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वो पांच अस्त्र कौन से हैं जिनका जिक्र रणबीर-आलिया की ब्रह्मास्त्र में किया गया है?

‘ब्रह्मास्त्र’ कहानी है पौराणिक काल से मौजूद उन अस्त्रों की जिसकी रक्षा का ज़िम्मा ‘ब्रह्मांश’ के सदस्यों के पास है.

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ब्रह्मास्त्र मूवी में रणबीर कपूर अग्नि अस्त्र बने हैं.

जितनी जनता आज कल थिएटर में फिल्म देखने नहीं जाती उससे ज़्यादा सोशल मीडिया पर मिल जाती है. मिलकर एक नया मिशन चलाती है. बॉयकॉट मिशन. इस बॉयकॉट ट्रेंड से कोई एक्टर अछूता नहीं रहा. आमिर खान से लेकर अक्षय कुमार तक और सलमान से लेकर रणबीर कपूर तक. हर किसी की फिल्म को उसकी रिलीज़ से पहले ही बॉयकॉट करने की बात की जाने लगी. बॉयकॉट की इसी अग्निपरीक्षा को पार करके थिएटर में रिलीज़ हुई है ‘ब्रह्मास्त्र’. 400 करोड़ से ज़्यादा का बजट. अयान मुखर्जी की 10 साल की मेहनत का रिव्यू तो सुन ही लिया होगा. 

‘ब्रह्मास्त्र’ कहानी है पौराणिक काल से मौजूद उन अस्त्रों की जिसकी रक्षा का ज़िम्मा ‘ब्रह्मांश’ के सदस्यों के पास है. इन सभी अस्त्रों का भी एक महा-अस्त्र है. जिसका नाम है ‘ब्रह्मास्त्र’. बेसिकली ब्रह्मास्त्र जिसके पास होता है वो ही सबसे ज़्यादा शक्तिशाली है. ब्रह्मास्त्र के पीछे कुछ बुरे लोग हैं. जो इनके रक्षकों को मारकर इसे पाना चाहते हैं.

 ब्रह्मास्त्र के रक्षकों के पास भी कुछ खास अस्त्र हैं. ये अस्त्र क्या हैं, इनकी शक्तियां क्या हैं और इनके इस्तेमाल से क्या-क्या किया जा सकता है. बात इसी पर.

सबसे पहले समझिए अस्त्र होते क्या है?

महाभारत और रामायण के पन्ने उलटेंगे तो आपको त्रिशूल, सुदर्शन चक्र, नारायणास्त्र जैसे कई अस्त्रों के नाम दिखाई देंगे. अस्त्र यानी हथियार. अब अभी जो नाम हमने लिखे ये वो अस्त्र हैं जिन्हें मंत्रों के उच्चारण से चलाया जा सकता है. ये सुपरनैचुरल होते हैं. जिसमें एक खास तरह की एनर्जी होती है. इन अस्त्रों की एनर्जी का इस्तेमाल आत्मरक्षा के लिए किया जाता था. कभी-कभी दुष्टों (असुरों) के विनाश के लिए भी. इन अस्त्रों का इस्तेमाल करने वालों को अस्त्रधारी कहा जाता है. पौराणिक कहानियों के अनुसार ये अस्त्र किसी आम इंसान के लिए नहीं होते. अस्त्रधारी बनने के लिए विशेष शिक्षा की ज़रूरत होती है.

ये अस्त्र पर्सन टू पर्सन ट्रांसफर होता है. जैसे गुरु से अपने शिष्य को. इन अस्त्रों को बुलाने के लिए या आज की भाषा में कहें एक्टिवेट करने के लिए विशेष मंत्रों का उच्चारण करना पड़ता है. जिस देवता का आवाहन किया जाता है वो इन अस्त्रों को विशेष ताकत प्रदान करता है. इन अस्त्रों का उपयोग भी कुछ विशेष परिस्थिति में ही किया जाता है. इसे रखने वाले अस्त्रधारी को इसका इस्तेमाल ज़िम्मेदारी से करना होता है. ना करने पर मृत्युदंड दिया जाता था.

