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दुनिया के सबसे जबराट किस्सागो के वो किस्से, जो पढ़कर आपका दिन बन जाएगा

आज ही के दिन खलील जिब्रान ने दुनिया से अलविदा कहा था.

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'अगर आप किसी से प्रेम करते हैं तो उसे जाने दें, क्योंकि अगर वो लौटता है तो वो हमेशा से आपका था. अगर नहीं लौटता है, तो वो कभी आपका था ही नहीं.'
फेसबुक वाली हमारी पीढ़ी के हर शख्स ने ऑनलाइन ये बहुत ही प्यारा कोट ज़रूर पढ़ा होगा. रिलेशनशिप के उतार-चढ़ाव में झूलती इस पीढ़ी के लिए ये कोट जख्म पर मरहम जैसा है.

खलील जिब्रान

एक लेखक जिसने प्रेम और दोस्ती के साथ ज़िंदगी के तमाम पहलुओं पर लिखा है. और ऐसा लिखा है कि उनकी हर कहानी, सूक्ति, लघुकथा अपनी से जुड़ी लगती है. खलील दुनिया के हर देश के लोगों को अपने से लगते हैं. वो उस दोस्त की तरह हैं, जो आपकी छोटी सी छोटी बात को बारीकी से समझते हैं और आपकी बेचैनी को दूर करने की भरसक कोशिश करते हैं.
आर्टिस्ट, कवि, लेखक. खलील जिब्रान की ज़िंदगी के बहुत सारे पड़ाव रहे. वो खुद को कभी भी कामयाब नहीं मान पाए. कई तकलीफें थी उनकी ज़िंदगी में. 10 साल की उम्र में ही उनके कंधे पर बड़ा सा पत्थर गिर गया था, जो ताउम्र दुखता रहा. 39 की उम्र तक आते-आते दिल की बीमारी ने घर कर लिया. फिर लिवर कैंसर हो गया. अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल न कर पाने का गम उन्हें सालता रहा. इसने उन्हें दिमागी तौर से बीमार कर दिया. उनके अंदर दबे पड़े ज्वालामुखी ने उन्हें मेंटल हॉस्पिटल पहुंचा दिया.
खलील जिब्रान की मशहूर पेंटिंग. ये उनकी मां का पोट्रेट है. खलील ने इस पेंटिंग के बार में लिखा था,'ये मेरी मां के जुझारूपन का पोट्रेट है.'
खलील जिब्रान की मशहूर पेंटिंग. ये उनकी मां है.
खलील ने इस पेंटिंग के बार में लिखा था, 'ये मेरी मां के जुझारूपन का पोट्रेट है.'

खलील का अधूरा प्रेम:
खलील की जिंदगी में 3 औरतें आईं. जोसफीन, मेरी, जे मैदा. खलील की जहनियत पर सबने बराबर असर डाला. खलील मानते थे कि वो जो भी हैं, उनमें तीनों का सबसे बड़ा योगदान है. लेकिन खलील किसी भी एक के साथ ताउम्र सुकून से नहीं रह पाए.
जोसफीन ने उनके अंदर के चित्रकार को उकेरा. मेरी ने उनके प्रेम को लिटरेचर के रूप में साकार करने में अपना सब कुछ लगा दिया. जे मैदा ने उनमें कहीं छुपी बौद्धिकता को शब्दों का पुट दिया.
खलील कहते हैं,
'मैं तुमसे प्रेम करता हूं. जब तुम अपनी मस्जिद में झुकते हो, अपने मंदिर में घुटने टेकते हो, अपने गिरजाघर में प्रार्थना करते हो. क्योंकि तुम और मैं एक ही धर्म की संतान हैं और यही भावना है.'
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खलील जिब्रान की एक और पेंटिंग

खलील की पांच लघु-कहानियां:

# लोमड़ी सूर्योदय के समय अपनी परछाईं देखकर लोमड़ी ने कहा, 'आज मैं दोपहर के खाने में ऊंट खाऊंगी.' सुबह का सारा समय उसने ऊंट की तलाश में गुजार दिया. फिर दोपहर को अपनी परछाईं देखकर उसने कहा, 'एक चूहा ही काफी होगा.'
# ताकि शांति बनी रहे पूनम का चांद शान के साथ शहर के आकाश में प्रकट हुआ. शहर भर के कुत्तों ने उस पर भौंकना शुरू कर दिया. केवल एक कुत्ता नहीं भौंका. उसने गंभीर आवाज में अपने साथियों से कहा, 'शांति भंग मत करो, भौंक-भौंक कर चांद को धरती पर मत लाओ.' सभी कुत्तों ने भौंकना बंद कर दिया. नीरव सन्नाटा पसर गया. लेकिन उन्हें चुप कराने वाला कुत्ता रात भर भौंकता रहा, ताकि शांति बनी रहे.
# मोती
एक बार एक सीप ने अपने पास पड़ी हुई दूसरी सीप से कहा कि मुझे अंदर ही अंदर बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है. दर्द ने मुझे चारों ओर से घेर रखा है. मैं बहुत कष्ट में हूं. दूसरी सीप ने घमंड में कहा, 'शुक्र है! भगवान का और इस समुद्र का. मेरे अंदर ऐसी कोई पीड़ा नहीं है. मैं अंदर और बाहर सब तरह से स्वस्थ और संपूर्ण हूं.
उसी समय वहां से एक केकड़ा गुजर रहा था. उसने इन दोनों सीपों की बातचीत सुनी. और दूसरी सीप से बोला, 'हां, तुम स्वस्थ और संपूर्ण हो. लेकिन तुम्हारी पड़ोसन जिस वजह से पीड़ा सह रही है, वो एक नायाब मोती है.'
# जेल जब भी किसी आदमी को जेल जाते देखो, अपने दिल पर हाथ रखो और बोलो, 'जरूर यह एक संकरी जेल छोड़कर जा रहा है.' और जब भी किसी आदमी को नशे में देखो तो अपने दिल पर हाथ रखकर बोलो, 'जरूर यह आदमी ऐसी चीज से भाग रहा है जो अभी भी बदसूरत है.'
# पहचान शुक्र मनाओ कि तुम्हें अपने बाप या अपने चाचा की दौलत की वजह से नहीं जाना जाता. लेकिन इससे भी बड़ी बात ये है कि कोई दूसरा भी तुम्हारे नाम या दौलत की वजह से न जाना जाए.


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