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सिद्धू मूसेवाला से पहले इन पांच सेलेब्रिटीज़ की भी हत्या हुई थी!

वो सेलेब्रिटीज़ जिन्हें कुदरत ने नहीं, इंसानों की वहशत ने मारा. धर्मेन्द्र के भाई से लेकर गुलशन कुमार तक के नाम इस लिस्ट में शामिल हैं.

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वो पांच सेलेब्रिटीज़, जिनकी रियल लाइफ ट्रैजिक नोट पर खत्म हुई.

29 मई, 2022 को पंजाबी म्यूज़िक आइकॉन सिद्धू मूसेवाला की गोलियां मारकर हत्या कर दी गई. उनके अपने गांव मनसा में उन पर ये हमला हुआ. घटनास्थल पर मौजूद मेसी नाम के शख्स के मुताबिक सिद्धू की कार पर 35 से 40 राउंड फायरिंग हुई. सिद्धू को तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया, फिर भी उनकी जान नहीं बच सकी. 

सिद्धू मूसेवाला के मर्डर से सिर्फ म्यूज़िक कम्यूनिटी ही नहीं, बल्कि पूरा देश शॉक में है. लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब किसी सेलेब्रिटी की निर्मम हत्या कर दी गई हो. इतिहास में ऐसे कई नाम मिलते हैं, देसी भी और विदेशी भी. उनमें से कुछ के बारे में जानते हैं. 

#1. गुलशन कुमार 

टी सीरीज़ के फाउंडर गुलशन कुमार हर सुबह और शाम मुंबई के अंधेरी में स्थित शिव मंदिर जाते. 12 अगस्त, 1997 की सुबह भी वो शिव मंदिर पूजा के लिए गए. करीब 15 मिनट के बाद वो मंदिर से बाहर आए. अपनी गाड़ी के पास पहुंचे, उसका दरवाज़ा खोला. तभी पीछे से उनके कंधे को किसी चीज़ ने छूआ. वो बंदूक की नली थी. गुलशन जितनी देर में पीछे मुड़े, उन पर बुरी तरह फायरिंग होने लगी. हमलावर का एक और साथी था. दोनों मिलकर फायरिंग करने लगे. गुलशन कुमार बचकर भागने लगे. लेकिन तभी तीसरे हमलवार ने उन पर गोलियां दागना शुरू कर दिया. 

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बताया गया कि नदीम और गुलशन कुमार में एक एलबम को लेकर मतभेद चल रहा था. 

ज़ख्मी हालत में उन्हें मुंबई के कूपर हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. म्यूज़िक कम्पोज़र नदीम-श्रवण की जोड़ी से नदीम सैफी का नाम भी इस केस से जुड़ा. बताया गया कि नदीम का गुलशन के मर्डर में हाथ था. हालांकि, बाद में उनका नाम इस केस से क्लियर हो गया. पुलिस ने तीन हत्यारों में से एक अब्दुल रौफ को कोलकाता से अरेस्ट कर लिया. रौफ को आगे चलकर उम्रकैद की सज़ा हुई. 


#2. चमकीला 

21 जुलाई, 2021 को सिद्धू मूसेवाला का एक गाना रिलीज़ हुआ, ‘पावर’. उसमें एक लाइन थी,

तुम्बी ताम्बी छड़ रखे 315, ओ सिद्धू मूसेवाला चमकीला थोड़े आं.

इस लाइन का मतलब था, तुम्बी छोड़कर 315 राइफल रखी है, मैं सिद्धू मूसेवाला हूं, चमकीला थोड़े हूं. चमकीला तुम्बी पर अपने गाने गाते. वो गाने जो पंजाबी कल्चर और उसकी मिट्टी का ज़रूरी हिस्सा बन चुके हैं. चमकीला उस दौर के गायक थे, जब पंजाबी गायक हीर-रांझा और साहिबा-मिर्ज़ा पर गाने बना रहे थे. ऐसे में चमकीला के गाने ज़मीनी हकीकत की बात करते. वो हकीकत जो सुनने में अच्छी नहीं लगती, न ही उसे सुनने पर कलेजे में कोई ठंडक पड़ती. अमर सिंह चमकीला अपनी पत्नी अमरजोत कौर के साथ गाते. चमकीला के गानों की फैन फॉलोइंग बढ़ने लगी, लेकिन ऐसे भी लोग थे जो उनसे खार खाने लगे. उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगी. 
08 मार्च, 1988 की दोपहर को चमकीला अपने ग्रुप के साथ पंजाब के मेहसामपुर गांव में परफॉर्म करने वाले थे. जैसे ही वो अपनी गाड़ी से उतरे, उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगी. हमले में पति-पत्नी मारे गए. उन्हें किसने मारा, क्यों मारा, ये सवाल आज भी वैसे के वैसे बने हुए हैं.    


