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FTII ने जिस लड़की की स्कॉलरशिप रोकी, वो वर्ल्ड सिनेमा का बहुत बड़ा अवॉर्ड ले आई

Payal Kapadia ने Cannes Film Festival 2024 का दूसरा सबसे बड़ा प्राइज़ Grand Prix जीतकर भारत का मान बढ़ा दिया. इतिहास रच दिया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन्हीं पायल की स्कॉलरशिप FTII ने रोक दी थी, इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था?

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FTII के इतिहास की सबसे लंबी हड़ताल में पायल शामिल रही थीं.

डायरेक्टर पायल कपाड़िया (Payal Kapadia) की फिल्म All We Imagine As Light ने 77वें कान फिल्म फेस्टिवल (Cannes Film Festival) में भारत के लिए इतिहास रच दिया. उन्होंने यहां का दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार ग्रां प्री (Grand Prix - Jury Prize) जीता है. 30 साल बाद कोई भारतीय फ़िल्म यहां के मेन सेक्शन में कंपीट करने के लिए चुनी गई थी. ऊपर से जीतना तो बहुत बड़ी उपलब्धि है. ऐसा करने वाली वे पहली इंडियन फिल्ममेकर बन गईं. Cannes के टॉप पुरस्कारों (पाम दोर, ग्रां प्री) को आप वर्ल्ड सिनेमा का ऑस्कर बोल सकते हो.

चारों तरफ से पायल को तारीफें मिल रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भारत के टॉप एक्टर्स और डायरेक्टर उन्हें बधाई दे रहे हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि जिस फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) में पायल पढ़ी हैं, वहां उनकी स्कॉलरशिप रोक दी गई थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था?  

दरअसल, बात 2015 की है. FTII के चेयरमैन के पद पर गजेंद्र चौहान का नियुक्त किया गया. पायल और उनके साथी फ़िल्म स्टूडेंट्स ने इसका विरोध किया. उनका कहना था कि गजेंद्र चौहान की पेशेवर योग्यता इस पद पर बैठने की नहीं है. और उनकी नियुक्ति महज एक राजनीतिक नियुक्ति है. FTII के स्टूडेंट्स ने भारी विरोध प्रदर्शन किए. इस संस्थान के इतिहास के सबसे लंबे प्रोटेस्ट इस दौरान चले. प्रोटेस्ट के 68वें दिन FTII के तत्कालीन निदेशक प्रशांत पथराबे ने 2008 बैच को हॉस्टल खाली करने का नोटिस जारी कर दिया. 

पूछने पर प्रशांत ने तर्क दिया कि बच्चों के फिल्म प्रोजेक्ट्स की जांच की गई है, जिनमें अधिकतर अधूरे पाए गए हैं. छात्र उनसे जवाब मांगने गए. उनके ऑफिस को एक ह्यूमन चेन बनाकर घेर लिया. प्रशांत को बाहर निकालने के लिए आधी रात FTII कैंपस में पुलिस आई. पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने 35 लोगों पर नामजद रिपोर्ट दर्ज की. इनमें पायल कपाड़िया का भी नाम था. बाद में FTII ने इन सभी पर अनुशासन तोड़ने संबंधी कार्रवाई की. FTII ने इनकी स्कॉलरशिप रोक दी. साथ ही फॉरेन एक्चेंज प्रोग्राम में भी शामिल नहीं होने दिया गया. पायल कपाड़िया और उनके साथियों का केस अभी कोर्ट में चल रहा है.

“स्लमडॉग मिलियनेयर” (2009) के लिए बेस्ट साउंड मिक्सिंग का ऑस्कर जीतने वाले रसूल पोकुट्टी भी FTII से पढ़े हैं. पायल की जीत पर जबरदस्त खुशी जताते हुए उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखा. अंत में उन्होंने बताया कि पायल को Cannes से भारत लौटकर पेशी के लिए अदालत जाना है. उन्होंने लिखा, 

"कितनी रोचक बात है न!! कि पायल, जो आरोपी नंबर 25 हैं, वे Cannes से भारत आएंगी तो अगले महीने उन्हें अदालत में पेशी के लिए जाना होगा, उस केस के सिलसिले में जो FTII ने गजेंद्र चौहान के खिलाफ हड़ताल करने के लिए उन पर दर्ज कराया था."

कौन हैं पायल कपाड़िया?

पायल कपाड़िया मुंबई में जन्मीं. उन्होंने आंध्र प्रदेश के ऋषि वैली स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद वो मुंबई लौटीं. यहां सेंट ज़ेवियर्स कॉलेज़ से उन्होंने इकोनॉमिक्स में ग्रेज़ुएशन किया. इसके बाद सोफिया कॉलेज़ से एक साल का मास्टर्स किया. फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई के लिए फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) जॉइन किया. पायल की मां नलिनी मालिनी भारत की फर्स्ट जनरेशन वीडियो आर्टिस्ट बताई जाती हैं.

पायल ने करियर की शुरुआत शॉर्ट फिल्म से की थी. उन्होंने 2014 में पहली फिल्म Watermelon, Fish and Half Ghost बनाई. इसके बाद 2015 में Afternoon Clouds बनाई जो Cannes में गई थी. फिर उन्होंने The Last Mango Before the Monsoon (2017) और And What is the Summer Saying (2018) डॉक्यूमेंट्री बनाई.

इसके बाद उनकी Cannes में पहली जीत हुई. 2021 उनकी डॉक्यूमेंट्री A Night of Knowing Nothing को यहां The Golden Eye मिला, जो फेस्ट की बेस्ट डॉक्यूमेंट्री को दिया जाता है. मज़े की बात है कि ये डॉक्यूमेंट्री FTII में स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट्स पर बेस्ड थी. 

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