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डॉक्टर जी: अनुराग कश्यप की बहन ऐसी सोशल कॉमेडी ला रहीं, जो दिमाग के पट खोल देगी

आयुष्मान खुराना बने हैं एक मेडिकल स्टूडेंट. पड़ा है जो एक धर्मसंकट में. पुरुषार्थ, डॉक्टर का कर्तव्य जैसी बातों के असली मायने समझाने हैं बस उसको.

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आयुष्मान की ये फिल्म एक ज़रूरी मुद्दे पर बात करना चाहती है. पुरुष होने का असली अर्थ समझना चाहती है.

आयुष्मान खुराना की फिल्म ‘डॉक्टर जी’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ है. आयुष्मान की पिछली कुछ रिलीज़ेस की तरह ये भी एक सोशल कॉमेडी है. जहां आयुष्मान ने उदय गुप्ता नाम के बंदे का रोल किया है. उदय का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हुआ है. बस मसला ये है कि जो ब्रांच उसे चाहिए वो मिल नहीं रही. उदय को गायनोकोलॉजी यानी स्त्री रोग विशेषज्ञ वाली ब्रांच में डाल दिया जाता है. एक पुरुष डॉक्टर महिलाओं के रोगों का इलाज कर रहा है. ये बात उसके लिए और दुनियादारी के लिए भी समझनी मुश्किल हो रही है.

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फिल्म में आयुष्मान एक मेडिकल स्टूडेंट बने हैं. 

हर इंसान महिला और पुरुष से मिलकर बनता है. उसमें दोनों के गुण मौजूद होते हैं. बस समय और समाज की कंडिशनिंग के साथ हम इस बात को भूलते जाते हैं. अपने इन पक्षों से दूर होते जाते हैं. ‘डॉक्टर जी’ खुद के इसी पक्ष से जुड़ने पर बात करना चाहती है. जब आयुष्मान का किरदार उदय समझ नहीं पाता कि क्या करना चाहिए. तब उसकी सीनियर डॉक्टर नंदिनी उसे मेल टच लूज़ करने को कहती है. यानी पुरुषार्थ के नाम पर उसने अब तक जो दकियानूसी बातें सीखी, उन सब को टाटा बाय-बाय कहना. अपने सेंसीटिव साइड से फिर हाथ मिलाना, जो कहीं खो गया है. 

मेल टच और खुद के स्त्री पक्ष से जुड़ाव पर इरफान के बेटे और एक्टर बाबिल का इंस्टाग्राम पोस्ट याद आता है. जब उन्हें मेकअप लगाने के लिए ट्रोल किया गया था. जवाब में बाबिल ने लिखा था,

मुझे लगता है कि हर इंसान एक लौकिक द्वैत से बना है. आप सही मायने में तभी पुरुष बन सकते हैं, जब आप अपने भीतर की स्त्री को पहचानें. जब तक आपको अपने फेमीनिन डाइमेंशन का आभास नहीं, तब तक आप असली पुरुष नहीं हैं.

‘डॉक्टर जी’ इसी सेंसिटिविटी को सेंसिबल तरीके से दिखाना चाहती है. कितना कामयाब होगी, वो फिल्म आने पर ही पता चलेगा. बाकी सीरियस मुद्दे तक पहुंचने के लिए जो कॉमेडी वाला फॉर्मूला है, फिल्म भी उस पर चलती है. ट्रेलर में लगातार पंचेज़ आते रहते हैं जो अपना काम कर देते हैं. कास्ट की बात करें तो डॉक्टर नंदिनी का रोल किया है शेफाली शाह ने. उनके किरदार को देखकर लग रहा है कि वो उदय को वास्तविकता दिखाने वाला होगा. शीबा चड्ढा ने उदय की मां का किरदार निभाया है. जो टिंडर पर प्रोफाइल भी बनाती है और अपने बेटे के गायनो होने पर उसे ताना भी मारती हैं. 

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एक पुरुष डॉक्टर कैसे महिला गुप्तांग की जांच कैसे कर सकता है, फिल्म इसी सोच को पलटने की कोशिश करना चाहती है. 

रकुल प्रीत सिंह फिल्म की फीमेल लीड हैं. वो भी उदय के ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ती हैं. अनुराग कश्यप की बहन और डायरेक्टर अनुभूति कश्यप ने ‘डॉक्टर जी’ बनाई है. उन्होंने ही सुमित सक्सेना, सौरभ भरत और विशाल वाघ के साथ मिलकर फिल्म का स्क्रीनप्ले लिखा है. बतौर डायरेक्टर, ये अनुभूति की पहली फिल्म है. उन्होंने इससे पहले 2020 में आया अमेज़न प्राइम वीडियो का शो ‘अफसोस’ भी डायरेक्ट किया था. गुलशन देवैया को लीड में लेकर बनाया गया ये शो एक ब्लैक कॉमेडी शो था. ब्लैक कॉमेडी यानी ऐसे मुद्दे के इर्द-गिर्द कॉमेडी जिसे आमतौर पर हंसी लायक नहीं माना जाता. जैसे डेथ. अनुराग को ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ पर असिस्ट करने के साथ-साथ उन्होंने ‘मोइ मरजानी’ नाम की एक शॉर्ट फिल्म भी बनाई थी. उसे आप में देख सकते हैं. 

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ट्रेलर के एक सीन में रकुल प्रीत सिंह.  

उनके पिछले प्रोजेक्ट्स टिपिकल कमर्शियल सिनेमा के ढर्रे से बिल्कुल अलग रहे हैं. लेकिन ‘डॉक्टर जी’ सिनेमाघरों पर रिलीज़ होने जा रही है. ऐसे में ऑडियंस को खींचना ज़रूरी होगा. सब्जेक्ट की सेंसिबिलिटी और मास अपील के बीच का बैलेंस फिल्म कैसे बना पाएगी, इसका पता चलेगा 14 अक्टूबर को. जब फिल्म सिनेमाघरों पर रिलीज़ होगी.     

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