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'करी एंड साइनाइड': क्या है जॉली जोसफ के कत्लों की कहानी?

Curry & Cyanide: The Jolly Joseph Case नाम की डॉक्यूमेंट्री नेटफ्लिक्स पर आई है. ये कूडाथाई किलिंग्स पर आधारित है.

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जॉली जोसफ और उनके बच्चे.

जब जब बात क्राइम थ्रिलर डॉक्यूमेंटरीज़ की उठती है, तब तब Netflix बाज़ी मार ही लेता है. आपको House of Secrets तो याद ही होगी. अब नेटफ्लिक्स पर एक और ऐसी ही दिल दहला देने वाली डाक्यूमेंट्री आई है. इसका नाम है Curry & Cyanide: The Jolly Joseph Case. हाल ही में आई Christo Tomy की ये डाक्यूमेंट्री सोशल मीडिया पर धीरे धीरे अपना माहौल बना रही है. ये फिल्म 2002-2016 के बीच हुई कूडाथाई किलिंग्स पर आधारित है. इस कहानी के चिठ्ठे 2019 में खुले. सच्चाई ने पूरे देश को हिला डाला.

क्या है कूडाथाई किलिंग्स की कहानी?

जॉली जोसफ का ये भयानक केस, कूडाथाई सीरियल किलिंग्स के नाम से भी मशहूर है. 2002-2016 के बीच केरला के कूडाथाई इलाके में एक ही परिवार के 6 लोगों की हत्या हुई थी. 2019 में जब इस केस की पोल खुली, तो पता लगा कि 6 में से तीन की मौत साइनाइड के कारण हुई थी. हालांकि केस की छान-बीन अभी तक चल रही है. अनुमान है कि बाकी सभी की मृत्यु भी साइनाइड से हुई थी. ये साइनाइड उन्हें खाने के ज़रिये दिया गया था. इन सभी हत्याओं का शक उस परिवार की बहू जॉली जोसफ पर आया.

जॉली जोसफ ने 1997 में अपनी झूठी एजुकेशनल क्वॉलिफिकेशन दिखाकर रॉय थॉमस से शादी की. थॉमस परिवार कूडाथाई का एक नामी परिवार था. जॉली हमेशा से ही एक ऐसे परिवार का हिस्सा बनना चाहती थी, जो अमीर और प्रतिष्ठित हो. रॉय थॉमस से शादी करके जॉली की ये इच्छा पूरी हुई. आगे चलकर उसका लालच बढ़ने लगा. कत्लों का सिलसिला शरू हुआ रॉय थॉमस की मां, अन्नमा थॉमस की मौत से और ख़त्म हुआ रॉय की भाभी, सिली की डेथ पर. एक बुजुर्ग से लेकर एक दो साल की बच्ची तक, जॉली ने किसी को भी नहीं छोड़ा. हर क़त्ल के बीच में कुछ सालों का अंतर था, जिस वजह से पुलिस को भी जॉली पर शक नहीं हुआ.

हत्याओं की सच्चाई सामने आने पर भी जॉली को कोई अफसोस नहीं थी. वो बार-बार अपनी कहानियां बदल रही थी. 'करी एंड साइनाइड' आपको जॉली की साइकोलॉजी के बारे में सोचने पर मजबूर करती है.

कैसी है ये डॉक्यूमेंट्री?

बात करें डाक्यूमेंट्री की तो, ये फिल्म अपने स्टाइल में 'द हाउस ऑफ़ सीक्रेट्स' से काफी मेल खाती है. नेशनल अवार्ड विनिंग राइटर क्रिस्टो टॉमी ने ठोस इमेजरी का इस्तेमाल किया है. अलग अलग सीन्स में, आपको क्रॉस इसा मसीह की तस्वीरें दिखाई जाती हैं. डायरेक्टर ने जान-बूझकर इन तस्वीरों और जॉली के हाथों हुए मर्डर्स को साथ दिखाया है. इस केस की तफ्तीश अभी तक चल रही है. इसलिए ये डॉक्यूमेंट्री हमें कई सारे सवालों के साथ भी छोड़ जाती है. फिल्म में सीलुएट (silhouette) तकनीक (एक ऐसी तकनीक जिसमें सूरज की रोशनी में सिर्फ किरदारों की एक आउटलाइन दिखती है, पर चेहरा नहीं दिखता) का इस्तेमाल किया गया है. एक घंटे पैंतीस मिनट की इस डाक्यूमेंट्री में बैकग्राउंड म्यूज़िक का इस्तेमाल भी बिलकुल नाप-तोल कर किया गया है. इस फिल्म में सस्पेंस भी है. अपने स्टाइल के ज़रिये फिल्म ने कहानी के सस्पेंस को कायम रखने की सफल कोशिश की है. इसलिए ये आपको अंत तक बांधे रखेगी.  

‘करी एंड साइनाइड’ के डायरेक्टर क्रिस्टो टॉमी इससे पहले Sweetheart और Virgin  नाम की फिल्में भी बना चुके हैं. इन फिल्मों को क्रिटिकल अक्लेम मिली थी. अगर आप क्राइम थ्रिलर फैन हैं तो 'करी एंड साइनाइड' आपके लिए मस्ट वॉच डॉक्यूमेंट्री है.


ये स्टोरी हमारे साथ इंटर्नशिप कर रहीं खुशी वत्स ने लिखी है.


 

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