Tiger Shroff की फिल्म Ganapath का टीज़र पहले 28 सितंबर को आने वाला था. फिर उस दिन Animal का टीज़र आ जाने से उसे खिसका दिया गया. 29 सितंबर की सुबह ‘गणपत’ का टीज़र रिलीज़ किया गया. ‘हीरोपंती’ के बाद टाइगर श्रॉफ और कृति सैनन की जोड़ी फिर साथ आई है. इसे ‘क्वीन’ फेम विकास बहल ने बनाया है. फिल्म की कहानी डिस्टोपियन भविष्य में सेट है. साल बताया गया है 2070 AD. डिस्टोपिया वो काल है, जब उम्मीद का हर मुमकिन निशान खत्म हो चुका है. दुनिए अंधेरे में है. कमज़ोर वर्ग का शोषण हो रहा है. कोई एक शख्स या ताकत पुरी दुनिया को चला रही है. ‘गणपत’ में ऐसी ही दुनिया में एक हीरो सबका मसीहा बनकर आता है. ये बताने का कोई पॉइंट नहीं मिलेगा कि वो हीरो कौन है.
'गणपत' टीज़र: 'बागी', 'हीरोपंती' की याद आएगी लेकिन टाइगर बाबा का दोष नहीं
'गणपत' के टीज़र के साथ समस्या है कि ये उत्साह नहीं जगा पाता. टीज़र या ट्रेलर किसी दो मिनट की फिल्म जैसा कटना चाहिए. लेकिन यहां ऐसा नहीं है. टाइगर का एक्शन और उनके डायलॉग 'बागी' टाइप लगते हैं.
बस ये क्लियर नहीं कि उसका भगवान से कोई कनेक्शन है या नहीं. टीज़र में मंदिर की झूलती घंटियां नज़र आती हैं. एंड में बादल में गणेश का आकार बनता दिखता है. हर फिल्म की तरह यहां भी टाइगर के कैरेक्टर को सॉलिड एक्शन करना आता है. यहां वो एक मिक्स्ड मार्शल आर्ट फाइटर बने हैं. देखकर लगता है कि पहले वो लोकल फाइट लड़ता था. फिर बड़े प्लेटफॉर्म पर जाकर लड़ने लगता है. उसके लिए कहा जाता है कि ये लड़ाई तब तक मत लड़ना, जब तक हमारा योद्धा ना आ जाए. बेसिकली टाइगर का कैरेक्टर जुर्म करने वालों के खिलाफ खड़ा है. कृति उसकी मदद करेंगी. उन्हें भी एक्शन करते हुए दिखाया गया. विलेन की पूरी झलक नहीं मिलती. बस घनघोर काले कपड़ों में एक शख्स दिखता है, जिसके पास रोबोट नुमा पालतू जानवर खड़ा है.
इन सभी के बीच है अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर. देखकर लग रहा है कि वो ग्रे होगा. पहले अपने लालच या मतलब के लिए काम करेगा लेकिन आगे चलकर टाइगर की हेल्प करेगा. इतना सब कुछ अमिताभ के एक एक्स्प्रेशन से समझ आता है. ये उनकी काबिलियत है. बाकी ‘गणपत’ टीज़र के साथ मसला ये है कि उसका कोई फ्लो नहीं है. कायदे से टीज़र और ट्रेलर को भी दो मिनट की फिल्म होना चाहिए. इस तरह काटा जाए कि खलल ना महसूस हो. ‘गणपत’ के साथ ऐसा नहीं. आलीशान मॉडर्न बिल्डिंग का शॉट आता है और उसके बाद अचानक से सीन बदल जाता है. एक साथ बहता नहीं दिखता. दूसरी बात टाइगर को पहले की तरह ही पेश किया गया. जब वो कहते हैं कि ‘जब अपनों पर बात आती है, तो अपनी हट जाती है’ तो लगता है कि ‘बागी’ के किसी पार्ट को देख रहे हैं. यहां टाइगर से बड़ा दोष मेकर्स पर जाता है.
‘गणपत’ 20 अक्टूबर 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है. कंगना रनौत की फिल्म ‘तेजस’ भी उसी दिन आ रही है. दोनों की क्लैश का क्या परिणाम निकलेगा ये देखने लायक होगा.
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