ब्रह्मास्त्र में दिखे अस्त्र
 

वानर अस्त्र 

‘ब्रह्मास्त्र’ का ट्रेलर आते ही शाहरुख के कैमियो की चर्चा थी. फिल्म में उनके पास वानर अस्त्र है. पौराणिक कथाओं में वानर अस्त्र का कोई ज़िक्र नहीं मिलता. लेकिन फिल्म में ये अस्त्र रामायण के हनुमान और उनकी वानर सेना से इंस्पायर्ड लगता है. जिस वक्त रावण, सीता का हरण कर उन्हें लंका ले गया उसके बाद श्रीराम उन्हें ढूंढने निकलते हैं. उनकी मदद के लिए वानर सेना भी उनके साथ चलती है. हनुमान की इसी सेना और उनके अस्त्रों की शक्तियां वानर अस्त्र में हैं. जिसका इस्तेमाल शाहरुख करते हैं.

नंदी अस्त्र 

नंदी अस्त्र, भगवान शिव की सवारी नंदी से प्रेरित लगता है. इस अस्त्र का भी ज़िक्र किसी पौराणिक कथाओं में नहीं हैं. लेकिन फिल्म के अनुसार नंदी की शक्तियों को जुटा कर बनाए गए नंदी अस्त्र में कई लाख नंदियों यानी बैलों की शक्ति है. 

जिसका इस्तेमाल फिल्म में बुराई को हराने के लिए किया जाता है. फिल्म में नागार्जुन के पास ये नंदी अस्त्र होता है.

प्रभास्त्र 

प्रभा का मतलब होता है रोशनी. वैसे तो प्रभास्त्र का ज़िक्र पुराणों में नहीं मिलता. लेकिन कहीं ना कहीं ये अस्त्र इंद्र के ‘वज्रास्त्र’ से प्रेरित लगता है. फिल्म में अमिताभ बच्चन के पास ये अस्त्र होता है. जिसके अंदर इतनी एनर्जी होती है जो किसी की भी जान ले सकता है. 

अमिताभ का ये अस्त्र भी कुछ ऐसा ही है.

अग्नि अस्त्र 

पुराणों में अग्नि अस्त्र का ज़िक्र मिलता है. महाभारत और रामायण में अग्नि अस्त्रों का इस्तेमाल किया गया है. पुराणों के अनुसार अग्निअस्त्र एक बाण जैस हथियार होता है. जिसे चलाने के लिए अग्नि देव का आवाहन करना पड़ता है. चूंकि अग्नि सबकुछ जला कर राख कर देती है, इसलिए अग्निअस्त्र को कुछ महत्वपूर्ण अस्त्रों में गिना जाता है. 

रामायण में लक्ष्मण ने रावण के अग्निअस्त्र का सामना किया था. वहीं महाभारत में ये अग्नि अस्त्र द्रोणाचार्य के पास था. जिसमें अग्नि जलाने के लिए महर्षि भारद्वाज का आवाहन किया जाता था. मूवी में रणबीर कपूर अग्नि अस्त्र बने हैं.

ब्रह्मास्त्र

वेद-पुराणों में ज़िक्र मिलता है कि भगवान ब्रह्मा ने दैत्यों के नाश के लिए ब्रह्मास्त्र बनाया था. ब्रह्मास्त्र का अर्थ होता है ब्रह्म यानी (ईश्वर) का अस्त्र. ब्रह्मास्त्र को दैवीय हथियार कहा जाता है. पुराणों के अनुसार ये अचूक और सबसे भयंकर अस्त्र है. जो व्यक्ति इस अस्त्र को छोड़ता था, वही इसे वापस लेने की क्षमता भी रखता था. 

ब्रह्मास्त्रों के आपस में टकराने से प्रलय की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इससे समस्त पृथ्वी के समाप्त होने का भय रहता है.

‘ब्रह्मास्त्र’ फिल्म की कहानी इसी ब्रह्मास्त्र की है. जिसके पीछे बुरी शक्तियां हैं. फिल्म के दूसरे पार्ट, ‘ब्रह्मास्त्र पार्ट टू-देव’ में इसी ब्रह्मास्त्र की कहानी को और एक्सप्लोर किया जा सकता है. 

वीडियो: ब्रह्मास्त्र में शाहरुख खान, नागार्जुन और डिंपल कपाड़िया का कितना रोल है