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स्वरा भास्कर के प्रेग्नेंट होने की झूठी खबरें कौन लोग और क्यों फैला रहे हैं?

एक मीडिया पोर्टल के हवाले से खबर फैलाई गई कि स्वरा भास्कर प्रेग्नेंट हैं, पोर्टल ने खुद ट्वीट कर उस खबर का खंडन किया.

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स्वरा भास्कर से संबंधित फेक न्यूज़ का स्क्रीनशॉट. दूसरी तरफ एक मौके पर स्वरा भास्कर.

एक मीडिया पोर्टल है. उनके हवाले से Swara Bhaskar से जुड़ी एक खबर चलाई गई. इसमें लिखा गया-

''स्वरा भास्कर हुई प्रेग्नेंट, शौहर फवाद अहमद ने किया कंफर्म. जुलाई में हो सकती है डिलीवरी, इस मशहूर हीरोइन ने फरवरी में ही किया था अपने से 8 साल छोटे फवाद से निकाह.''

जिस पोर्टल के नाम पर ये खबर चलाई जा रही थी, उन्होंने इसका स्क्रीनशॉट शेयर किया. साथ में लिखा-

''फेक न्यूज़ अलर्ट

ऐक्ट्रेस स्वरा भास्कर से संबंधित ये फे़क ट्वीट सोशल मीडिया पर न्यूज़ 24 के नाम से शेयर हो रहा है.

ये पूरी तरह फ़ेक है, ऐसा कोई ट्वीट न्यूज़24 ने नहीं किया है.''

ये स्क्रीनशॉट कुछ ज़रूरी सवाल खड़े करता है.

* किसी एक्टर का प्रेग्नेंट होना खबर क्यों हैं? 
* इस स्क्रीनशॉट में लिखी बातों के मायने क्या हैं? 
* इसे कौन लोग और क्यों फैला रहे हैं?

अव्वल तो ये मीडिया की साख पर सवालिया निशान लगाता है. क्योंकि आए दिन एक्टर्स और उनके निजी जीवन से जुड़ी तमाम खबरें मीडिया चलाती है. कभी किसी के प्रेग्नेंट होने की खबर चल जाती है. कभी उनके रिलेशनशिप की बात होती है. कभी वार्डरोब मैलफंक्शन को चर्चा का विषय बना दिया जाता है. एक्टर्स/सेलेब्रिटी लोग पब्लिक फिगर होते हैं. पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं. उनके काम पर बात होनी चाहिए. उनकी फिल्में समाज को कैसे प्रभावित कर रही हैं, उस पर विमर्श किया करिए. उन्होंने क्या पहना, किसने साथ घूमने गए और कब प्रेग्नेंट हुए, ये उनकी ज़ाती मसला है.  

स्वरा भास्कर से संबंधित जिस फर्जी खबर का स्क्रीनशॉट चल रहा है, उसके मायने क्या हैं. स्वरा भास्कर प्रेग्नेंट हैं, ये उस खबर की सबसे कम ज़रूरी बात है. क्योंकि अगली ही लाइन में ये बताया जाता है कि उन्होंने फरवरी में शादी की थी. जुलाई में उनकी डिलीवरी होनी है. यानी शादी के सिर्फ 6 महीने के भीतर वो मां कैसे बन सकती हैं. उसके लिए तो 9 महीने का समय लगता है. अगर ये सवाल साइंस की तरफ से पूछा जाता, तो इस पर कुछ बात हो सकती थी. मगर ये बात समाज, संस्कृति और सभ्यता के रखवालों की तरफ से आई है. ये नैतिक शिक्षा पर भाषण है. अपने देश की एक बड़ी आबादी शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने को सही नहीं मानती.  

देख रहे हैं? धीरे-धीरे मामला सोशल से पॉलिटिकल हो रहा है. जब ये खबर उन लोगों तक पहुंचेगी, जो इसे सही मानते, तो वो स्वरा भास्कर को गलत मानकर खारिज कर देंगे. हमारे यहां एक सिस्टम है. यहां हम इंसान की ज़िंदगी के किसी हिस्से के आधार पर उन्हें पूरी तरह खारिज कर देते हैं. स्वरा भास्कर ने शादी से पहले सेक्स किया, ये देश की आम जनता को स्वरा के खिलाफ खड़ा कर देगा. उन्हें एक ऐसी महिला के तौर पर स्थापित कर देगा, जो सामाजिक व्यवस्था को नहीं मानतीं. इसके बाद स्वरा क्या कहती हैं, क्या करती हैं, उनका पेशा क्या है, उनकी विचारधारा क्या है, इससे उस तबके को कोई फर्क नहीं पड़ता.

स्वरा भास्कर सोशल मीडिया पर काफी मुखर हैं. वो जिनके खिलाफ बोलती हैं, उन्हें चुभती हैं. आज कल लोगों को देशद्रोही साबित करके किनारे लगाने का फैशन चल रहा है. उन्हें डिस्क्रेडिट करने की कोशिश की जाती है.

ये कौन लोग करते हैं? आज कल आधी से ज़्यादा लड़ाइयां सोशल मीडिया पर लड़ी जाती हैं. हर राजनीतिक पार्टी की एक सोशल मीडिया टीम होती है, जिसे बोलचाल की भाषा में IT सेल बुलाया जाता है. अब हर बात कहकर समझाई जाए, ये ज़रूरी तो नहीं. टेलीग्राम को चिट्ठी समझिए.  

मसलन, इन दिनों रेसलर्स प्रोटेस्ट कर रहे हैं. पुलिस ने उन्हें पीछे हटाने के लिए बल का प्रयोग किया. तस्वीरों से सोशल मीडिया पट गया. आम जनता को लगा कि जो लोग देश के मेडल्स जीत कर लाए, उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं होना चाहिए. अभी पब्लिक इसी उधेड़बुन में थी कि सोशल मीडिया पर उन पहलवानों की हंसती हुई तस्वीर जारी हो जाती है. कहा जाता है कि जो पहलवान अब तक फाइट मार रहे थे, वो हंस रहे हैं. ये सब उनकी साज़िश है. सरकार को बदनाम करने की. जबकि है इसके उलट. पता चला कि इन पहलवानों की उदास तस्वीर को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से हंसती हुई तस्वीर में तब्दील कर दिया गया था. अब आप यहां खुद सोचिए कि यहां किसने किसे बदनाम करने की साज़िश की?

तकरीबन ठीक वही चीज़ स्वरा भास्कर के साथ हो रही है. आम जनता को उनके खिलाफ करने की कोशिश की जा रही है. ताकि उन्हें गंभीरता से न लिया जाए. उन्हें सामाजिक रूप से बहिष्कृत किया जाए. बाकी आप सब समझदार हैं ही. 

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