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गुलशन देवैया ने बता दिया कि वो विवेक अग्निहोत्री को 'गुड सर' कहकर ट्रोल क्यों करते हैं

गुलशन देवैया का कहना है कि विवेक अग्निहोत्री की टेक्नीक से असहमति है, इसलिए वो उन्हें ट्रोल करने लगे.

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गुलशन ने विवेक की फिल्म 'हेट स्टोरी' में काम किया है

गुलशन देवैया ने विवेक अग्निहोत्री के साथ 'हेट स्टोरी' में काम किया. उनकी ही सलाह पर भंसाली की फिल्म 'रामलीला' की. लेकिन अब दोनों में मतभेद रहते हैं. गुलशन अक्सर विवेक को गुड सर कहते हुए ट्विटर पर ट्रोल करते रहते हैं. इस पर उनसे लल्लनटॉप इंटरव्यू में सवाल पूछा गया, तो उनका कहना था कि उन्हें विवेक की बातों से नहीं, उनकी टेक्नीक से दिक्कत है. सब विस्तार से बताते हैं. पर इससे भी ज़्यादा विस्तार से जानना है, तो ये वाला इंटरव्यू देख डालिए.

दरसल इंटरव्यू के दौरान गुलशन ने बताया कि उनके कुछ दोस्त थे, जिनसे वो सलाह लिया करते थे. इनमें विवेक अग्निहोत्री भी शामिल थे. इनके कहने पर ही 'रामलीला' की. सौरभ द्विवेदी ने इस पर गुलशन से पूछ लिया, अब ऐसा क्या हुआ कि दोस्त नहीं हैं. इस पर गुलशन का जवाब था:

हम दोस्त तो नहीं थे. लेकिन साथ में काम किया था, 'हेटस्टोरी' में. हमने साथ में बहुत समय बिताया. मुझे बहुत मज़ा आया काम करके उनके साथ. उन्होंने मेरा बहुत ध्यान रखा. वो बहुत पिच्डअप कमर्शियल सेंसिबिलिटी की फिल्म थी. इसका अनुभव मेरे पास नहीं था. मुझे उन्होंने ये करने दिया. यही बड़ी बात है.

उन्होंने आगे कहा:

फिल्म के दौरान हम बैठकर बहुत बातें करते थे. मैं उनको तब से जानता हूं. उनको बातें करना, डिबेट करना, चीज़ों को लेकर अपनी टिप्पणी देना बहुत पसंद था. सही था उनके साथ. बाद में कुछ चीज़ों को लेकर लगा कि मै उनसे सहमत नहीं हूं. बातों से इतना नहीं, उनकी टेक्नीक से मुझे ज़्यादा असहमति रही. तो मुझे लगा कुछ करना चाहिए, इसलिए मैं ट्रोल बन गया.

विवेक को गुलशन व्यंग्य में गुड सर कहते हैं. उनसे पूछा गया कि ये आखिर आया कहां से? इस पर उनका कहना था:

एक बार अनुराग कश्यप और विवेक अग्निहोत्री के बीच ट्विटर पर कुछ चल रहा था. किसी बात पर वाद-विवाद हो रहा था. उस समय मैंने उनको बोला था कि माय डियर गुड सर्स. दरअसल मैं आग पर पानी फेंक रहा था. उधर से गुड सर आया. मेरे लिए दोनों गुड सर हैं.

अब आगे उनसे पूछा गया कि विवेक अग्निहोत्री से उनकी क्या असहमतियां हैं. इस पर गुलशन ने कहा:

ठीक-ठीक कोई पॉइंट याद नहीं. हां, जिस तरह से वो अपनी बात को कहते हैं, वो सही नहीं लगता, असल जिंदगी में. फिल्मों में तो उन्हें पूरा अधिकार है. जैसा वो सिनेमा बनाना चाहें. आपको सहमति और असहमति हो सकती है ये आपका सब्जेक्टिव ओपिनियन है. विवेक ट्विटर से लेकर अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर जिस तरह से अपनी बातों को सामने रखते हैं, उससे लेकर मुझे थोड़ी आपत्ति थी. कहीं-कहीं पर मैं असहज भी था. मैं पहले लोगों से कहता था कि आपको समझ नहीं आ रहा, विवेक लिबरल हैं. लेकिन धीरे-धीरे मुझे पता चला कि मेरी उनसे असहमति है. इसलिए मुझे लगा ये बताना ज़रूरी है कि कोई तो नोटिस कर रहा है कि आप जो बातें कर रहे हैं, वो सिंसियर कतई नहीं हैं.

ऐसी ही और बातें जानने के लिए देख डालिए पूरा इंटरव्यू. 

वीडियो: गुलशन देवैया शाहरुख़ के घर जाने, विवेक अग्निहोत्री की ट्रोलिंग, इरफ़ान पर क्या बोले?