#3. वीरेंद्र सिंह देओल 

वीरेंद्र सिंह देओल. हिंदी फिल्मों के सुपरस्टार धर्मेन्द्र के चचेरे भाई. जिन्हें पंजाबी सिनेमा का धर्मेन्द्र भी कहा जाता था. वजह थी कि वो धर्मेन्द्र जैसे दिखते थे. दोनों ने 1975 में आई ‘तेरी मेरी इक जिंदड़ी’ नाम की फिल्म में स्क्रीन भी शेयर की थी. पंजाबी सिनेमा में काम करने वाले वीरेंद्र ने खुद को सिर्फ एक्टिंग तक लिमिट नहीं किया. बल्कि, फ़िल्में डायरेक्ट और प्रड्यूस भी की. एटीज़ में एक्टिव रहे वीरेंद्र ने करीब 25 फ़िल्में बनाई. 1988 में वो अपनी फ़िल्म ‘जट्ट ते जमीन’ की शूटिंग कर रहे थे. सेट पर कुछ अज्ञात शख्स पहुंचे, और उन्होंने वीरेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी. 

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वीरेंद्र देओल की फिल्म से एक स्टिल. 

ये कभी पता नहीं चल पाया कि वो लोग कौन थे, और उन्होंने वीरेंद्र का मर्डर क्यों किया. हालांकि, बताया जाता है कि वीरेंद्र की प्रोफेशनल सक्सेस से कुछ लोग चिढ़ने लगे थे, और शायद उन्होंने अपनी नफरत में ऐसा किया हो. 


#4. प्रिया राजवंश 

मैंने पहली बार प्रिया राजवंश को ‘कुदरत’ में देखा था. जब भी हम किसी एक्टर को पहली बार देखते हैं तो उनमें किसी-न-किसी को खोजने की कोशिश करते हैं, कि ये उन जैसा दिखता है, या इनकी आवाज़ उस एक्ट्रेस की तरह है. प्रिया राजवंश को देखकर ऐसा कोई नाम याद नहीं आया. उनकी आवाज़, उनकी ग्रेस उन्हें पहली प्रिया राजवंश बनाती है. प्रिया बचपन से एक्टिंग में इंट्रेस्टिड थी. शिमला के अपने स्कूल में नाटक किया करतीं. स्कूली पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें लंदन शिफ्ट होना पड़ा. वो अपनी फैमिली के साथ वहीं रहने लगी. वो भले ही लंदन चली गई, लेकिन उनका वहां खींचा गया एक फोटोग्राफ इंडिया पहुंच गया. 

वो भी हिंदी फिल्मों के डायरेक्टर चेतन आनंद के पास. चेतन अपनी फिल्म ‘हकीकत’ पर काम कर रहे थे. उन्होंने प्रिया को उसमें एक रोल ऑफर कर दिया. ‘हकीकत’ के बाद प्रिया ने अपने करियर में कुल छह और फ़िल्में की. इन सभी फिल्मों के डायरेक्टर चेतन आनंद थे. ट्रिब्यून को दिए एक इंटरव्यू में प्रिया के भाई कुंवर बताते हैं कि प्रिया राजवंश को बनाने वाले आदमी चेतन आदमी थे. फिर भी वो उनकी ज़िंदगी की सबसे बड़ी ट्रैजडी थे. प्रिया और चेतन एक दूसरे के बेहद करीब थे. हालांकि, चेतन उस वक्त शादीशुदा थे. फिल्म जर्नलिस्ट शीला वेणुसा ने रेडिफ़ के लिए लिखे आर्टिकल में बताया कि प्रिया उनकी प्रेमिका थीं. 1997 में चेतन आनंद की डेथ हो गई. उनके गुजरने के बाद वसीयतनामे में तीन नाम पाए गए – उनके बेटों केतन और विवेक के और तीसरा प्रिया राजवंश का. 

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फिल्म ‘हीर रांझा’ में राजकुमार के साथ प्रिया राजवंश.  

चेतन का जुहू स्थित बंगला इन तीनों लोगों के नाम पर था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रिया उसे बेचना चाहती थीं. जिस वजह से आपसी मनमुटाव होने लगे. 27 मार्च, 2000 की तारीख को प्रिया राजवंश की उसी बंगले में हत्या हो गई. उनके घर पर काम करने वाले अशोक चिन्नास्वामी और माला चौधरी को दोषी पाया गया. विवेक और केतन पर हत्या का षड़यंत्र रचने का आरोप लगा. केस चला, जिसके बाद उन्हें 2011 में सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया.    


