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नहीं रहे इस्माइल श्रॉफ, जिन्होंने गोविंद को गोविंदा बनाकर लॉन्च किया था

डायरेक्टर इस्माइल श्रॉफ दुनिया को अलविदा कह गए. भले ही अपने करियर में महज़ 16 फिल्में डायरेक्ट की, पर काम अपने दौर के बड़े स्टार्स के साथ किया.

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गोविंदा को 'लव 86' फ़िल्म से लॉन्च किया था

इस संसार में मृत्यु से बड़ा कोई सत्य नहीं. जीवन क्षणभंगुर है. जो आया है, उसे एक ना एक दिन जाना ही है. इसी शाश्वत नियम का पालन करते हुए डायरेक्टर इस्माइल श्रॉफ दुनिया को अलविदा कह गए. बुधवार की रात मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें क़रीब एक महीने पहले हार्ट अटैक आया था. इसके बाद से ही इस्माइल हॉस्पिटल में भर्ती थे. कुछ रिपोर्ट्स में ये बात भी कही जा रही है कि उन्हें ब्रेन स्ट्रोक आया था. जिसके बाद से ही उनके शरीर का दाहिना हिस्सा काम करना बंद हो गया था.

साउन्ड इंजीनियरिंग करके फ़िल्में बनाने चले आए

इस्माइल श्रॉफ आंध्रप्रदेश के रहने वाले थे. उन्होंने तिरुचिरापल्ली एनआईटी से साउन्ड इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. पर दिलचस्पी फिल्मों में थी. इसलिए डायरेक्टर भीम सिंह को कुछ समय तक असिस्ट किया. हालांकि भीम सिंह ज़्यादातर तमिल सिनेमा में सक्रिय रहे. पर उन्होंने हिंदी फिल्में भी बनाईं. इस्माइल का भी रुझान हिंदी फिल्मों की ओर ज़्यादा था. पहली फ़िल्म बनाई 'अगर…इफ'. इसमें अमोल पालेकर और कादर खान लीड रोल्स में थे. पर ये फ़िल्म चली नहीं. इसके तीन साल बाद आई 'थोड़ी सी बेवफ़ाई'. इसमें उस दौर के सुपरस्टार राजेश खन्ना और शबाना आज़मी लीड रोल में थे. फ़िल्म को दर्शकों ने सराहा. इस्माइल का धंधा जम गया. इसके बाद 1981 में 'बुलंदी' जैसी फ़िल्म भी बनाई. कहते हैं, इस फ़िल्म के बाद ही डैनी का सितारा बुलंद हुआ. उन्हें विलेन के तौर पर जाना जाने लगा. वो इसमें डबल रोल में थे. खैर, ‘बुलंदी’ के बाद से लगातार इक्कीसवीं सदी की शुरुआत तक इस्माइल फिल्में बनाते रहे. उनकी आखिरी फ़िल्म थी, 'थोड़ा तुम बदलो थोड़ा हम'. 

इस्माइल के करियर की दो बड़ी फिल्में

गोविंद को बनाया गोविंदा 

अपने फिल्मी करियर में उन्होंने राजकुमार के साथ चार फिल्में कीं. इसे उनके करियर का बड़ा और महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है. इंडस्ट्री को क़रीब से जानने वाले लोग ये जानते हैं कि राजकुमार के साथ काम कर पाना बहुत कठिन था. वो जैसे स्क्रीन पर रौबीले थे, ठीक वैसे ही असल ज़िंदगी में भी. इसलिए राजकुमार के साथ चार फ़िल्में कर ले जाना बड़ी बात है. उन्होंने अपने करियर में महज 16 फिल्में डायरेक्ट की. पर काम अपने दौर के बड़े स्टार्स के साथ किया. राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, राजकुमार, शशि कपूर, रेखा, अमरीश पुरी और ऐसे ही तमाम नाम. इस्माइल ने ही गोविंदा को लॉन्च किया. अपने करियर की पहली फ़िल्म 'लव 86' गोविंदा ने इस्माइल के साथ ही की. गोविंदा आज शायद जो कुछ हैं, उनमें बहुत बड़ा हाथ इस्माइल का भी है. इस्माइल उन्हें मौक़ा न देते, तो गोविंदा ना जाने कहां होते. उनकी मौत पर खुद गोविंदा ने ईटाइम्स से बात करते हुए इसी से मिलती-जुलती बात कही:

मैं इस खबर से बहुत उदास हूं. मेरे करियर की शुरुआत उन्हीं के साथ हुई थी. ऊपर वाला उनको जन्नत नसीब करे. उन्होंने मुझे सिर्फ काम ही नहीं दिया. बल्कि मुझ पर भरोसा भी जताया. वो मेरी जिंदगी के पहले इंसान थे, जिन्होंने कहा कि गोविंदा को सिनेमा की समझ है. मुझे गोविंद से गोविंदा बनाने में उनकी बड़ी भूमिका है.

ऐक्टर पद्मिनी कोल्हापुरे ने इस्माइल के साथ 'थोड़ी सी बेवफ़ाई' और 'आहिस्ता आहिस्ता' में काम किया. उसी काम को याद करते हुए उन्होंने कहा:

मैंने उनके साथ 'थोड़ी सी बेवफ़ाई' और 'आहिस्ता आहिस्ता' की. 'आहिस्ता आहिस्ता' मेरे दिल के बहुत करीब है. वो काम को लेकर बेशक सख्त थे, लेकिन उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कुराहट रहती थी. बतौर एक्टर-डायरेक्टर हमारी काफी अच्छी बनती थी. वो बेहद सेंसेटिव डायरेक्टर थे. उनका जाना हम सभी के लिए बड़ा नुकसान है. वो इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़कर गए हैं.

फ़िल्ममेकर अशोक पंडित ने ट्वीट किया:

फ़िल्ममेकर इस्माइल श्रॉफ के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ. उन्होंने 'आहिस्ता-आहिस्ता', ‘बुलंदी, ‘थोड़ी सी बेवफ़ाई’, ’सूर्या' समेत कई हिट फिल्में डायरेक्ट कीं. फ़िल्म इंडस्ट्री को एक और बड़ा नुकसान. उनके परिवार को संवेदना. ॐ शांति!

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