के लिए खड़े होंगे, बाकी 6 खिलाड़ी आपके पाले में ही नहीं रह सकते. हमारा एक खिलाड़ी गोल के 10 गज दाईं या बाईं (जो भी हमें पसंद हो) तरफ से गेंद को पुश करेगा. हमारे खिलाड़ी अर्धवृत्त के बाहर गेंद को रोकेंगे और गोल मारेंगे. इस वक्त गोल पर शॉट लेने वाला खिलाड़ी ही ड्रैग फ्लिकर कहलाता है. पेनल्टी कॉर्नर की सीटी बजते ही आपके हाफ लाइन पर खड़े खिलाड़ी भी दौड़ना शुरू कर सकते हैं. हॉकी का एक नियम और है. गोल तभी माना जाता है जब गेंद अर्धवृत्त में किसी खिलाड़ी से टच हुई हो. ये नहीं कि हम एक कोस दूर से फुटबॉल की तरह सीधा गोल कर दें. तो पेनल्टी कॉर्नर में गेंद इस अर्धवृत्त यानी D के बाहर रोकी जाती है घसीट कर, ड्रैग करके D के अंदर लाई जाती है और गोल किया जाता है.
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9.पेनल्टी कॉर्नर कैसे बनाते हैं ?
D के अंदर स्ट्राइकर टांग पर गेंद मारकर पेनल्टी कॉर्नर बनाते हैं
अगर D के अंदर आप खुद ही फाउल कर दें तो आपका बहुत-बहुत धन्यवाद लेकिन न भी करें तो पेनल्टी कॉर्नर मैन्यूफेक्चर किया जा सकता है. D के अंदर अगर हमने जान-बूझकर अपनी हॉकी से गेंद आपके पांव से टच करा दी तो भी पेनल्टी कॉर्नर दिया जाता है. कुछ खिलाड़ी इस कला के माहिर होते हैं तो कई डिफेंडर D के अंदर ऐसे अपनी टांग बचा ले जाते हैं मानो उनकी टांग थी ही नहीं ! टांग पर गेंद टच करने ही नहीं देते.
10.एक तरीका और है पेनल्टी कॉर्नर का
हॉकी का खेल 60 गज चौड़े और 100 गज लंबे मैदान पर होता है. 100 गज की लंबाई को 25-25 गज के 4 भागों में बांटा जाता है. तो अगर हम आपके गोल के पास वाले 25 गज में हैं और आपने हमें पहलवान समझ कर पटक दिया तो ये भीषण फाउल है. आपको कार्ड दिखाया जाएगा और हमें पेनल्टी कॉर्नर मिलेगा. हॉकी कार्ड के मामलों में सबसे अच्छा खेल है. इसमें तीन कार्ड होते हैं - पीला कार्ड छोटी गलती, फाउल करने वाले को 2 मिनट बाहर बैठाओ. हरा कार्ड, मध्यम गलती, 5 मिनट का सस्पेंशन और फिर लाल कार्ड भयंकर भूल, ये भूल करने वाला पूरे मैच के लिए निलंबित होता है. इसके अलावा अगर गेंद गोल बचाते वक्त गोलची के पैड या दस्तानों में फंस जाए, गोता लगाकर बचाते वक्त गोलची के नीचे फंसी रह जाए तो भी पेनल्टी कॉर्नर दिया जाता है.
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12. और आखिर में पेनल्टी स्ट्रोक
D के अंदर हम ऐसा शॉट ले रहे थे कि निश्चित गोल होना था और आपने फाउल करके गोल बचा लिया. तो अंपायर पेनल्टी स्ट्रोक दे देगा, मतलब गोलमुख के सामने हम सिर्फ 7 गज से शॉट लेंगे और उसे बचाने के लिए खड़ा होगा सिर्फ आपका गोलची. D के अंदर बड़ा फाउल करने पर भी पेनल्टी स्ट्रोक दे दिया जाता है.
13. पर पेनल्टी कॉर्नर पर तो बहुत तेज़ और ऊंचा शॉट मारते हैं, वो खतरनाक नहीं होता क्या ?
श्रीजेश जहां बैठे हुए हैं उसे गोल बोर्ड कहते हैं और ये 18 इंच का होता है
गोल के अंदर आपने देखा होगा, नीचे-नीचे 18 इंच पर बोर्ड लगा रहता है जिसे गोल बोर्ड कहते हैं, ऊपर नेट रहता है. गोल बोर्ड की हाईट पर आप कैसा भी शॉट लगा सकते हैं. इससे ऊंचा गोल स्कोरिंग शॉट अगर खतरनाक नहीं है तो लगा सकते हैं. खतरनाक शॉट का मतलब वो शॉट किसी खिलाड़ी को चोटिल करने वाला न हो, बस. पेनल्टी कॉर्नर पर ऐसे ही शॉट चलते हैं.
तो बस इतनी सी कहानी है हॉकी की. उम्मीद है ये पढ़ने के बाद हॉकी देखने में मज़ा आएगा और आप पूरा दिल दे पाएंगे हॉकी को...कोई शंका या सवाल है तो कॉमेंट बॉक्स में लिख दीजिए.
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