दीपक तिजोरी. नाइंटीज़ हिंदी सिनेमा के ज़रूरी किरदार. हीरो के रूप में लोगों को याद नही रहते. याद रहते हैं हीरो के दोस्त के रूप में. हीरो की हीरोइन को इम्प्रेस करने वाले लड़के के रूप में. या फिर आमिर के भाई की साइकिल तोड़ने वाले शेखर मल्होत्रा के रूप में. दीपक की एक फिल्म आ रही है. ‘इत्र’ के नाम से. उसी के प्रोमोशन को लेकर वो इंटरव्यू दे रहे हैं. अपने एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने ‘कभी हां कभी ना’ पर बात की. शाहरुख की वो फिल्म जहां हीरो की शादी हीरोइन से नही हुई. दीपक तिजोरी के किरदार से हुई.
"शाहरुख की फिल्म की एंडिंग बदलवाई, खूब गालियां पड़ी" - दीपक तिजोरी
दीपक ने बताया कि वो पहले 'कभी हां कभी ना' क्यों नही करना चाहते थे.

दीपक ने बताया कि वो शुरुआत में ये फिल्म नहीं करना चाहते थे. बॉलीवुड हंगामा से बातचीत में बताया,
उस वक्त शाहरुख, कुंदन (शाह), अज़ीज़ मिर्ज़ा और सईद मिर्ज़ा एक टीम में थे. जिस तरह मैं, राहुल भट्ट, विक्रम भट्ट और पूजा भट्ट एक टीम में थे. जब मुझे पता चला कि ये लोग शाहरुख को हीरो की तरह लॉन्च करने वाले हैं. मैंने सोचा कि बॉस इधर खतरा है. मुझे इसमें इंवॉल्व नही होना.
दीपक बताते हैं कि ‘जाने भी दो यारों’ के बाद से ही उन्हें कुंदन शाह के साथ काम करना था. लेकिन इस फिल्म के हीरो शाहरुख थे. इसलिए वो फिल्म करने से हिचकिचा रहे थे. कुंदन ने उन्हें रोल के लिए अप्रोच किया. टालमटोली के बाद कुंदन ने कहा कि कम-से-कम स्क्रिप्ट पढ़ लो. दीपक ने सीधे तौर पर फिल्म को हां तो नही किया. लेकिन उसके क्लाइमैक्स में बदलाव सुझाया. असली कहानी में उनके किरदार की हीरोइन से शादी नही होती. दीपक ने इसे बदलने का मशवरा दिया. कुंदन को उनकी बात जम गई. क्लाइमैक्स बदला गया. दीपक बताते हैं कि इस सुझाव की वजह से मेकर्स को गालियां भी पड़ी.
अब अगर देखें तो ‘कभी हां कभी ना’ को कल्ट दर्जा दिलाने में उसकी एंडिंग का भी अहम योगदान रहा. एक हीरो जो घरवालों से झूठ बोलता रहा. परफेक्ट नहीं. जिस लड़की से प्यार करता, उसे अपना बनाने के लिए उसके बारे में फ़िज़ूल की अफवाहें फैलाता. हीरो के इतना सब करने के बाद हीरोइन को उसे ही चुनना चाहिए जिससे वो प्यार करती है. ज़रूरी नहीं कि हीरो कैसा भी हो, कुछ भी करे और हैप्पी एंडिंग ले जाए.
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