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'अमिताभ बच्चन को बकरी की आंत लगी है' जैसी 9 फिल्मी अफवाहें, जिन्हें हमने बचपन में सच माना

हमने बचपन में कई सारी फ़िल्मी अफवाहें सुनी होंगी. उनको सच भी माना होगा. ऐसी ही कुछ तगड़ी अफवाहें पढ़िए.

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सनी देओल के बारे में भी बहुत सी अफवाहें थीं

बचपन में देखी थी एक पिच्चर, नाम था 'गदर'. उसमें सनी पाजी जाते हैं पाकिस्तान. उखाड़ते हैं हैंडपंप. मैं हमेशा यही सोचता रहा कि सनी देओल में कितना दम है यार, सच में हैंडपंप उखाड़ दिया. मेरे दोस्त भी सब यही सोचते थे. मेरा भी मन करता था. पाकिस्तान जाऊं और वहां के सारे हैंडपंप उखाड़ दूँ. मुझे खाने में जो भी पसंद नहीं था, मम्मी इसी बहाने मुझे वो खिलाती थीं कि ये खाओ तब सनी देओल जितनी ताक़त आएगी. खैर, ये सब बताने का मकसद है कि हमने बचपन में कई सारी फ़िल्मी अफवाहें सुनी होंगी. उनको सच भी माना होगा. चलिए आज उन्हीं का खंडन करते हैं.

अताउल्लाह खान ने अपनी प्रेमिका का कत्ल कर दिया था

नाइंटीज में एक अफवाह खूब चलती थी, 'आप वो बात क्यों पूछते हैं, जो बताने के क़ाबिल नहीं है' ग़लत समझ रहे हैं भाई, ये अताउल्लाह खान का गाना है. इस पर आजकल खूब मीम बनते हैं. उनके बारे में काफी किस्से मशहूर थे. वो जिस लड़की से प्रेम करते थे, उसने उन्हें धोखा दिया. अताउल्लाह ने उसकी शादी में जाकर उसे गोली मार दी. जिसके बाद उम्रकैद की सज़ा हुई. कई लोग तो कहते थे कि फांसी दे दी गई. कहानी के अनुसार अताउल्लाह ने प्रेम में अपनी गर्लफ्रैंड का क़त्ल किया था, इसलिए वो बेगुनाह थे. टी-सीरीज़ वाले गुलशन कुमार को उन्हें पाकिस्तानी जेल से छुड़ाने के लिए खूब सारा पैसा चाहिए था. इसलिए लोग टी-सीरीज़ की कैसेट खूब खरीदते थे. जब अताउल्लाह खान जेल से छूटकर आए तो उन्होंने गाना गाया, 'दिल तोड़ के हंसती हो मेरा'. यहां तक कि अताउल्लाह की कहानी पर फ़िल्म भी बनी 'बेवफा सनम'. जिसमें गुलशन कुमार ने अपने भाई किशन कुमार को लॉन्च किया गया.

'एम्पटीनेस' लिखने वाले की टर्मिनल कैन्सर से मौत हो गई

'तूने मेरे जाना, कभी नहीं जाना' ये वाला गाना तो आपने खूब गुनगुनाया होगा और दूसरों को रिकमेंड भी किया होगा. पर इसका कारण गाने का अच्छा होना नहीं, बल्कि इसकी बैकस्टोरी थी. जो बाद में मिथक साबित हुई. कहा जाता था कि इस गाने को आईआईटी गुवाहाटी के लड़के रोहन राठोर ने टूटे हुए दिल से लिखा था. रोहन सुप्रिया से प्यार करता था. एक दिन उसे पता चला उसे टर्मिनल कैंसर है. इसमें आदमी बहुत दिन नहीं जीता. इस बीमारी के कारण वो सिर्फ 30 दिन जीने वाला था. उसने सुप्रिया को अपनी बीमारी के बारे में बताया. सुप्रिया उसे छोड़कर चली गई. टूटे दिल से Emptiness गाना निकला. उसने ये गाना गाया और 15 दिन बाद मर गया. इसी कहानी के साथ ये गाना शेयर किया जाता. और खूब सुना जाता. कुछ लोगों ने अफवाह सुनी कि रोहन ने मरने से पहले एक चिट्ठी लिखी थी. यही चिट्ठी आगे चलकर गाने की शक्ल में सामने आई. कुछ लोगों का मानना था कि रोहन ने सुप्रिया से ब्रेकअप के बाद सुसाइड कर लिया. इस अफवाह के और भी कई वर्जन हैं, आप के भी कुछ होंगे. हालांकि बाद में ये गाना गजेन्द्र वर्मा का निकला. इसे उनके दोस्त असीम अहमद अब्बासी ने लिखा था. बाक़ी इससे जुड़ी पूरी कहानी आप यहां पढ़ सकते हैं.

'झलक दिखला जा, एक बार आजा' गाना बजाने से भूत आते हैं

एक समय था जब हिमेश के गाने पार्टी की जान हुआ करते थे. इसी कड़ी का एक गाना था 'झलक दिखला जा'. इसको लेकर अफवाह उड़ी थी कि ये गाना बजाने से भूत आ जाते हैं. उस समय टाइम्स ऑफ इंडिया में एक खबर छपी थी कि वडोदरा के एक गांव में इस गाने को बैन कर दिया गया. कोई इसे कहीं बजा नहीं सकता था. उनका कहना था कि 'झलक दिखला जा, एक बार आजा आजा' लाइनें आत्माओं को बुलावा हैं. ये गाना उन आत्माओं को नींद से जगा देता है. फिर वो गांव वालों को सताती हैं. क्या आपने भी ऐसा कुछ सुना था?