#5. मीनाक्षी थापा 

साल 2012. मुंबई शहर. मधुर भंडारकर की फिल्म ‘हिरोइन’ की शूटिंग चल रही थी. करीना कपूर लीड में थी. नेपाल से आई एक लड़की भी इस फिल्म का हिस्सा थी. इससे पहले एक-दो लो बजट फ़िल्में कर चुकी थी. इस लड़की का नाम था मीनाक्षी थापा, जिसे तलाश थी तो एक बड़े ब्रेक की. मीनाक्षी सेट पर किसी को बताती है कि वो कैसे नेपाल के बड़े घराने से आती हैं. ये बात दो और लोग सुन लेते हैं, अमित जैसवाल और उसकी गर्लफ्रेंड प्रीति सुरीन. ये दोनों उस फिल्म पर बतौर मॉडल कोऑर्डिनेटर काम कर रहे थे. 

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‘हिरोइन’ से एक साल पहले ही मीनाक्षी ने अपना फिल्मी डेब्यू किया था. 

दोनों के दिमाग में एक प्लान आया. उन्होंने मीनाक्षी से जान-पहचान बढ़ाना शुरू कर दिया. उसे बताया कि यूपी में एक प्रड्यूसर है, जो अपनी नई फिल्म के लिए हिरोइन ढूंढ रहा है. मीनाक्षी की प्रड्यूसर से मीटिंग करवाने के बहाने उन्हें अपने साथ गोरखपुर ले आए. जिसके बाद दोनों ने मिलकर मीनाक्षी को किडनैप कर लिया, और उनके परिवार से 1.5 लाख रुपए की मांग की. फिर मिला उन्हें रियलिटी चेक. जब पता चला कि मीनाक्षी के परिवार के पास इतना पैसा नहीं. किसी तरह उनकी फैमिली ने 60,000 हज़ार रुपए अरेंज कर के भेजे. प्रीति और अमित ने पैसे रख लिए, लेकिन मीनाक्षी कभी अपने घर नहीं लौट पाई. उनकी लाश एक पानी की टंकी से बरामद हुई. उनके मर्डर के एक महीने बाद पुलिस ने अमित और प्रीति को अरेस्ट कर लिया. जब दोनों मुंबई के बांद्रा में मौजूद एटीएम में मीनाक्षी का डेबिट कार्ड यूज़ कर रहे थे.  

कोर्ट ने दोनों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई.           

#2. चमकीला21 जुलाई, 2021 को सिद्धू मूसेवाला का एक गाना रिलीज़ हुआ, ‘पावर’. उसमें एक लाइन थी,तुम्बी ताम्बी छड़ रखे 315, ओ सिद्धू मूसेवाला चमकीला थोड़े आं.इस लाइन का मतलब था, तुम्बी छोड़कर 315 राइफल रखी है, मैं सिद्धू मूसेवाला हूं, चमकीला थोड़े हूं. चमकीला तुम्बी पर अपने गाने गाते. वो गाने जो पंजाबी कल्चर और उसकी मिट्टी का ज़रूरी हिस्सा बन चुके हैं. चमकीला उस दौर के गायक थे, जब पंजाबी गायक हीर-रांझा और साहिबा-मिर्ज़ा पर गाने बना रहे थे. ऐसे में चमकीला के गाने ज़मीनी हकीकत की बात करते. वो हकीकत जो सुनने में अच्छी नहीं लगती, न ही उसे सुनने पर कलेजे में कोई ठंडक पड़ती. अमर सिंह चमकीला अपनी पत्नी अमरजोत कौर के साथ गाते. चमकीला के गानों की फैन फॉलोइंग बढ़ने लगी, लेकिन ऐसे भी लोग थे जो उनसे खार खाने लगे. उन्हें जान से मारने की धमकियां मिलने लगी.08 मार्च, 1988 की दोपहर को चमकीला अपने ग्रुप के साथ पंजाब के मेहसामपुर गांव में परफॉर्म करने वाले थे. जैसे ही वो अपनी गाड़ी से उतरे, उन पर ताबड़तोड़ गोलियां चलने लगी. हमले में पति-पत्नी मारे गए. उन्हें किसने मारा, क्यों मारा, ये सवाल आज भी वैसे के वैसे बने हुए हैं.