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'कॉफी विद करण' देख दीपिका पर कीचड़ उछालने वालों को अपनी कुंठाओं पर लगाम लगाना सीखना पड़ेगा

दीपिका पादुकोण ने कहा कि रणवीर सिंह से मिलने के बाद वो कैजुअल डेटिंग कर रही थीं. रणवीर के प्रपोज़ करने के बाद ही उन्होंने कमिट किया. इसके बाद लोग उन पर टूट पड़े हैं. एक से एक वाहियात मीम बना रहे हैं. कुंठा का मेला सजा हुआ है सोशल मीडिया पर.

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'कॉफी विद करण 8' का पहला एपिसोड आया और इंटरनेट पर बवाल शुरू हो गया.

Koffee With Karan 8. बीती 26 अक्टूबर से X पर ये शो ट्रेंड कर रहा है. शो के पहले एपिसोड में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह पहुंचे थे. शो पर दीपिका पादुकोण ने मेंटल हेल्थ जैसे टॉपिक पर बात की. लेकिन दुर्भाग्यवश इस पर कोई बात नहीं करेगा. हमें अपने और दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य पर सहजता से बात करने में अभी लंबा रास्ता तय करना है. खैर इस एपिसोड के बाद से ही दीपिका पादुकोण पर कीचड़ उछालना शुरू कर दिया गया है. खुद की मर्दानगी में इनसिक्योर रहने वाले पुरुष तुरंत उनके चरित्र पर हमला करने दौड़े. दीपिका ने ‘कॉफी विद करण’ पर कहा कि वो रणवीर से मिलने के बाद कैजुअल डेटिंग कर रही थीं. ये सुनकर कमज़ोर रीढ़ वालों का हाज़मा बिगड़ गया है.

हुआ ये कि करण जौहर ने दोनों से एक सवाल पूछा. कि पहली बार मिलने के बाद दोनों ने डेटिंग कब शुरू की. रणवीर ने तपाक से जवाब दिया कि पहली मुलाकात के अगले दिन ही. रणवीर ने कहा कि वो हर दिन दीपिका के फिल्म सेट पर जाते थे. दीपिका ने आगे कहा,

मैं सिंगल थी. रणवीर एक रिलेशनशिप से बाहर आए थे. मैं कुछ समय तक सिंगल रहना चाहती थी क्योंकि मैं कुछ मुश्किल रिलेशनशिप्स से बाहर निकली थी. मैं उस दौर में थी, जहां सोचती थी कि मुझे अटैच नहीं होना, कमिट नहीं करना है. मैं सोचती थी कि मुझे बस मज़ा करना है, क्योंकि ये उम्र भी वैसी है. फिर ये (रणवीर) आए. मैंने इन्हें कमिट नहीं किया था. जब तक इन्होंने मुझे प्रपोज़ नहीं किया था, तब तक कोई असली कमिटमेंट शामिल नहीं थी. टेक्निकली हम दूसरे लोगों से मिल सकते थे. हम लौटकर एक-दूसरे के पास आ रहे थे. मैं दूसरे कई लोगों से मिली लेकिन उनसे मिलकर कोई उत्साह पैदा नहीं हुआ. अपने दिमाग में मैं इनकी (रणवीर) ओर कमिटेड थी. मैं दूसरे लोगों से मिल रही थी लेकिन मेरे दिमाग में था कि मुझे इनके (रणवीर) पास ही वापस जाना है. 

सोशल मीडिया पर लोग लिखने लगे कि रणवीर सिंह के साथ धोखा हो गया. वो प्लान बी थे. दीपिका ऐसी हैं-वैसी हैं. पहली बात तो किसी के पब्लिक फिगर होने का ये अर्थ नहीं कि आप उनके जीवन और उसमें लिए गए फैसलों पर अपना राज समझें. हमें खुद के और दूसरों के जीवन में बहुत बड़ी रेखा खींचना सीखना होगा. ये हमारे समाज में ज़्यादा मुश्किल है, जहां हम रील और रियल में फर्क नहीं कर पाते. ऊपर से कैजुअल डेटिंग जैसे कॉन्सेप्ट पर एक औरत ने बात की है. वो हमेशा से ही समाज के लिए आसान टारगेट रही हैं. निजी कुंठाओं को बाहर उड़ेलने का रास्ता मिल जाता है. इस केस में भी यही हो रहा है. लोग दीपिका पर टूट पड़े हैं. एक से एक वाहियात मीम बना रहे हैं. कुंठा का मेला सजा हुआ है सोशल मीडिया पर. लोगों को अपनी कुंठाओं पर लगाम लगाना सीखना ही होगा. ये दीपिका की लाइफ है और वो ही इसकी मालिक हैं. खलिहर समाज नहीं. सिंपल. 

विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘ओमकारा’ तो सबने देखी ही होगी. उसमें अजय देवगन और कोंकणा सेन के बीच एक सीन है. अजय का कैरेक्टर ओमकारा अपनी पत्नी डॉली (करीना कपूर) पर शक कर रहा होता है. कहता है कि जो अपने बाप की सगी नहीं हुई, वो किसी और की क्या होगी. इस पर इंदु (कोंकणा) उसे टोकती है. जवाब में कहती है,  

तिरया चरित्र....हां? जब ग्रंथों ने कलंक को हमारे माथे की बिंदी बना दिया है, तो आपकी क्या गलती ओमी भैया. 

बाकी आप समझदार हैं ही.