'कांटा लगा' वाली लड़की को टैटू के कारण स्किन कैंसर हो गया

2002 में 'कांटा लगा' गाना आया, लोगों ने उसे हाथोंहाथ लिया. भयंकर हिट हुआ. पार्टी की शान बन गया. ये गाना आरडी बर्मन की कम्पोजिशन 'बंगले के पीछे' का रीमिक्स था. इसके ओरिजनल गाने को लता मंगेशकर ने गाया था. 2002 वाले गाने से जुड़ी एक अफवाह खूब उड़ी. इस गाने में जो लड़की दिखती है, उसकी बाजू पर एक टैटू दिखता है. उस लड़की का नाम है शेफाली ज़रीवाला. उनके बारे में कहा जाता था कि टैटू के कारण उन्हें इन्फेक्शन हो गया. उसी के चलते उन्हें स्किन कैंसर हो गया. उनकी डेथ हो गई. फिर वो आत्मा बनकर भटकती थीं. शेफाली के पिता नहीं चाहते थे कि वो ये गाना करें. इस गाने के लिए उन्हें मात्र सात हजार रुपए मिले थे. इस गाने के साथ एक और सेंसलेस अफवाह उड़ी थी कि इस गाने की सिंगर बॉबी डॉल को उनके भाई ने ये गाना गाने के बाद गोली मार दी.

सनी देओल 40 रोटी खाता है

सनी देओल का ज़िक्र हमने शुरू में ही किया था कि जैसे ही उन्होंने पाकिस्तान जाकर 'गदर' में हैंडपंप उखाड़ा. हम नासमझों ने समझ लिया कि सनी पाजी ने हैंडपंप सच में उखाड़ा. इससे जुड़ी ये अफवाह भी थी कि सनी की एंट्री पाकिस्तान में बैन है. ढाई किलो वाले हाथ, फिल्मोग्राफी में ऐक्शन मूवीज की भरमार ने उनके बारे में एक और अफवाह को हवा दी. वो बहुत खाना खाते हैं. इतना कि उसमें क़रीब 10 लोग खाना खा लें. एक बार में सनी देओल 40 रोटी खाते हैं. ऐसी ही कुछ अफवाह दूरदर्शन के रामायण सीरियल में हनुमान बने दारा सिंह के बारे में भी उड़ी थी. कि वो भी कई इंसानों का खाना अकेले खा जाते हैं.

बॉलीवुड में भाई-बहन वाली अफवाहें

बचपन में बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़ी हुई कई सारी अफवाहों से हम दो-चार होते थे. ऐसी ही कुछ अफवाहें थीं, भाई बहन की जोड़ियों से जुड़ी हुई. हमें लगता था कि शिल्पा शेट्टी और सुनील शेट्टी बहन-भाई हैं. कटरीना कैफ और क्रिकेटर मोहम्मद कैफ बहन भाई हैं. अमरीश पुरी और ओम पुरी को लेकर भी कुछ यही लगता था कि वो भाई-भाई हैं. जैकी श्रॉफ और अनिल कपूर ने 'राम-लखन', 'त्रिमूर्ति' समेत कई फिल्मों में एक दूसरे के भाई का रोल किया. इसलिए ये दोनों भी भाई-भाई ही लगते थे.

अमिताभ को बकरी की आंत लगी है

जब 'कुली' फ़िल्म की शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन चोटिल हो गए. बचपन में कहते थे, इसमें उनका खूब खून बहा. जिस कारण सैकड़ों बोतल खून चढ़ा. जब इंसानी खून कम पड़ गया तो बंदर और बकरी का खून चढ़ाया गया. इस हादसे में उनकी आंत भी डैमेज हुई थी. फिर उनको बकरी की आंत लगाई गई. ये भी कहा जाता था कि अब उनको कुछ नहीं होगा क्योंकि उनकी आंत में लोहे की प्लेट फिट कर दी गई है.

मुस्लिम महिला ने हिन्दू गाना गाया, उसका कत्ल हो गया

शहनाज अख्तर नाम की सिंगर ने 2005 में अपना पहला एल्बम लॉन्च किया. इस एल्बम ने धूम मचा दी. इसका गाना ‘छुम-छुम छननन बाजे मइया पांव पैजनिया..' सुपरहिट हुआ. आज तक इस गाने की धूम है. भजन गाने के लिए उन पर फतवा भी ज़ारी किया गया. इससे जुड़ी अफ़वाह ये थी कि मुस्लिम होकर हिन्दू गाना गाने के कारण उनके भाई ने उनका मर्डर कर दिया था. पर विडंबना देखिए कुछ सालों के बाद शहनाज़ पर अपने पति के साथ प्रेमी की हत्या करने का आरोप लगा. इसके लिए उन्हें उम्र कैद की सज़ा भी हुई. 2017 की एक खबर के अनुसार वो पैरोल पर बाहर थीं. अभी उनकी वर्तमान स्थिति का पता नहीं है.

टाइटैनिक की शूटिंग के दौरान सच में लोग मर गए थे

कोई हॉलीवुड फ़िल्म ना भी देखी हो, तब भी 'टाइटैनिक' ज़रूर देखी होगी या नाम सुना होगा. ये फ़िल्म अटलांटिक महासागर में डूबे शिप टाइटैनिक पर बेस्ड है. इस फ़िल्म के लिए कहा जाता था कि शूटिंग के दौरान भी जो शिप बना वो डूब गया था. माने एक शिप 1912 में डूबा और दूसरा फ़िल्म की शूटिंग के दौरान डूबा. दोनों बार कई सारे लोग अटलांटिक महासागर में डूबकर मर गए. बाद में पता चला इसकी शूटिंग एक पूल में हुई थी. बाक़ी सबकुछ पोस्ट प्रोडक्शन किया गया था.